क्लासेन-मिलर के तूफान में उड़े ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज

सेंचुरियन में दिलाई 'जोहानिसबर्ग 2006' की याद
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
दक्षिण अफ्रीका ने पांच वनडे मैचों की सीरीज के चौथे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 50 ओवर में पांच विकेट पर 416 रन बनाए। सेंचुरियन में शुक्रवार (15 सितंबर) को ऑस्ट्रेलियाई टीम को 2006 में जोहानिसबर्ग के मैदान पर खेला गया ऐतिहासिक मैच याद आ गया होगा। तब अफ्रीकी टीम ने 435 रन के लक्ष्य को हासिल कर लिया था। 
उस मुकाबले में हर्षल गिब्स ने रन चेज करते हुए 175 रन यादगार पारी खेली थी। कुछ ऐसी ही बल्लेबाजी हेनरिच क्लासेन ने सेंचुरियन में खेली। अंतर बस इतना था कि इस बार दक्षिण अफ्रीकी टीम पहले बल्लेबाजी कर रही थी। क्लासेन ने 83 गेंद पर 174 रन की तूफानी पारी खेली। उन्होंने 13 चौके और 13 छक्के लगाए।
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान मिचेल मार्श ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। अफ्रीकी टीम ने एक समय 25 ओवर में दो विकेट पर 120 रन बनाए थे। क्विंटन डिकॉक 45 और रीजा हैंड्रिक्स 28 रन बनाकर आउट हो चुके थे। 
25 ओवर समाप्त होने के बाद अगली ही गेंद पर यानि 26वें ओवर की पहली गेंद पर कार्यवाहक कप्तान एडेन मार्करम आउट हो गए। उन्होंने आठ रन बनाए। उनके आउट होने के बाद हेनरिच क्लासेन क्रीज पर आए। यहां से अफ्रीकी टीम ने रफ्तार पकड़ी। 35वें ओवर की चौथी गेंद पर जब रसी वान डर डुसेन आउट हुए तो स्कोर चार विकेट पर 194 रन हो गया। डुसेन ने 65 गेंद पर 62 रन बनाए। उनके जाने के बाद डेविड मिलर क्रीज पर आए।
क्लासेन और मिलर ने मिलकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर क्लास लगाई। क्लासेन ने 38 गेंद पर अर्धशतक पूरा किया। इसके बाद 19 गेंदों का और सामना कर शतक जड़ दिया। उन्होंने 57 गेंद पर अपना तीसरा शतक पूरा किया। दूसरे छोर पर मिलर उनका साथ दे रहे थे। क्लासेन की तूफानी पारी का अंदाजा इसी लगाया जा सकता है कि जब दोनों के बीच पांचवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई तो उसमें मिलर का योगदान सिर्फ 38 रन का था। इसके बाद 150 रन की साझेदारी पूरी हुई तो मिलर का योगदान 52 रन और 200 रन की साझेदारी में 74 रन था। उन्होंने 45 गेंद पर नाबाद 82 रन बनाए।
दक्षिण अफ्रीका ने आखिरी 15 ओवर में 221 रन बनाए
क्लासेन ने ऑन साइड में 113 और ऑफ साइड में 61 रन बनाए। उनकी तूफानी पारी का ही नतीजा था कि अफ्रीकी टीम ने आखिरी 15 ओवर में 221 रन बना डाले। इनमें आखिरी 10 ओवर में 173 रन बने। ऑस्ट्रेलिया के सभी गेंदबाजों ने 50 से ज्यादा रन दिए। लेग स्पिनर एडम जम्पा ने तो 10 ओवर में 113 रन लुटाए। जोश हेजलवुड ने 10 ओवर में 79 रन देकर दो विकेट लिए। मार्कस स्टोइनिस ने 10 ओवर में 81 रन दिए। इसमें एक मेडन भी शामिल हुए। उन्हें एक सफलता मिली। माइकल नेसर ने 10 ओवर में 59 और नाथन एलिस ने 10 ओवर में 79 रन दिए। दोनों ने एक-एक विकेट लिया।
जम्पा ने बनाया शर्मनाक रिकॉर्ड
जम्पा ने 10 ओवर में 113 रन दिए। वह एक वनडे में सबसे ज्यादा रन लुटाने के मामले में ऑस्ट्रेलिया के मिक लेविस के बराबर पहुंच गए। लेविस ने 2006 में जोहानिसबर्ग के मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ही 113 रन दिए। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वहाब रियाज ने 2016 में नॉटिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ 10 ओवर में 110 रन दिए थे। अफगानिस्तान के लेग स्पिनर राशिद खान ने 2019 में मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ 110 रन ही लुटाए थे। दक्षिण अफ्रीका ने सातवीं बार वनडे में 400 से ज्यादा रन बनाए। इस मामले में उसने भारतीय टीम को पीछे छोड़ा। इंग्लैंड की टीम ने पांच बार ऐसा किया है। ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका ने दो-दो बार वनडे में 400 रन का आंकड़ा पार किया।
कपिल देव का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए क्लासेन
क्लासेन ने पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 174 रन बनाए। वह पांचवें या उससे नीचे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए वनडे में सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए। इस मामले में कपिल देव पहले स्थान पर हैं। पूर्व भारतीय कप्तान ने 1983 विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद 175 रन बनाए थे।

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