खेलो इंडिया गेम्स से मिले कई शानदार खिलाड़ी

अंशु मलिक, मनु भाकर, कोमलिका बारी कर रहीं कमाल
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स के पांचवें संस्करण का आयोजन मध्यप्रदेश में हो रहा है। 2018 में पहली बार खेलो इंडिया स्कूल गेम्स का आयोजन हुआ था। इसके बाद से लगातार खेलो इंडिया गेम्स का आयोजन हो रहा है। खेलो इंडिया गेम्स में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अगले आठ साल तक भारत सरकार हर साल पांच लाख रुपये देती है। इससे खिलाड़ियों को अपना करियर बनाने में मदद मिलती है। अब तक कई खिलाड़ी खेलों इंडिया गेम्स के जरिए सुर्खियों में आए हैं और देश के लिए पदक भी जीत चुके हैं। हम यहां ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी प्रतिभा खेलो इंडिया गेम्स के जरिए सभी के सामने आई।
अंशु मलिक (कुश्ती)- अंशु मलिक के नाम एशियाई कैडेट चैम्पियनशिप में दो पदक हैं। इसके अलावा, वह 57 किलोग्राम में जूनियर एशियन वेट क्लास चैम्पियन हैं। अंशु के चाचा और पिता भी खेलों से जुड़े रहे हैं, लेकिन उन्हें अलग पहचान दिलाने में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का बड़ा योगदान है। अंशु आने वाले समय में देश के लिए कई पदक जीत सकती हैं।
मनु भाकर (शूटिंग)- दो राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर मनु भाकर चर्चा में आई थीं। इस युवा शूटर से देश को काफी उम्मीदें हैं। मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही एक घंटे से भी कम समय में दो जूनियर राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़े थे। मनु ने 2018 में सीनियर और जूनियर स्तर पर सभी आईएसएसएफ विश्व कप के साथ-साथ गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स और ब्यूनस आयर्स में 2018 यूथ ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया था।
जेरेमी लालरिनुंगा (वेटलिफ्टिंग)- राष्ट्रमंडल खेल 2022 में देश के लिए पदक लाने वाले जेरेमी लालरिनुंगा भी खेलों इंडिया गेम्स के जरिए ही चमके हैं। उन्होंने पिछले साल देश के लिए रजत पदक जीता था। राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने कुल 288 किलोग्राम वजन उठाया था वहीं, एशियाई चैम्पियनशिप में, उन्होंने स्नैच में 134 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 162 किलोग्राम सहित कुल 297 किलोग्राम भार उठाकर यूथ वर्ल्ड और एशियाई दोनों रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। 2020 में, उन्होंने एशियन यूथ चैम्पियनशिप और एशियन जूनियर चैम्पियनशिप में रजत पदक जीते हैं।
मानुष शाह (टेबल टेनिस)- गुजरात के मानुष शाह ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में अंडर-21 टेबल टेनिस इवेंट जीता। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ की 2016 भारत जूनियर और कैडेट ओपन टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता। उन्हें 22वीं एशियाई जूनियर और कैडेट टेबल टेनिस चैंपियनशिप के लिए भारत की सब-जूनियर टेबल टेनिस टीम में जगह बनाई। आने वाले समय में वह देश के लिए कई पदक जीत सकते हैं।
कोमलिका बारी (तीरंदाजी)- कोमलिका बारी ने स्पेन में विश्व युवा और कैडेट तीरंदाजी चैम्पियनशिप जीती थी। वह इस प्रतियोगिता में चैंपियन बनने वाली तीसरी भारतीय महिला हैं। उनसे पहले 2006 में झारखंड की पलटन हांसदा ने यह उपलब्धि हासिल की थी। 2009 में दीपिका कुमारी की जीत के बाद, कोमलिका रिकर्व में भारत की तीसरी अंडर-18 विश्व चैंपियन हैं। उन्होंने दक्षिण एशियाई चैम्पियनशिप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण किया और तब से उन्हें तुर्की और जर्मनी में विश्व कप, नीदरलैंड में विश्व चैंपियनशिप और टोक्यो ओलंपिक परीक्षण कार्यक्रम जैसे एलीट टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम में नामित किया गया।

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