सविता पूनिया की नजर पेरिस ओलम्पिक टिकट पर

भारतीय टीम आलोचनाओं से कतई परेशान नहीं, हम पहले से अधिक फिट 
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने पिछले कुछ वर्षों में नई ऊंचाइयां हासिल की हैं। टीम 2020 टोक्यो ओलम्पिक में चौथे स्थान पर रही थी। उसके बाद 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता और फिर 2022 नेशंस कप को जीतने में सफल रही। अब टीम की नजर आगामी एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन करने पर है। टूर्नामेंट में भारतीय महिला टीम अगर स्वर्ण पदक जीतती है तो अगले साल पेरिस में होने वाले ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर जाएगी।
भारतीय महिला हॉकी हाल के दिनों में बदलाव के दौर से गुजरी है। टोक्यो ओलम्पिक में चौथे स्थान तक पहुंचाने वाली कप्तान रानी रामपाल अब टीम में नहीं हैं। इस अनुभवी खिलाड़ी की जगह गोलकीपर सविता पूनिया कप्तानी कर रही हैं। उनकी कप्तानी में टीम पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीती थी। सविता की निगाह एशियाई खेलों में इतिहास रचने पर होगी। महिला टीम 1982 के बाद से स्वर्ण नहीं जीती है। उसके बाद दो रजत (1998 और 2018) और तीन कांस्य (1986, 2006 और 2014) अपने नाम किए हैं।
सविता पूनिया की कप्तानी वाली टीम 41 साल से चले रहे स्वर्ण पदक के इंतजार को खत्म करना चाहेगी। एशियाई खेलों के लिए तैयार भारतीय टीम को हाल ही में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने कहा था कि टीम में अनफिट खिलाड़ियों की संख्या काफी ज्यादा है। इस पर बात करने की बजाय कप्तान सविता पूनिया की नजर पेरिस ओलम्पिक टिकट पर है।
सवाल: एशियाई खेलों के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम की तैयारी कैसी है?
सविता पूनिया: एशियाई खेलों के लिए तैयारी हमारी काफी अच्छी है। ओलम्पिक के बाद हमने एक टीम के रूप में काफी काम किया है। मुझे अपनी टीम पर काफी भरोसा है। हम एशियाड में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। हमारे भारत का नाम रोशन करेंगे।
सवाल: पूर्व भारतीय महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल ने टीम की आलोचना की है। इस पर आप क्या कहना चाहेंगी?
सविता पूनिया: एक कप्तान और सीनियर खिलाड़ी के रूप में मैं इतना ही कह सकती हूं हमारी टीम ने फिटनेस पर बहुत ज्यादा काम किया है। टोक्यो ओलम्पिक के बाद टीम और ज्यादा फिट हुई है। हाल ही में हमारे कई टेस्ट हुए थे। इसमें पहले से ज्यादा बेहतर रिकॉर्ड दर्ज हुआ है।
सवाल: एशियाई खेलों में टीम को आप कहां तक पहुंचता देखती हैं?
सविता पूनिया: हमारा ध्यान एक बार में एक मैच पर होगा। पूरी टीम का यही लक्ष्य है। दल में काफी युवा खिलाड़ी हैं। अगर उन्हें हम कह देंगे कि हमें स्वर्ण पदक जीतना है तो सभी दबाव में आ जाएंगी। अनुराग सर (केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर) ने भी यह बताया है कि ये चीजें खिलाड़ियों को कितना दबाव में लाती हैं। मैं अपनी टीम को एक सीनियर खिलाड़ी के नाते इतना ही कहती हूं कि 60 मिनट (एक मैच) और फिर अगला स्टेप। भारतीय हॉकी ने हाल के दिनों में काफी विकास किया है। हमारा लक्ष्य अगले  साल पेरिस ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करना है।
सवाल: एशियाई खेलों में सबसी बड़ी चुनौती किस टीम से मिलेगी?
सविता पूनिया: हमने अपनी पुरानी गलतियों से सीख ली है। हम किसी भी टीम को हल्के में नहीं लेना चाहते। हम अच्छी टीमों के खिलाफ मजबूती से उतरते हैं, लेकिन कभी-कभी कमजोर टीमों को हल्के में ले लेते हैं। ऐसी गलतियां अब नहीं करना चाहते हैं। एशियाई खेलों में चीन की टीम काफी टक्कर देगी।
सवाल: पेनल्टी शूट और पेनल्टी स्ट्रोक के लिए पूरी टीम की क्या तैयारी है?
सविता पूनिया: हमारी टीम ने हर चीज की तैयारी की है। पेनल्टी शूट, पेनल्टी स्ट्रोक, अटैक और डिफेंस सबकी तैयारी पूरी है। हमने किसी भी चीज को नहीं छोड़ा है।

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