रोहित की खराब कप्तानी बनी हार की वजह

पहले गेंदबाजी का फैसला और खराब टीम चयन सबसे बड़े कारण
खेलपथ संवाद
लंदन।
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भारतीय टीम को 209 रन के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। टीम इंडिया लगातार दूसरी बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल हारी है। 2021 में न्यूजीलैंड और 2023 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की हार में रोहित शर्मा की खराब कप्तानी का योगदान काफी ज्यादा है। इस मैच की तैयारी शुरू करने से लेकर जीत के लिए आखिरी गेंद तक लड़ने में भारतीय टीम विफल रही। इसी वजह से भारत को बड़ी हार झेलनी पड़ी है। यहां हम बता रहे हैं कि इस मैच में रोहित ने क्या गलितयां कीं। 
फाइनल मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया के अधिकतर खिलाड़ियों ने लगभग दो महीने तक आराम किया। इसके बाद सभी ने तैयारी शुरू की और इस मैच के लिए पूरी तरह से तैयार थे। सिर्फ डेविड वॉर्नर और कैमरून ग्रीन ही आईपीएल में खेले। वहीं, भारत के चेतेश्वर पुजारा को छोड़ सभी खिलाड़ी आईपीएल में व्यस्त थे। रोहित ने कहा था कि आईपीएल से समय मिलते ही खिलाड़ी इंग्लैंड जाकर तैयारी करेंगे। कई खिलाड़ियों ने ऐसा किया भी, लेकिन खुद रोहित शर्मा आईपीएल खत्म होने के बाद टीम से जुड़े। रोहित ने हार के बाद कहा कि ऐसे फाइनल के लिए एक महीने तैयारी करनी पड़ती है। ऐसे में सवाल उठता है कि उन्होंने खुद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस की तरह इस आईपीएल से हटने का फैसला क्यों नहीं लिया।
टेस्ट मैच में टॉस जीतकर बल्लेबाजी करना ही बेहतर माना जाता है। भारतीय टीम लगातार ऐसा कर रही थी और मैच भी जीत रही थी। इसी वजह से भारत लगातार दूसरी बार टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचा था। हालांकि, इस बार भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। यहीं से भारतीय टीम मैच में पिछड़ गई। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा किया और भारत को वापसी का मौका नहीं दिया।
टीम चयन में चूक
इस मैच में रोहित शर्मा ने रविचंद्रन अश्विन को टीम में नहीं रखा और उनका यह फैसला भारतीय टीम पर भारी पड़ गया। डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ के खिलाफ अश्विन का रिकॉर्ड बेहद शानदार है। अश्विन टेस्ट क्रिकेट में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज भी हैं और ऑस्ट्रेलिया की टीम में बाएं हाथ के पांच बल्लेबाज हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अश्विन का रिकॉर्ड और भी बेहतर है। इसके बावजूद रोहित ने अश्विन को टीम में शामिल नहीं किया और ऑस्ट्रेलियाई टीम पहली पारी में 469 रन बनाने में सफल रही। इसमें बाएं हाथ के बल्लेबाजों ने 259 रन का योगदान दिया। स्टीव स्मिथ ने भी 121 रन बनाए, जो अश्विन के पसंदीदा शिकार हैं। दूसरी पारी में भी एलेक्स कैरी ने नाबाद 66 और मिचेल स्टार्क ने 41 रन बनाए। दोनों ही बाए हाथ के बल्लेबाज हैं और दोनों के खिलाफ अश्विन का रिकॉर्ड अच्छा है। इन्हीं दोनों के रन के चलते ऑस्ट्रेलिया की टीम 400 रन से ज्यादा का लक्ष्य देने में सफल रही।
फील्ड सेटिंग में कमी
भारतीय गेंदबाजों ने इस मैच में अच्छी शुरुआत की थी। 76 रन पर ऑस्ट्रेलिया के तीन विकेट गिर गए थे। इसके बाद स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड ने 285 रन की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को बेहतर स्थिति में पहुंचा दिया। सौरव गांगुली ने इस दौरान रोहित की फील्ड सेटिंग पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि रोहित ने फील्ड नहीं सेट की थी। इसी वजह से ट्रेविस हेड को आसानी से रन मिलते रहे और उन्होंने स्मिथ के साथ 285 रन की साझेदारी की। यही हाल दूसरी पारी में रहा, जब भारतीय गेंदबाज स्टार्क और कैरी को शॉर्ट बॉल कर रहे थे, लेकिन लेग साइड पर फील्डर ही नहीं थे।
गेंदबाजी में बदलाव
रोहित शर्मा ने इस मैच में अपने गेंदबाजों से लंबे-लंबे स्पेल कराए। इससे गेंदबाज थक गए, क्योंकि आईपीएल में दो महीने खेलने के बाद सभी खिलाड़ी पहले से ही काफी थके हुए थे। इसका असर यह हुआ की भारतीय गेंदबाजों में वह धार नजर नहीं आई और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी आसानी से उन्हें खेलते रहे। रोहित चाहते तो एक छोर में जडेजा से गेंदबाजी करा सकते थे और दूसरे छोर से तेज गेंदबाजों को तरोताजा रखते हुए अटैक कर सकते थे, लेकिन रोहित ने ऐसा नहीं किया और ऑस्ट्रेलिया को बड़ा स्कोर बनाने दिया। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने छोटे-छोटे स्पेल में अपने गेंदबाजों का इस्तेमाल किया। इससे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की ऊर्जा बनी रही और वह नियमित अंतराल पर विकेट लेते रहे।
कैसा है रोहित का प्रदर्शन?
साल 2018 से भारतीय टीम ने रोहित की कप्तानी में भारत से बाहर 40 मैच खेले हैं। जिसमें वनडे और टी20 शामिल हैं। भारत ने 40 मैच में से 26 मैच में जीत हासिल की है और 14 में हार का सामना करना पड़ा है। रोहित ने इस मैच से पहले तक भारत में ही टेस्ट मैच में कप्तानी की थी और सफल भी साबित हुए थे। भारत में रोहित के नेतृत्व में टीम ने छह टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से चार मैच जीते हैं और एक-एक मैच में हार और ड्रा का सामना किया है। वहीं, भारत के बाहर एकमात्र टेस्ट में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा है। रोहित शर्मा ने अब तक कुल 84 मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की है। इनमें से 62 मैच में भारत को जीत मिली है, जबकि 21 में हार का सामना करना पड़ा है। एक मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ है।

रिलेटेड पोस्ट्स