खिलाड़ी बेटियां हैं तो महिला कोच की तैनाती जरूरी

साई ने एशियाड से पहले 13 खेल संघों को सख्त निर्देश दिए
तैराकी, वॉलीबाल समेत 13 खेल संघों ने नहीं की तैनाती
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टीम में अगर बेटियां हैं तो अब कम से कम एक महिला कोच या सपोर्ट स्टाफ की तैनाती जरूरी होगी। एशियाई खेलों में टीम भेज रहे 13 खेल संघों की टीमों को साई ने अब तक इस लिए हरी झंडी नहीं दी है, क्यों कि उनकी टीम में महिला सदस्य होने के बावजूद एक भी महिला कोच या सपोर्ट स्टाफ नहीं है। साई ने इन खेल संघों से अपने दल में कम से कम एक महिला कोच या सपोर्ट स्टाफ को तैनात करने के लिए कहा है।
साई की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह फैसला लिया गया है कि किसी भी टीम में अगर कोई महिला सदस्य शामिल होगी तो उसके साथ कम से कम एक महिला कोच या सपोर्ट स्टाफ भेजना अनिवार्य होगा। साई ने यह भी कहा कि यह एशियाड के लिए निर्धारित भारतीय ओलंपिक संघ के नियमों के दायरे में होगा। नियमों के मुताबिक टीम सदस्यों का 25 प्रतिशत हिस्सा कोच और सपोर्ट स्टाफ का होगा। साई ने कहा है कि इन्हीं नियमों के दायरे में रहकर ही खेल संघों को अपनी टीम में महिला कोच या सपोर्ट स्टाफ की तैनाती करनी होगी।
साई ने ब्रिज, शतरंज, गोल्फ, सॉफ्ट टेनिस, वुशू, कुराश, ब्रेकडांस, वॉलीबॉल, स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग, रोलर स्केटिंग, जिम्नास्टिक, घुड़सवारी और तैराकी की टीम में कम से कम महिला कोच या सपोर्ट स्टाफ की तैनाती करने को कहा है। इन खेल संघों की टीम में महिला सदस्य हैं, लेकिन एक भी महिला कोच या सपोर्ट स्टाफ नहीं है। इन खेल संघों से तत्काल अपनी टीम में महिला कोच या सपोर्ट स्टाफ रखने के लिए कहा गया है। इसके बाद ही उनकी टीम को एशियाई खेलों के लिए मंजूरी दी जाएगी।

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