ऑस्ट्रेलिया ने निकाली बैजबॉल की हवा

75 वर्षों में रन चेज में सबसे बड़ी जीत
2005 की हार का लिया बदला
बर्मिंघम।
ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में हराकर धमाकेदार शुरुआत की। उसने एजबेस्टन टेस्ट को दो विकेट के अंतर से जीतकर एशेज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। कंगारू टीम ने इस जीत के साथ एजबेस्टन में 18 साल पहले मिली हार का बदला भी ले लिया। 2005 में इसी मैदान पर ऑस्ट्रेलियाई टीम दो रन के अंतर से मैच हार गई थी। उसने अब यहां दो विकेट से जीत हासिल कर उस दर्द को कम किया है।
ऑस्ट्रेलिया ने 281 रन का लक्ष्य हासिल कर मैच को अपने नाम किया। पिछले 75 सालों में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में उसने सबसे बड़ा रन चेज किया है। 1948 के बाद से वह एशेज सीरीज के मैच में इतना बड़ा लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया था। तब उसने लीड्स में 404 रन बनाकर मैच को अपने नाम किया था। जब से न्यूजीलैंड के ब्रैंडन मैकुलम इंग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान बने हैं तब इंग्लिश खेमे ने नए तरह की क्रिकेट खेली है। वह हर हाल में मैच में नतीजा चाहती है। टेस्ट ड्रॉ कराने के बारे में वह नहीं सोचती। इसके अलावा इंग्लिश बल्लेबाज वनडे स्टाइल में बल्लेबाजी करते हैं। इससे सामने वाले गेंदबाजों को संभलने का मौका नहीं मिला। इंग्लैंड को 17 में से 12 टेस्ट में जीत मिली थी, लेकिन उसे अबकी बार जीत नहीं मिली। 
ऑस्ट्रेलिया ने तेज नहीं बल्कि परंपरागत अंदाज में टेस्ट मैच खेलकर उसे हराया है। दिग्गज बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने पहले ही कहा था कि इंग्लैंड ने दूसरे देशों के आक्रमण के खिलाफ जरूर अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन उनका सामना इस थ्योरी पर अभी ऑस्ट्रेलिया से नहीं हुआ है। स्मिथ की बात सही साबित हुई। ऑस्ट्रेलिया ने पहले टेस्ट में बैजबॉल की तो हवा निकाल दी है, अब देखना है कि बेन स्टोक्स की टीम कैसे वापसी करती है।
ख्वाजा के नाम अनोखी उपलब्धि
ऑस्ट्रेलिया को इस मैच में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले उस्मान ख्वाजा ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली। वह मैच के पांचों दिन किसी न किसी समय बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ी बन गए। इससे पहले टेस्ट इतिहास में 12 बार ऐसा हो चुका था। ऑस्ट्रेलिया के लिए वह ऐसा करने वाले दूसरे बल्लेबाज ही बने। उनसे पहले किम ह्यूज ने 1980 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में पांचों दिन बल्लेबाजी की थी।
इसके अलावा ख्वाजा ने एक और उपलब्धि हासिल की। वह 1989 के बाद से ऑस्ट्रेलिया के पहले ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने इंग्लैंड में एक ही टेस्ट मैच में शतक और 50 से ज्यादा रन बनाया है। पिछली बार मार्क टेलर ने ऐसा किया था। ख्वाजा ने एजबेस्टन में 141 और 65 रन की पारी खेली। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।

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