दुनिया में छाए भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी

नीरज चोपड़ा, डीपी मनु और किशोर जेना ने बनाई अलग पहचान 
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय एथलीटों का वैश्विक खेल मंच पर बेशक प्रदर्शन निराशाजनक हो लेकिन जेवलिन थ्रोवर नीरज चोपड़ा ने ऐसी पटकथा लिखी है जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के फाइनल में भारत के तीन जेवलिन थ्रोवरों ने प्रवेश कर दुनिया को एक अलग तरह का संकेत दिया है। भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, डीपी मनु और किशोर जेना ने विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई करके एक उल्लेखनीय अध्याय लिखा। 
क्वालिफिकेशन राउंड के दौरान उनके असाधारण प्रदर्शन ने न केवल प्रतिष्ठित फाइनल में अपना स्थान सुरक्षित किया बल्कि भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी साबित हुआ। भारतीय दल के एक कोच की कही सच मानें तो "पहली बार तीन भारतीयों ने विश्व चैम्पियनशिप में किसी स्पर्धा के फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह भारतीय भाला फेंक के लिए एक ऐतिहासिक दिन था। मौजूदा ओलम्पिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने पहले प्रयास में 88.77 मीटर के शानदार थ्रो के साथ अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। इस एकल थ्रो ने न केवल फाइनल में उनकी जगह पक्की की बल्कि 85.50 मीटर के पेरिस ओलम्पिक क्वालीफाइंग मार्क को भी आसानी से पार कर लिया। अपनी स्वचालित योग्यता सुनिश्चित करने के साथ चोपड़ा ने विश्व चैम्पियनशिप का स्वर्ण पदक भी जीत दिखाया।
तीनों भारतीय एथलीटों की यह योग्यता भाला फेंक की दुनिया में देश की बढ़ती उपस्थिति और उत्कृष्टता को रेखांकित करती है। उनकी सामूहिक उपलब्धियों के साथ, भारतीय खेलप्रेमियों के पास जश्न मनाने का और भी अधिक कारण है, क्योंकि तीनों की सफलता अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश के लिए नए रास्ते खोलती है।

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