पीवी सिंधू और लक्ष्य का कड़ा इम्तिहान

भारतीय खिलाड़ियों को मिला कठिन ड्रॉ
भारत को अपना दूसरा घर मानती हैं मारिन
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
पीवी सिंधू हों या लक्ष्य सेन या फिर किदांबी श्रीकांत, देश के शीर्ष बैडमिंटन खिलाडिय़ों को सुपर 750 टूर्नामेंट खेलना विदेशी धरती पर नसीब होता था। यह पहली बार है जब विश्व बैडमिंटन महासंघ ने भारतीय बैडमिंटन संघ को इंडिया ओपन टूर्नामेंट को सुपर 750 का दर्जा सिर्फ इस बार के लिए नहीं बल्कि अगले चार वर्ष के लिए प्रदान कर दिया है। 
मंगलवार से यहां शुरू हो रहे सवा सात करोड़ रुपये (9 लाख अमेरिकी डॉलर) से ज्यादा की ईनामी राशि वाले इस टूर्नामेंट देश और दुनिया के सभी शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी शिरकत करने जा रहे हैं। सिंधू और लक्ष्य इस बार को लेकर ज्यादा उत्साहित हैं कि उन्हें अपने सर्मथकों के बीच लंबे समय बाद खेलने का मौका मिलने जा रहा है।
गत विजेता विश्व नंबर 10 और यहां सातवीं वरीय लक्ष्य सेन और विश्व नंबर सात पीवी सिंधू यहां खिताब के दावेदार हैं। हालांकि लक्ष्य को पहले ही दौर में विश्व नंबर 8 हमवतन एचएस प्रणय के साथ पहले दौर में अभियान की शुरुआत करनी है। सिंधू को पहले दौर में थाईलैंड की सुपानिदा कातेथांग से खेलना है। सुपानिदा उन्हें पिछले वर्ष इस टूर्नामेंट में हरा चुकी हैं। विश्व नंबर 13 श्रीकांत को विश्व नंबर 1 डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन से खेलना है। पूर्व विश्व चैंपियन जापान के केंटो मोमोटा के यहां खेलने की उम्मीद नहीं है। वह अब तक नहीं पहुंचे हैं। लक्ष्य और प्रणय के बीच जो जीतेगा उसकी टक्कर मोमोटा से होनी है। साइना नेहवाल पहले दौर में डेनमार्क की मिया ब्लिशफेल्ड और पांचवीं वरीय सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी की जोड़ी डेनमार्क के बे और मोलहीड के खिलाफ खेलेगी।
पांच माह बाद टखने की चोट से उबरकर इस सत्र में अपना दूसरा टूर्नामेंट खेलने जा रहीं पीवी सिंधू अपनी फिटनेस को लेकर अब संतुष्ट हैं। सिंधू कहती हैं कि पिछले पांच माह कठिन रहे। मलयेशिया ओपन में स्पेन की कैरोलिना मारिन से पहले दौर में हार के बावजूद उन्हें लग रहा है कि वह लय में हैं। हालांकि चोट के बाद आकर खेलना आसान नहीं था। यहां वह अपना सौ प्रतिशत देंगी। चोट से उबरने के दौरान कोच कोरियाई कोच पार्क ताई सुंग ने उनका खूब साथ निभाया। सिंधू का ध्यान पेरिस ओलंपिक पर है। वह कहती हैं कि यह साल ओलंपिक क्वालिफाई करने का है, इस लिए वह उसी हिसाब से उन्हें टूर्नामेंटों का चयन करना है और तैयारी करनी है।
पूर्व ओलंपिक चैंपियन स्पेन की कैरोलिना मारिन का कहना है कि उन्हें भारत में खेलना पसंद है। उन्हें भारत अपना दूसरा घर लगता है। उन्हें जितना प्यार यहां मिलता है, किसी अन्य देश में उन्होंने अपने लिए इतना प्यार नहीं देखा। सिंधू को उन्होंने बीते सप्ताह 10वीं बार हराया, लोग उन्हें खलनायिका के रूप में देख रहे होंगे, लेकिन यही खेल है। उन्हें मालूम है कि उन्हें यहां काफी समर्थन मिलेगा।

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