ड्रैग फ्लिक से गोल करना अब पहले से मुश्किल

रूपिंदर पाल सिंह बोले- तकनीक इसका कारण
खेलपथ संवाद
भुवनेश्वर।
भारत के पूर्व ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह का मानना है कि तकनीक के इस्तेमाल ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी टीमों के लिए पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल करना मुश्किल होता जा रहा है। खेल में वीडियो विश्लेषण जैसी तकनीक के इस्तेमाल से विरोधी टीमों की रक्षापंक्ति को मजबूत बना दिया है। 
टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे रूपिंदर ने कहा कि हाल के वर्षों में पेनल्टी-कॉर्नर के बचाव में काफी सुधार हुआ है और यही कारण है कि दुनिया भर में ड्रैग-फ्लिकर को गोल करने में परेशानी हो रही है। रूपिंदर ने ओलंपिक के बाद खेल को अलविदा कह दिया था। 
रूपिंदर ने कहा, ''हाल के वर्षों में पेनल्टी कॉर्नर का बचाव करना एक कला बन गया है। हर टीम के पास अब यह अध्ययन करने के लिए वीडियो विश्लेषण है कि विरोधी अपने पेनल्टी कॉर्नर को कैसे लेते हैं। टीमें यह विश्लेषण करती है कि विपक्षी टीम के ड्रैग फ्लिकर कैसे फ्लिक करते हैं। उनके तरीके और तकनीक को देखकर वे इसके बचाव के लिए खुद को तैयार करती हैं।''

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