आठ पहलवानों ने जगरेब ओपन से वापस लिया नाम

विनेश और बजरंग बोले- हमारी तैयारी पूरी नहीं
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
विनेश फोगट और बजरंग पूनिया सहित आठ भारतीय पहलवानों ने जगरेब ओपन से अपना नाम वापस ले लिया है। पहलवानों का कहना है कि वे प्रतियोगिता के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं, अंजू चोट के कारण टूर्नामेंट से हट गई हैं। डब्ल्यूएफआई मामलों का प्रबंधन करने वाली मैरीकॉम की अध्यक्षता वाली निरीक्षण समिति ने बुधवार को इस इवेंट के लिए 36 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा की थी। क्रोएशिया की राजधानी में एक फरवरी से शुरू होने वाले यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज इवेंट में भारत के सभी बड़े पहलवानों को शामिल होना था।
जंतर मंतर पर अपने तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन के दौरान पहलवानों ने कहा था कि वे तब तक किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगे, जब तक कि भारतीय कुश्ती महासंघ को भंग नहीं किया जाता है और इसके प्रमुख को बर्खास्त नहीं किया जाता है।
टोक्यो ओलम्पिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया (57 किलोग्राम), विश्व चैम्पियनशिप के पदक विजेता दीपक पूनिया (86 किलोग्राम), प्रतिभाशाली युवा अंशु मलिक (57 किलोग्राम), बजरंग की पत्नी संगीता फोगाट (62 किलोग्राम), सरिता मोर (59 किलोग्राम), जितेंद्र किन्हा (79 किलोग्राम), विनेश फोगाट (53 किलोग्राम) और बजरंग (65 किलोग्राम) का कहना है कि उनकी तैयारी पूरी नहीं है और ये पहलवान प्रतियोगिता में भाग नहीं लेंगे। 
भारतीय खेल प्राधिकरण से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा "उन्होंने जो कारण दिया है वह यह है कि वे भाग लेने के लिए वह 100 प्रतिशत अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं। वे अब इस मामले को थोड़ा बढ़ा रहे हैं। उन्हें भारतीय टीम में नाम आने के बाद प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए थी। जाहिर है, इसकी सराहना नहीं की जा रही है।" यह 2023 सीजन में भारतीय पहलवानों के लिए पहला टूर्नामेंट है। इसके बाद पहलवानों को एशियाई खेलों और 2024 पेरिस ओलम्पिक क्वालीफायर में भी भाग लेना है। धरने में बैठने वाले पहलवानों ने टूर्नामेंट से पहले अभ्यास का समय खो दिया और अगर वह भाग लेते तो अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ता। 
सरकार ने धरने पर बैठे पहलवानों को आश्वासन दिया कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जांच की जाएगी। इसके साथ ही उन्हें कुश्ती संघ के कामकाज से अलग रहने को कहा गया। इसके बाद ही पहलवानों ने अपना धरना खत्म किया। पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण और मनमाने तरीके से काम करने का आरोप लगाए थे। उनके खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है। पांच सदस्यीय समिति उनके खिलाफ जांच कर रही है। 
पहलवान समिति में अपनी पसंद का व्यक्ति चाहते हैं, जिसमें पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त और तृप्ति मुरगुंडे के अलावा दो खेल प्राधिकरण अधिकारी सदस्य के रूप में हैं। जांच कमेटी को एक महीने में अपनी रिपोर्ट देनी है। जाहिर तौर पर पहलवान समिति में योगेश्वर की मौजूदगी से खुश नहीं हैं क्योंकि वे लंदन ओलम्पिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर को फेडरेशन प्रमुख का करीबी मानते हैं। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक सरकार सोशल मीडिया पर पहलवानों की टिप्पणियों से खुश नहीं है।
इस बीच, कुश्ती संघ अध्यक्ष के करीबी सूत्रों ने कहा कि बृजभूषण उत्सुकता से जांच शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि उनका नाम किसी भी गलत काम से मुक्त हो सके। सूत्र ने कहा "वह वास्तव में खुश हैं कि जांच की जा रही है। उनका मानना है कि उनका नाम साफ हो जाएगा और पहलवानों की गलतफहमी भी टूट जाएगी। न तो उन्होंने किसी महिला पहलवान का यौन उत्पीड़न किया है और न ही कुश्ती संघ में कोई वित्तीय अनियमितता है, इसलिए उन्हें विश्वास है।"

रिलेटेड पोस्ट्स