विश्व कप के बाद कोच का पद छोड़ सकते हैं राहुल द्रविड़

दो कप्तान के बाद अलग-अलग कोच रखने पर भी विचार
खेलपथ संवाद
मुम्बई।
वनडे विश्व कप 2023 का आगाज पांच अक्टूबर से होना है। भारतीय टीम 10 साल के आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म करने उतरेगी। रोहित शर्मा के नेतृत्व में 15 सदस्यीय टीम का एलान भी हो चुका है। इस बार रोहित और कोच राहुल द्रविड़ की जोड़ी से भारत को 2011 के बाद पहली बार विश्व कप जिताने की जिम्मेदारी होगी। हालांकि, विश्व कप से पहले एक बड़ी खबर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, द्रविड़ विश्व कप के बाद अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। उनका दो साल का कॉन्ट्रैक्ट विश्व कप के बाद खत्म हो रहा है। ऐसे में वह इस पद से हट सकते हैं। 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई ने द्रविड़ से भारत को चैंपियन बनाने और आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म करने की मांग रखी है और सेमीफाइनल तक पहुंचने को भी टीम इंडिया की कामयाबी नहीं मानी जाएगी। अगर टीम इंडिया खिताब नहीं जीतती है तो विश्व कप के बाद बोर्ड एक बार फिर हेड कोच की तलाश कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि द्रविड़ कॉन्ट्रैक्ट रीन्यू करने पर विचार करते हैं या नहीं। इतना ही नहीं, दो अलग-अलग कप्तान के बाद दो अलग-अलग कोच रखने पर भी विचार हो रहा है। ऐसे में द्रविड़ को एक फॉर्मेट में कोच के रोल में जारी भी रखा जा सकता है।
विश्व कप के तुरंत बाद भारत को दक्षिण अफ्रीका (अवे) और इंग्लैंड (होम) के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलनी है। ऐसे में द्रविड़ को रेड बॉल क्रिकेट के कोच के तौर पर जारी रखा जा सकता है। अगले वर्ल्ड कप साइकिल में भी बीसीसीआई टीम इंडिया के लिए रेड बॉल और व्हाइट बॉल क्रिकेट के लिए अलग-अलग कोच रखने पर विचार कर सकता है। यह ठीक वैसा ही होगा जैसा इंग्लैंड क्रिकेट में मौजूदा समय में है। टेस्ट में इंग्लैंड के कोच ब्रैंडन मैकुलम हैं, जबकि व्हाइट बॉल क्रिकेट में मैथ्यू मॉट इंग्लैंड के कोच का दायित्व संभाल रहे हैं।
वनडे-टी20 की जिम्मेदारी किसी अलग कोच को
द्रविड़ को भारी वर्कलोड से राहत देकर उन्हें टेस्ट की तरफ शिफ्ट किया जा सकता है, वहीं वनडे-टी20 की जिम्मेदारी उस कोच को दी जा सकती है जो टी20 का भी जानकार हो। आईपीएल में गुजरात टाइटंस की कोचिंग कर रहे आशीष नेहरा से भी इसको लेकर बातचीत की जा सकती है। नेहरा की देखरेख में गुजरात की टीम 2022 आईपीएल में विजेता बनी थी, जबकि 2023 में टीम फाइनल तक पहुंची। हालांकि, नेहरा से जब टीम इंडिया के कोच के रोल के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि उनकी बिल्कुल इच्छा नहीं है। नेहार का कॉन्ट्रैक्ट गुजरात के साथ 2025 में समाप्त हो रहा है।
फिलहाल विश्व कप पर टीम मैनेजमेंट का ध्यान
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने नाम न बताने के शर्त पर न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया- मान लीजिए कि भारत विश्व कप जीतता है, तो द्रविड़ खुद कॉन्ट्रैक्ट रीन्यू कराना नहीं चाहेंगे, क्योंकि वह अपने कार्यकाल को हाई नोट पर समाप्त करना चाहेंगे। लेकिन अगर आप मुझसे पूछें तो विश्व कप के बाद बीसीसीआई को अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कोच रखने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। उन्हें राहुल को रेड बॉल कोच बने रहने के लिए कहना चाहिए। इस समय, चाहे वह द्रविड़ हों या बोर्ड के शीर्ष अधिकारी, वे पांच अक्तूबर से शुरू होने वाले विश्व कप पर ध्यान केंद्रित करना चाहेंगे।
द्रविड़ ने लिए कई चौंकाने वाले फैसले
हालांकि, रवि शास्त्री के कोच पद से हटने के बाद द्रविड़ के टीम इंडिया के कोच बनने से फैंस काफी खुश हुए थे, लेकिन व्हाइट बॉल क्रिकेट के कोच के रूप में उन्होंने वास्तव में कोई ऐसी छाप नहीं छोड़ी जो किसी को भी उन्हें एक अच्छा रणीनितिकार मानने के लिए मजबूर कर सके। उन्हें ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है, जो टी20 और वनडे में कठिन फैसले लेने को लेकर डिफेंसिव दिखाई देते हैं। इतना ही नहीं, 2023 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के दौरान रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग-11 से बाहर रखने के उनके और टीम मैनेजमेंट के फैसले की भी काफी आलोचना हुई थी।
अगले साल होना है टी20 विश्व कप
इसके अलावा मौजूदा विश्व कप टीम में दाएं हाथ के स्पिनर (फिंगर या रिस्ट) की कमी के साथ-साथ केएल राहुल को मैच-फिटनेस साबित किए बिना टीम में शामिल करने के फैसले भी उन्हें परेशान कर सकते हैं। हालांकि, बहुत कुछ टीम के विश्व कप प्रदर्शन पर निर्भर करेगा, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि द्रविड़ का व्हाइट बॉल फॉर्मेट के कोच के तौर पर फैसले संतोषजनक नहीं रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले साल टी20 वर्ल्ड कप को देखते हुए किसी ऐसे व्यक्ति को इस फॉर्मेट की कोचिंग दी जा सकती है जो आक्रामक अप्रोच रखता हो। जो विराट कोहली और रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया में आत्मविश्वास जगाने की क्षमता रखता हो।
2007 में द्रविड़ के कप्तान रहते भी हुआ था विवाद
इतिहास ऐसी घटनाओं से भरा पड़ा है कि अगर कोई टीम कोई बड़े टूर्नामेंट में हार जाती है, तो गाज हमेशा कोच पर ही गिरती है। द्रविड़ की कप्तानी में भी ऐसा हो चुका है। 2007 वनडे विश्व कप में टीम इंडिया की शर्मनाक हार के बाद ग्रेग चैपल को इस्तीफा सौंपना पड़ा था। वहीं, 2021 टी20 विश्व कप के बाद शास्त्री ने भी पद छोड़ दिया था। साथ ही द्रविड़ खुद भी यह नहीं चाहेंगे कि 2007 में जिस तरह से उनकी कप्तानी पर सवाल उठे थे, वैसा ही कुछ उनके कोच रहते भी हो। एनसीए के अध्यक्ष के तौर पर द्रविड़ की काफी तारीफ हुई थी। वह चाहेंगे कि रोहित एंड कंपनी विश्व कप जीते ताकि जिस पल का आनंद वह कप्तान रहते नहीं ले पाए थे, बतौर कोच वह उस पल को जी सकें। 

रिलेटेड पोस्ट्स