प्रिया का सपना 400 मीटर दौड़ में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

कहा- एशियाई खेलों में पदक जीतना है लक्ष्य
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय महिला एथलीट प्रिया एच. मोहन देश की 400 मीटर दौड़ की सबसे तेज धावक बनना चाहती हैं। प्रिया चोट से ठीक होने के बाद अभ्यास पर लौट चुकी हैं और एशियाई खेलों में क्यूबा के कोच एनियेर गार्सिया के मार्गदर्शन में पदक जीतना चाहती हैं।
2021 में प्रिया 52.77 सेकेंड के समय के साथ देश की सबसे तेज 400 मीटर की धावक बनी थीं और उस समय उनकी उम 18 साल की थी। इसके बाद वह दो विश्व अंडर 20 विश्व चैम्पियनशिप में पदक नहीं जीत पाई थीं। उन्होंने कहा, ‘मेरे कॅरिअर में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। कई बार आप ऊपर जाते हैं और फिर नीचे जाते हैं। खिलाड़ियों की जिंदगी में नीचे आना जरूरी है क्योंकि फिर वह मजबूती के साथ वापसी कर सकता है। मैने नए कोच के साथ शुरुआत कर दी है। मुझे कई लक्ष्य हासिल करने हैं। मैं 2023 में देश की सबसे तेज 400 मीटर की धावक बनना चाहती हूं और एशियाई खेलों में पदक जीतना चाहती हूं।’
दो महीने पहले प्रिया ने पूर्व कोच अर्जुन अजय से नाता तोड़ दिया था। वह 2018 में एक राष्ट्रीय स्कूल टूर्नामेंट के दौरान अर्जुन के साथ जुड़ी थीं। अब वह गार्सिया के साथ कर्नाटक के बेल्लारी में अभ्यास कर रही हैं। वह विश्व अंडर 20 चैम्पियनशिप में मिश्रित रिले चार गुणा 400 मीटर में कांस्य जीतने वाली टीम की सदस्य रही थीं।
कौन हैं प्रिया मोहन?
15 मार्च, 2003 को बेंगलुरु के तुमकुरु जिले के हब्बाथनहल्ली गांव में जन्मी प्रिया मोहन देश की सबसे तेज 400 मीटर रेस की धाविकाओं में से एक हैं। प्रिया के पिता एचए मोहन बेलगावी में डिस्ट्रिक्ट जज हैं, जबकि उनकी मां चंद्रकला गृहिणी हैं। युवा भारतीय एथलीट अक्टूबर 2018 में आईसीएसई स्कूल नेशनल में प्रतिस्पर्धा कर रही थीं, तभी उनके वर्तमान कोच अर्जुन अजय की उन पर नजर पड़ी। अर्जुन के मार्गदर्शन में प्रिया मोहन ने बड़े पैमाने पर सुधार किया और 400 मीटर के रेस में तीन महीने के भीतर 1: 05.50 से 57.81 का समय दर्ज कराकर छह सेकेंड का सुधार किया।
अर्जुन अजय ने बताया, "उनकी पीठ हार्ड थी। वो बहुत झुकती थी। हमने उनके ऊपरी शरीर की ताकत और लचीलेपन पर काम किया।" एक साल में प्रिया मोहन ने अंडर -20 नेशनल चैम्पियनशिप 2019 में 53.62 सेकेंड का समय निकालकर अपनी टाइमिंग को और भी बेहतर किया और यहां तक ​​कि उसी साल एशियन यूथ एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में मेडले रिले भी जीता। इसने दक्षिण एशियाई खेलों में 400 मीटर स्पर्धा में रजत पदक के साथ शानदार साल का समापन किया। हालांकि, उनकी गति पर ब्रेक तब लगी, जब महामारी की वजह से दुनिया भर में सभी खेल गतिविधियों को रोक दिया गया। प्रिया ने 2020 में किसी भी इवेंट में हिस्सा नहीं लिया। लेकिन इसने प्रिया मोहन को कड़ी मेहनत करने से नहीं रोका।
अर्जुन अजय ने बताया, "वो मेरे लिए सबसे जुझारू शिष्यों में से एक है। अगर वो किसी कारण से ट्रेनिंग नहीं कर पाती, तो रोने लगती है।" विजयनगर की रहने वाली प्रिया ने लॉकडाउन के दौरान रोजाना विद्यानगर स्टेडियम तक 100 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करने के लिए बेंगलुरु पुलिस से विशेष अनुमति ली। नैरोबी में जूनियर विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की तैयारी के लिए इस धावक ने ऊटी में ऊंचाई पर ट्रेनिंग की, जो समुद्र तल से 2,240 मीटर ऊपर है, जबकि नैरोबी का आयोजन स्थल समुद्र तल से लगभग 1,800 मीटर ऊपर था।
उस ट्रेनिंग का फायदा तब हुआ, जब वो 2021 में ट्रैक पर लौटीं और भारत में सभी 400 मीटर स्पर्धाओं में जीत हासिल की। इस शानदार सफर में उन्होंने पटियाला में आयोजित नेशनल इंटर-स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 400 मीटर का स्वर्ण जीता, जहां उन्होंने रियो 2016 ओलम्पियन एमआर पूवम्मा और जिस्ना मैथ्यू को हराया। 2021 में सबसे तेज क्वार्टर-मिलर होने के बावजूद, प्रिया मोहन टोक्यो 2020 मिक्स्ड रिले टीम का हिस्सा नहीं थीं क्योंकि वो नेशनल कैंप में शामिल नहीं हुई थीं। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया को सिर्फ नेशनल कैंप में उपस्थित एथलीट्स में से रिले टीमों को चुनने का नियम है।
प्रिया ने समझाते हुए कहा, "मैं पटियाला में कैंप शामिल नहीं हो सकी, क्योंकि मेरी परीक्षा थी।" हालांकि, इसने उनके बढ़ते करियर को प्रभावित नहीं किया। प्रिया मोहन ने विश्व एथलेटिक्स अण्डर-20 चैम्पियनशिप 2021 में 400 मीटर में 52.77 का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जहां सिर्फ कुछ पल से कांस्य पदक से चूक गईं।
प्रिया ने जूनियर वर्ल्ड मीट से पदक के साथ वापसी की, जहां वह 4×400 मीटर मिक्स्ड रिले में भारत की कांस्य विजेता टीम का हिस्सा थीं। ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी वूमेंस एथलेटिक्स चैम्पियनशिप और इंडियन ग्रांप्री में स्वर्ण पदक जीतकर, इस धावक ने साल 2022 में भी अपना शानदार सफर जारी रखा। प्रिया मोहन ने इंडियन ग्रांप्री 1 में 52.91 सेकेंड के समय के साथ 400 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ का रिकॉर्ड भी तोड़ा और एक महीने बाद नेशनल फेडरेशन कप में 23.85 सेकेंड के साथ अपना 200 मीटर रिकॉर्ड भी बेहतर किया। इस दौरान प्रिया मोहन एथलेटिक्स और पढ़ाई को लेकर तालमेल बैठाने में लगी थीं। 
मई 2022 में प्रिया ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 में अपने 200 मीटर व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ के करीब पहुंचकर, 23.90 के समय के साथ मौजूदा चैम्पियन दुती चंद को हराया। यही नहीं युवा खिलाड़ी ने 400 मीटर का स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया। लेकिन प्रिया मोहन का मुख्य उद्देश्य 50 सेकेंड के उस तिलिस्म को तोड़ना है, जो किसी अन्य भारतीय महिला ने पहले कभी नहीं किया है। प्रिया मोहन ने बताया, "हम हर दिन सुधार करने में लगे हैं और इसके अवाला कुछ नहीं।" वर्तमान में महिलाओं की 400 मीटर का नेशनल रिकॉर्ड हिमा दास के पास है, जिन्होंने इंडोनेशिया के जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में 50.79 का समय निकाला था।

 

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