भारतीय कुश्ती पर लगे ग्रहण पर सियासत ठीक नहीं

बेटियों को इंसाफ और कसूरवारों को मिले दण्ड
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
इस समय भारतीय कुश्ती पर लगे ग्रहण ने अभिभावकों को मुश्किल में डाल दिया है। सरकारें बेटियों को पढ़ाओ, आगे बढ़ाओ पर अकूत पैसा खर्च कर रही हैं लेकिन खेल मैदानों में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। बेटियां इंसाफ की गुहार लगा रही हैं लेकिन हुक्मरान अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे। यह सिर्फ कुश्ती में ही नहीं हो रहा बीते साल उत्तर प्रदेश ओलम्पिक एसोसिएशन के सचिव आनंदेश्वर पांडेय, हरियाणा के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री संदीप सिंह और अब भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर खिलाड़ी बेटियों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। यह आरोप निराधार नहीं हो सकते।
दरअसल, भारतीय खेलों में खिलाड़ियों के दैहिक और मानसिक शोषण का खेल लम्बे समय से चल रहा है लेकिन जांच के नाम पर हमेशा खानापूर्ति हुई है। उत्तर प्रदेश ओलम्पिक एसोसिएशन के सचिव आनंदेश्वर पांडेय जोकि स्वयं यौन शोषण के आरोपी हैं, उन्होंने गुरुवार को पहलवान बेटियों के मामले को जिस तरह साजिश करार देकर कुश्ती संघ के अध्यक्ष का बचाव करते दिखे उससे उनकी सोच पर तरस आता है। सच तो यह है कि ऐसे मामलों में यदि निष्पक्ष जांच होती और कसूरवारों को सजा मिलती तो शायद इस तरह के मामलों पर रोक जरूर लग जाती।
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ साक्ष्यों के साथ यौन शोषण की शिकायत कर रही जूनियर और सीनियर राष्ट्रीय शिविर में शामिल महिला पहलवानों को इंसाफ की दरकार है। ये पहलवान लखनऊ में लगे शिविर में शामिल रही हैं। इन बेटियों ने बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफा नहीं देने की स्थिति में एफआईआर दर्ज कराने का भी मन बना लिया है।
शिकायत के लिए आगे आने वाली पहलवानों में सिर्फ हरियाणा की ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों की भी पहलवान बेटियां शामिल हैं। धरने पर बैठी विनेश ने तो यहां तक कहा कि यूपी की कई लड़कियां पहलवानी करनी आईं, लेकिन छोटी उम्र में ही उन्होंने पहलवानी छोड़ दी। इसका कारण क्या है? विनेश ने पांच से छह महिला पहलवानों के साक्ष्यों के साथ सामने आने का दावा किया है।
जो भी हो पहलवानों के धरने का सीधा प्रभाव अगले दो माह में होने वाले भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर पड़ने जा रहा है। धरने से पहले की स्थिति में बृजभूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक सिंह का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा था। बृजभूषण तीन कार्यकाल पूरा करने के चलते अगला चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। कुश्ती संघ के अध्यक्ष की रेस में कांग्रेस सांसद दीपेंदर हुड्डा भी हैं। 2011 में बृजभूषण ने कुश्ती संघ के चुनाव में दीपेंदर हुड्डा को ही हराया था।
साई ने महिला पहलवानों के लखनऊ शिविर को बंद कर दिया है। महिला पहलवानों ने शिविर में तैनात चीफ कोच पर भी आरोप लगाए हैं। साई महिला पहलवानों का शिविर लगाने की तैयारी में है। यह शिविर लखनऊ में नहीं लगाए जाने की उम्मीद है। खेल मंत्रालय महिला पहलवानों का शिविर किसी अन्य साई केंद्र में लगाने की सोच रहा है। यह भी तैयारी हो चुकी है कि शिविर में शामिल चीफ कोच को हटाकर किसी अन्य को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए।
खेल मंत्रालय ने पहलवानों के आरोप पर कुश्ती संघ से 72 घंटे के अंदर जवाब मांगा है, लेकिन बृहस्पतिवार को मंत्रालय को जवाब नहीं मिला था। उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार को कुश्ती संघ जवाब दाखिल कर देगा। मंत्रालय का कहना है कि उसकी ओर से तब तक कुश्ती संघ पर कार्रवाई नहीं की जा सकती जब तक कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज न हो। कुश्ती संघ का जवाब दाखिल होने के बाद इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।

 

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