टेस्ट क्रिकेट ने पूरे किए 146 साल

सचिन तेंदुलकर शतक सम्राट तो मुरलीधरन गेंदबाजी किंग
टीम इंडिया ने 24 जून, 1932 को इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
क्रिकेट का सबसे लम्बा और चैलेंजिंग फॉर्मेट टेस्ट क्रिकेट आज पूरे 146 साल का हो गया। 15 मार्च, 1877 के दिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीमें मेलबर्न क्रिकेट स्टेडियम में पहली बार इंटरनेशनल स्तर पर भिड़ीं। तब से ही इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरुआत भी हो गई। भारत ने 1932 में पहली बार टेस्ट मैच खेला और पहली जीत दर्ज करने में 20 साल लगा दिए।
1877 से लेकर 15 मार्च 2023 तक दुनिया भर में 12 देश टेस्ट क्रिकेट खेलने लगे, जिन्होंने अब तक कुल 2499 मैच खेल लिए हैं। 1971 में वनडे और 2004 में टी-20 क्रिकेट का फॉर्मेट भी आ गया। जिसने टेस्ट को और भी इंटरेस्टिंग बना दिया है। टेस्ट क्रिकेट की 146वीं एनिवर्सरी पर आगे स्टोरी में हम इस फॉर्मेट के टॉप बैटर, बॉलर और ऑलराउंडर जानेंगे। 
टेस्ट में अब तक 2,499 मुकाबले खेले गए हैं, जिनमें से 1,711 के नतीजे निकले। 2 मैच टाई रहे और 786 मैच ड्रॉ पर खत्म हुए। इंग्लैंड ने सबसे ज्यादा 1,060 मैच खेले, वहीं ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा 405 जीते हैं। इंग्लैंड ने ही सबसे ज्यादा 318 मुकाबले हारे भी हैं। वहीं,ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा मैच (2) टाई किए है। पहला मैच साल 1960 में वेस्टइंडीज के खिलाफ ब्रिस्बेन में और दूसरा 1986 में भारत के खिलाफ चेन्नई में।
भारत ने 55 साल बाद शुरू किया टेस्ट क्रिकेट
टीम इंडिया ने 24 जून 1932 को पहली बार इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा। टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच खेला, जिसमें हमें हार मिली। 1952 में टीम इंडिया को इस फॉर्मेट में पहली जीत नसीब हुई। टीम ने इंग्लैंड को ही पारी और 8 रन से हराया था।
भारत ने इस फॉर्मेट में अब तक 569 मैच खेले हैं। 172 में जीत और 175 में टीम को हार मिली। एक मैच टाई और 221 टेस्ट ड्रॉ भी रहे। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सबसे ज्यादा 32 बार हराया है। वहीं इंग्लैंड ने हमें सबसे ज्यादा 50 टेस्ट हराए हैं। टेस्ट में भारत का टॉप स्कोर 759 रन है, जो टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ बनाया है। वहीं टीम इंडिया का सबसे छोटा स्कोर 36 रन है, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बना है।
17 मार्च को होगा 2500वां मुकाबला
2 दिन बाद शुक्रवार 17 मार्च को न्यूजीलैंड और श्रीलंका के बीच 2 टेस्ट की सीरीज का आखिरी मुकाबला वेलिंगटन में खेला जाएगा। जो टेस्ट क्रिकेट का 2500वां मुकाबला होगा। न्यूजीलैंड ने पहला टेस्ट आखिरी बॉल पर 2 विकेट से जीता था। न्यूजीलैंड ने कुछ दिनों पहले ही अपने घर में इंग्लैंड के खिलाफ 2 टेस्ट की सीरीज 1-1 से जीती। इस सीरीज का आखिरी मुकाबला तो न्यूजीलैंड ने फॉलोऑन मिलने के बाद महज एक रन से जीता। जो टेस्ट क्रिकेट में रनों के लिहाज से सबसे छोटी जीत का रिकॉर्ड भी है।
जब 271 ओवर बॉलिंग कर गई टीम इंडिया
6 अगस्त 1997 को कोलंबो टेस्ट में श्रीलंका ने भारत के खिलाफ पूरे 271 ओवर बैटिंग कर 6 विकेट के नुकसान पर 952 रन बना डाले। यह टेस्ट क्रिकेट में बना अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है। श्रीलंका के सनथ जयसूर्या ने इस मैच में 340 और रोशन महानमा ने 225 रन अकेले ही बना डाले। भारत के 3 गेंदबाजों ने इस टेस्ट में 70 से ज्यादा-ज्यादा ओवर बॉलिंग की। श्रीलंका ने दूसरी पारी में यह स्कोर बनाया था, वहीं भारत ने अपनी पहली पारी 537/8 के स्कोर पर डिक्लेयर की थी।
अब नजर डालें कुछ इंटरेस्टिंग टीम रिकॉर्ड्स पर...
साउथ अफ्रीका 1924 में इंग्लैंड के खिलाफ 12.3 ओवर में महज 30 रन पर ऑलआउट हो गई। यह सबसे कम गेंदों में ऑलआउट होने का रिकॉर्ड है।
एक ग्राउंड पर सबसे ज्यादा मैच इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान पर हुए, यहां अब तक 143 टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं।
न्यूजीलैंड ने 2014 में पाकिस्तान के खिलाफ शारजाह टेस्ट की एक पारी में सबसे ज्यादा 22 छक्के लगाए। इस मैच को न्यूजीलैंड ने ही जीता था।
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 2019 में विशाखापट्टनम टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा 37 छक्के लगे थे। इस टेस्ट को भारत ने जीता।
वेस्टइंडीज-पाकिस्तान के बीच 1977 के दौरान एक टेस्ट में सबसे ज्यादा 173 रन एक्स्ट्रा से ही चले गए थे। यह एक टेस्ट में सबसे ज्यादा एक्स्ट्रा का वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
फॉलो-ऑन के बाद 4 टीमों ने जीते हैं मैच
टेस्ट क्रिकेट में चार पारियों का खेल होता है, पहले बैटिंग करने वाली टीम तीसरी पारी में और बाद में बैटिंग करने वाली टीम चौथी पारी में दोबारा बैटिंग करती है। 5-दिवसीय इस खेल में फॉलो-ऑन का रूल भी होता है। इसके अनुसार दूसरी पारी में बैटिंग करने वाली टीम अगर पहले बैटिंग करने वाली टीम के स्कोर से 200 या उससे ज्यादा रन से पिछड़ती है, तो पहले बैटिंग करने वाली टीम उन्हें तीसरी पारी में फॉलो-ऑन देकर फिर से बैटिंग के लिए बुला सकती है। यानी एक टीम लगातार 2 बार भी बैटिंग कर सकती है।
फॉलो-ऑन की स्थिति में बैटिंग टीम बहुत बड़े अंतर से पिछड़ रही होती है। ऐसे में जीतना बड़ा मुश्किल होता है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में 4 मैच ऐसे भी रहे हैं, जब टीम ने फॉलो-ऑन झेलने के बाद भी मैच जीता। इंग्लैंड ने 1894 और 1981 में 2 बार ऑस्ट्रेलिया को 10 और 18 रन के अंतर से हराया।
भारत ने 2001 में ऑस्ट्रेलिया को 171 रन से हराया था और 20 दिन पहले 24 फरवरी को न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड को एक रन से हराया है। न्यूजीलैंड ने इसके साथ ही सबसे कम रन के अंतर से जीत के रिकॉर्ड में वेस्टइंडीज की बराबरी की। विंडीज ने 1993 में ऑस्ट्रेलिया को एक रन से हराया था।
टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी राइवलरी
1877 में जिन 2 टीमों के बीच मैच से टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत हुई। उन्हीं दो टीमों के बीच इस फॉर्मेट की सबसे बड़ी और लंबी राइवलरी भी चली आ रही है। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच इस राइवलरी का नाम 'द एशेज' सीरीज है। हर डेढ़ साल में दोनों टीमें एक-दूसरे के घर में जाकर 5 टेस्ट की सीरीज खेलती हैं।
30 दिसंबर 1882 को दोनों में पहली बार 3 टेस्ट की सीरीज खेली गई। तब से अब तक कुल 144 सीरीज हो चुकी हैं। ओवऑल दोनों के बीच द एशेज में 340 मैच खेले गए। ऑस्ट्रेलिया ने 140 और इंग्लैंड ने 108 में जीत दर्ज की। दोनों के बीच 92 टेस्ट ड्रॉ भी रहे हैं। अब जुलाई में एक बार फिर दोनों के बीच इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज होगी, जो 145वीं एशेज होगी।
न्यूजीलैंड है टेस्ट का पहला वर्ल्ड चैंपियन
146 साल पहले शुरू हुए क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में 2020 तक द्विपक्षीय सीरीज ही खेली जाती थी। एक टीम दूसरे देश जाकर सीरीज खेलती और मार्च-अप्रैल तक ICC रैंकिंग में नंबर-1 पर रहने वाली टीम को अवॉर्ड के रूप में टेस्ट गदा दी जाती थी। लेकिन 2021 में हुए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल ने इस प्रथा को तोड़ा और दुनिया को इस फॉर्मेट का पहला वर्ल्ड चैंपियन दिया।
18 से 23 जून के बीच इंग्लैंड के द ओवल मैदान पर भारत और न्यूजीलैंड में WTC का फाइनल खेला गया। न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से मुकाबला जीता और टेस्ट के पहले वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया। अब 7 से 11 जून के बीच इंग्लैंड में दूसरी बार WTC का फाइनल होगा। पिछली फाइनलिस्ट टीम इंडिया के सामने इस बार ऑस्ट्रेलिया की चुनौती होगी। जिसे भारत ने पिछली लगातार 4 टेस्ट सीरीज 2-1 के अंतर से हराई हैं। ऐसे में यह मुकाबला भी इंटरेस्टिंग होने की उम्मीद है।
सोबर्स-कैलिस टॉप ऑलराउंडर
गैरी सोबर्स टेस्ट के टॉप ऑलराउंडर हैं। उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए 93 टेस्ट में 8032 रन बनाने के साथ 235 विकेट लिए हैं। उनके बाद साउथ अफ्रीका के जैक्स कैलिस 166 टेस्ट में 13,289 रन और 292 विकेट लेने के साथ टेस्ट ऑलराउंडर के पैमानों को नई सीमाओं तक ले गए।
टेस्ट में कुछ और टॉप ऑलराउंडर्स भी हैं, जिनमें इंग्लैंड के इयान बॉथम ने 102 टेस्ट में 5200 रन बनाने के साथ 383 विकेट, न्यूजीलैंड के रिचर्ड हेडली ने 86 टेस्ट में 3125 रन बनाने के साथ 431 विकेट, भारत के कपिल देव ने 131 टेस्ट में 5248 रन बनाने के साथ 431 विकेट और पाकिस्तान के इमरान खान ने 88 टेस्ट में 3807 रन बनाने के साथ 362 विकेट लिए हैं।
इन व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स पर भी नजर डालें...
भारत के जसप्रीत बुमराह ने 2022 में इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड के खिलाफ एक ओवर में 35 रन बनाए थे। यह एक ओवर में बने सबसे ज्यादा रन हैं।
ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न ने 145 टेस्ट में 3154 रन बनाए हैं। उनका बेस्ट स्कोर 99 का रहा। यह करियर में बगैर शतक बनाए सबसे ज्यादा रन का वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
भारत के राहुल द्रविड़ ने 164 टेस्ट में 210 कैच लिए हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनसे ज्यादा कैच अब तक किसी ने नहीं पकड़े।
संकट में टेस्ट क्रिकेट का फ्यूचर
टी-20 और फ्रेंचाइजी क्रिकेट आने के बाद टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कहने को वैसे तो इसे अब 12 देश खेलते हैं, लेकिन चुनिंदा देशों की टीमें ही अब इस फॉर्मेट में टॉप लेवल परफॉर्मेंस दे पा रही हैं। भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान वह चुनिंदा टीमें हैं।
चुनिंदा देशों में भी कई देश तो साल में 5-6 टेस्ट ही खेलते हैं। कई देशों के खिलाड़ियों का फोकस अब बस फ्रेंचाइजी क्रिकेट पर ही हो गया, इस कारण इस फॉर्मेट में नए खिलाड़ी आना भी कम हुए है। लेकिन WTC, द एशेज, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, भारत-इंग्लैंड टेस्ट जैसी कुछ सीरीज अब भी इस फॉर्मेट को इंटरेस्टिंग बनाने का काम कर रही हैं। ऐसे में देखना अहम होगा कि क्रिकेट के सबसे चैलेंजिंग फॉर्मेट का फ्यूचर कैसा होगा।
विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले टेस्ट में 364 बॉल पर 186 रन की जबरदस्त पारी खेली। उन्हें इस पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिला। इसी के साथ कोहली ने एक वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। कोहली तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी-20) में 10 या उससे ज्यादा बार प्लेयर ऑफ द मैच पुरस्कार जीतने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। 

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