खेलो इंडिया यूथ गेम्स की कहानी शारदानंद तिवारी की जुबानी

उत्तर प्रदेश का ड्रैग फ्लिकर ले रहा पांचवीं बार हिस्सा 
खेलपथ संवाद
ग्वालियर।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 मध्य प्रदेश में 30 जनवरी से शुरू हो चुका है और इसका आयोजन 11 फ़रवरी, 2023 तक होगा। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के इस संस्करण में ऐसे कई खिलाड़ी शामिल हैं, जो खेलो इंडिया यूथ गेम्स में कई बार हिस्सा ले चुके हैं। ऐसे ही खिलाड़ियों में शामिल है उत्तर प्रदेश का ड्रैग फ्लिकर शारदानंद तिवारी। इस खिलाड़ी ने इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बताया।
उत्तर प्रदेश के हॉकी खिलाड़ी और एक बेहतरीन ड्रैग फ़्लिकर शारदानंद तिवारी 5वीं बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। भारत की अंडर-21 हॉकी टीम के सदस्य शारदानंद तिवारी के पास इंटरनेशनल स्तर पर खेलने का काफी अनुभव है। वह जूनियर विश्व कप और जोहोर कप जैसी प्रतिष्ठित वैश्विक प्रतियोगिताओं में खेल चुके हैं।
5वीं बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स खेलने के लिए ग्वालियर पहुंचे शारदा ने खेलो इंडिया को एक ऐसा मंच बताया है, जो नए खिलाड़ियों को ओलम्पिक, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों की तरह प्रतिस्पर्धा का एहसास कराता है। पिछले साल भुवनेश्वर में आयोजित जूनियर विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले शारदानंद तिवारी पांचवीं बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हिस्सा ले रहे हैं। वह इस ग्रासरूट स्तर के आयोजन में अपना क्वालिटी और अनुभव लेकर आते हैं।
शारदानंद जैसे कई खिलाड़ी हैं, जो पांचवीं बार खेलो इंडिया के लिए मध्य प्रदेश पहुंचे हैं और ऐसे खिलाड़ियों के आने से न सिर्फ इस आयोजन की शोभा बढ़ती है बल्कि इनकी मौजूदगी से नए खिलाड़ियों को काफ़ी कुछ सीखने को मिलता है। डिफ़ेंडर के तौर पर भारतीय टीम में खेल रहे शारदानंद ने कहा, “यह एक बहुत अच्छा प्लेटफ़ॉर्म है। जो नए खिलाड़ी होते हैं उनके लिए ख़ासतौर पर अच्छी चीज है क्योंकि यह उन्हें इंटरनेशनल इवेंट जैसा महसूस कराता है। उनको यह पता चलता है कि ओलम्पिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे आयोजन कैसे होते हैं। साथ ही नए खिलाड़ियों को पता चलता है कि देश में किस तरह की प्रतिभाएं हैं और उनके साथ कैसे घुलना-मिलना है।”
शारदानंद ने कहा कि सीनियर खिलाड़ी होने के नाते वह इस बात का ख़्याल रखते हैं कि नए खिलाड़ियों (दूसरे राज्यों के भी) को किसी प्रकार की दिक्कत न हो और साथ ही जो खिलाड़ी खेल से संबंधित कोई सलाह के लिए आते हैं, वह उनकी मदद करते हैं। शारदानंद ने कहा कि ज्यादातर राज्यों के खिलाड़ी एक-दूसरे को जानते हैं। हम एक दूसरे के साथ अच्छी तरह मिलते-जुलते हैं। यह भी खेलो इंडिया की एक ख़ासियत है। यहां अलग-अलग राज्यों के खिलाड़ी एक जगह आकर एक दूसरे से मिलते हैं और अपने अनुभव साझा करते हैं। मैदान में हम गंभीर रहते हैं लेकिन मैदान के बाद हम सभी दोस्त होते हैं।
उत्तर प्रदेश की टीम में कई अच्छे हॉकी खिलाड़ी हैं। यूपी ने राष्ट्रीय टीम को हमेशा अच्छे इंटरनेशनल खिलाड़ी दिए हैं। यूपी की टीम का खेलो इंडिया में हमेशा से अच्छा प्रदर्शन रहा है। 2018 में यूपी की टीम को कोई स्थान नहीं मिला था। वह सेमीफ़ाइनल में हार गई थी। दूसरी बार पुणे में भी वह सेमीफ़ाइनल में पहुंची। उसके बाद इस टीम ने गुवाहाटी में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद पंचकूला में यूपी की टीम ने फ़ाइनल तक का सफर तय किया, लेकिन उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।
 

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