पेरिस ओलम्पिक में खिताब की रक्षा करेंगे नीरज चोपड़ा

ओलम्पिक चैम्पियन ने कहा- टोक्यो में जीतना बड़ी चुनौती थी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार को कहा कि वह अगले साल पेरिस में अपना ओलम्पिक स्वर्ण पदक और 2025 में अपना विश्व चैम्पियनशिप खिताब बरकरार रखने की हरसम्भव कोशिश करेंगे। जब चोपड़ा से पूछा गया कि क्या वह चेक गणराज्य के एथलीट जाॅन जेलेज्नी की उपलब्धि हासिल कर सकते हैं जिनके नाम तीन ओलम्पिक और तीन विश्व चैम्पियनशिप खिताब हैं। 
इस पर चोपड़ा ने कहा, ‘मैं प्रेरित बना रहता हूं और खेल पर फोकस बनाए रखता हूं तो कुछ भी हो सकता है। मुझे अपने खिताब की रक्षा के लिए जितनी मेहनत करनी होगी, मैं करूंगा।’ जेलेज्नी भालाफेंक एथलीट नीरज के आदर्श भी हैं। जेलेज्नी ने 1992, 1996 और 2000 में ओलम्पिक स्वर्ण पदक जीता था। वहीं 1993, 1995 और 2001 में विश्व चैम्पियनशिप खिताब अपने नाम किए थे।
25 साल के नीरज ने कहा, ‘टोक्यो में पहला ओलम्पिक खिताब जीतना बड़ी चुनौती थी और अब इसका बचाव करना इससे भी बड़ी चुनौती होगी। हर एथलीट अपनी पूरी तैयारी के साथ आएगा और कोई कसर नहीं छोड़ेगा। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज खुद को चोट से बचाने की होगी। मुझे स्वस्थ और चोटों से मुक्त रहना होगा ताकि मैं अपने सभी खिताब की रक्षा कर सकूं।’
चोपड़ा को विश्व चैम्पियनशिप से पहले खांसी और गले में तकलीफ थी। उन्होंने कहा, ‘मैं पहले यह बताना नहीं चाहता था क्योंकि लोग इसे बहाना समझ सकते थे, लेकिन क्वालिफिकेशन दौर से पहले मुझे खांसी और गले में दर्द था। मुझे परेशानी हो रही थी। ज्यूरिख में भी मुझे समस्या हो रही है। मैं ठीक हो जाऊंगा, एक एथलीट का जीवन ऐसा ही होता है।’
'तीसरे प्रयास के बाद लगा, शीर्ष-8 में भी नहीं रह पाऊंगा'
ज्यूरिख में अपने प्रदर्शन को लेकर नीरज ने कहा, 'मैं इस चरण के लिए अच्छे से अभ्यास नहीं कर पाया। मैंने पहले तीन प्रयास में काफी संघर्ष किया। मेरा रन अप काफी अच्छा नहीं रहा। थ्रो कमजोर थी और पूरी गति नहीं थी। मुझमें आत्मविश्वास की कमी थी। मैं यहां तक सोच रहा था कि तीसरे प्रयास के बाद शायद मैं शीर्ष-आठ में भी नहीं रह पाऊंगा। अंतिम तीन थ्रो में मैंने काफी जोर लगाया, लेकिन 100 प्रतिशत नहीं दे पाया। मैं डायमंड लीग के फाइनल और एशियाई खेलों में अपना 100 प्रतिशत दूंगा।'
'मैंने अरशद को फोटो के लिए बुलाया'
हाल ही में विश्व चैम्पियनशिप का खिताब जीतने के बाद नीरज तिरंगे को लेकर फोटो खिंचवा रहे थे तब उसी दौरान रजत पदक जीतने वाले पाकिस्तान के अरशद नदीम को अपने देश का झंडा नहीं मिला रहा था, लेकिन तभी नीरज ने उन्हें फोटो के लिए बुला लिया। नीरज ने कहा, 'यह आपको स्वीकार करना होगा कि अरशद ने विश्व चैंपियनशिप में रजत जीतकर पाकिस्तान के लिए बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। मुझे उस समय अच्छा नहीं लग रहा था कि उसके पास पाकिस्तान का झंडा नहीं था। उसे भी खराब लग रहा था। लेकिन बाद में उसे झंडा मिल गया। हर एथलीट कड़ी मेहनत करता है। घर पर लोग कहते हैं कि यह भारत-पाकिस्तान है, लेकिन जो भी अच्छा प्रदर्शन करता है और पदक जीतता है, उसकी सराहना की जानी चाहिए।'

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