अब भारत और आस्ट्रेलिया वनडे में दिखाएंगे जौहर

आंकड़ों में ऑस्ट्रेलिया आगे:43 साल में 143 वनडे खेले
80 ऑस्ट्रेलिया जीता; पिछले 13 साल से भारत दे रहा टक्कर
खेलपथ संवाद
मुम्बई।
भारत-ऑस्ट्रेलिया वनडे सीरीज 17 मार्च से शुरू हो रही है। यह सीरीज दोनों टीमों के लिए इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह साल वर्ल्ड कप का है और भारत में ही यह टूर्नामेंट होना है। ऐसे में यह सीरीज तैयारियां परखने का मौका है। पहला मुकाबला कल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाएगा।
दोनों टीमों के बीच अब तक 143 वनडे मैच हुए हैं। इनमें से 80 ऑस्ट्रेलिया जीता है। 53 में भारत को जीत मिली और 10 मैचों का नतीजा नहीं निकला। हालांकि, दोनों के बीच वनडे इतिहास का एक इंट्रेस्टिंग फैक्ट भी है। पहला मैच भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में ही हराया था।
अब तक हुए 12 वनडे वर्ल्ड कप में 5 ऑस्ट्रेलिया ने जीते हैं। इस टूर्नामेंट में भारत से खेले गए ज्यादातर मैच ऑस्ट्रेलिया ने ही जीते। इस सदी की शुरुआत में टीम को लगभग अजेय कहा जाता था। पहले दशक में ऑस्ट्रेलिया वनडे में हम पर हावी रहा। लेकिन, दूसरे दशक में भारत ने कहानी बदल दी।
6 दिसंबर 1980 को पहली बार वनडे क्रिकेट में भारत-ऑस्ट्रलिया आमने-सामने हुए थे। सुनील गावस्कर की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने कंगारुओं को उनके गढ़ मेलबर्न के मैदान पर हराया था। भारत की 66 रनों की उस जीत का सेहरा संदीप पाटिल के सिर बंधा था। संदीप (64 रन और एक विकेट) ने दोहरा प्रदर्शन कर कंगारुओं को करारी शिकस्त दी थी। यह जीत इसलिए भी खास थी, क्योंकि भारतीय टीम को टेस्ट में कंगारुओं को उनकी सरजमीं पर पहली बार हराने में 30 साल लग गए थे।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला वनडे 6 दिसंबर 1980 को खेला गया था। इसके बाद से ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती 30 साल भारत पर दबादबा बनाए रखा। 1980 से 2010 के बीच दोनों टीमों के बीच 104 वनडे खेले गए। इसमें से भारत 35 मैच ही जीत सका। वहीं, ऑस्ट्रेलिया 61 मुकाबलों में विजयी रहा। यानी, ऑस्ट्रेलिया ने लगभग दो तिहाई मैच जीते। पिछले 13 साल की बात करें तो भारत ने इस दौरान ऑस्ट्रेलिया को कड़ी टक्कर दी। कुल 39 वनडे खेले गए। भारत ने 18 तो ऑस्ट्रेलिया ने 19 वनडे जीते। 2 मैच का परिणाम नहीं निकल सका।
पहले 10 साल में 12 मैच ही जीत सका था भारत
1980 में भारत-ऑस्ट्रेलिया पहले वनडे के बाद के दस साल में इन दोनों टीमों के बीच कुल 33 वनडे मैच खेले गए थे। इनमें से भारतीय टीम महज 12 ही जीत सकी थी, यानी की आधे से भी कम। वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने, आधे से ज्यादा, 18 मैच जीते थे। 3 मैच नो रिजल्ट रहे थे। 1990 से 2000 के बीच भी यही हाल रहा। भारत ने कुल 29 मैचों में से 11 ही जीते। इस बार हमारे जीत का प्रतिशत 34 फीसदी थी।
21वीं सदी के पहले दशक में यह और भी कम हुआ। दोनों टीमों के बीच 2000 से 2010 के बीच सबसे ज्यादा 42 मैच खेले गए, लेकिन हमारी जीत का प्रतिशत और कम होता चला गया। हमने 42 में से 12 मैच ही जीते। तब हमारी जीत का प्रतिशत 28 फीसदी था। पिछले 10 साल में भारतीय टीम ने कंगारुओं को तगड़ी टक्कर दी है। 2010 के बाद अब तक दोनों टीमों के बीच 39 मैच खेले गए हैं। इनमें भारत ने 18 और ऑस्ट्रेलिया ने 19 जीते हैं। 2 मैच नो रिजल्ट रहे। पिछले दशक में हमारी जीत का प्रतिशत 46% हो गया है। 
हमने भले ही कंगारुओं से उनके घर में पहला मैच जीता है, लेकिन ऑस्ट्रेलियन्स को उनके घर में हराना हमारे लिए कभी आसान नहीं रहा है। हमने ऑस्ट्रेलिया से उसके घर में 54 मैच खेले हैं, लेकिन 14 ही जीत सके हैं। भारतीय सरजमीं की बात करें तो दोनों देशों के बीच मुकाबला बराबरी का है। भारतीय पिचों पर दोनों टीमों का 64 दफा आमना-सामना हुआ है। इनमें से भारत ने 29 और ऑस्ट्रेलिया ने 30 जीते हैं। शेष 5 मैच नो रिजल्ट रहे हैं। 
अब भारतीय टीम मिशन वनडे वर्ल्ड कप पर है। जो अक्टूबर-नवंबर में भारतीय सरजमीं पर ही खेला जाना है। टीम इंडिया ने आखिरी आखिरी वर्ल्ड कप भी अपनी सरजमीं पर ही जीता था। तब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराया था। ऐसे में रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम को अपनी तैयारी भी पुख्ता रखनी होगी, क्योंकि भारतीय फैंस की उम्मीदें उस इतिहास को दोहराते देखने की होंगी।

 

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