घर पहुंचते ही अपनी मां को मेडल पहनाएंगे पुनीत

बहन की शादी का उतारेंगे कर्ज, कराएंगे पिता का इलाज
संघर्ष कठिन, जज्बात गहरे: जिंदगी बदलेगा एशियाड का पदक
खेलपथ संवाद
मुजफ्फरनगर।
खिलाड़ी बनना आसान नहीं। एक अच्छा खिलाड़ी बनाने में अभिभावकों के त्याग और बलिदान का अहम रोल होता है। मुजफ्फरनगर के पुनीत से बेहतर भला इस मामले में कोई नहीं बता सकता। पुनीत एशियाड में पदक जीतने के बाद बहन की शादी का कर्ज तथा अपने पिता का इलाज कराएंगे।
हांगझोऊ के फुयांग वाटर स्पोर्ट्स सेंटर पर कॉक्स्ड-8 इवेंट में जीते रजत पदक ने रोइंग खिलाड़ियों की झोली खुशियों से भर दी। कठिन संघर्ष के बाद देश का नाम रोशन करने वाले मुजफ्फरनगर के काकड़ा निवासी पुनीत बहन की शादी में लिया कर्ज उतारकर पिता का इलाज कराना चाहते हैं। वह घर पहुंचते ही अपनी मां को मेडल पहनाएंगे। जीत की खुशी पर उन्होंने जज्बात कुछ यूं बयां किए।
स्पर्धा शुरू होने से पहले पुनीत ने साथियों से कहा था, हमें आज पूरा जोर लगा देना है। पदक हम सबकी जिंदगी बदल सकता है...और हुआ भी कुछ ऐसा ही। पदक जीतने के बाद पुनीत की जिंदगी बदलने वाली है। केंद्र व राज्य सरकार से मिलने वाली पुरस्कार राशि उनकी मुश्किलों की राह को आसान बनाएगी। 
पुनीत पदक जीतने के बाद केंद्र और राज्य सरकार से मिली धनराशि से पिता का इलाज करा पाएंगे। पुनीत के पिता फेफड़ों में पानी भरने की बीमारी से जूझ रहे हैं। उन्हें बेटे की सफलता पर गर्व हाे रहा है। चीन के हांगझोऊ में शुरू हुए 19वें एशियाई खेलों में काकड़ा के दिलेर खिलाड़ी पुनीत कुमार ने नौकायन की टीम स्पर्धा में रजत पदक जीता। कामयाब पर गांव में जश्न का माहौल है। किसान पिता कहते हैं कि चांदी जीत ली है, अब बेटे से स्वर्ण की उम्मीद है। पुनीत कहते हैं, अब बहन की शादी के लिए लिया 14 लाख रुपये का कर्ज उतार सकेंगे। दूसरी बहन की शादी बिना कर्ज के धूमधाम से कर सकेंगे।
पुनीत का संघर्ष इसलिए भी बड़ा है, क्योंकि जब वे एशियाड में पदक के लिए लड़ रहे थे, उनके पिता इलाज के लिए अस्पताल में जूझ रहे थे। उनके पिता की 2017 में बाईपास सर्जरी हुई है। उन्होंने कहा कि पदक जीतने के बाद सिर से बड़ा बोझ उतर गया है। पिता के इलाज के बाद पेरिस ओलम्पिक की तैयारियों में जुट जाऊंगा।
पुनीत 2014 में सेना में भर्ती हुए थे। वह सिर्फ नौकरी हासिल करने के लिए कबड्डी खेलते थे। सेना में जाने के बाद रोइंग को जिंदगी का हिस्सा बना लिया। पिछले साल पुनीत ने थाईलैंड में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप में प्रतिभाग कर कांस्य पदक हासिल किया था। पुनीत अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आठ पदक जीत चुका है। पुनीत ने जैसे ही चीन में पदक जीता, लोग उनके आवास पर बधाई देने पहुंचे। ग्रामीणों ने नौकायन खिलाड़ी के प्रदर्शन की सराहना की।

 

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