भारत के विरोध पर छिन गई थी पाकिस्तान से मेजबानी

हॉकी विश्व कप की जानें रोचक कहानी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
हॉकी का पहला विश्व कप अक्टूबर 1971 में पाकिस्तान में होना था। विश्व कप के लिए भारतीय टीम को भी आमंत्रित किया गया। पाकिस्तान के क्रिकेटर अब्दुल हफीज कारदार ने भारतीय टीम को बुलाने पर बड़े स्तर पर विरोध जताया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने पाकिस्तान से विश्व कप की मेजबानी छीनकर स्पेन को दे दी।
हॉकी विश्व कप का आयोजन कराने का प्रस्ताव पाकिस्तान के एयर मार्शल नूर खान ने दिग्गज पत्रकार पैट्रिक रॉली (वर्ल्ड हॉकी मैग्जीन के संपादक) के माध्यम से एफआईएच तक पहुंचाया। एफआईएच ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए 12 अप्रैल 1970 को पाकिस्तान को ही विश्वकप की मेजबानी सौंप दी।
एफआईएच ने इस बात का ध्यान नहीं दिया कि पाकिस्तान भारत से 1965 का युद्ध हार गया था। साथ ही बांग्लादेश मुक्ति संग्राम भी चल रहा था। विश्व कप में भारत को नहीं खेलने देने की पाकिस्तान की कोशिश नाकाम रही। एफआईएच ने 12 से 24 अक्टूबर के बीच स्पेन के बार्सिलोना में विश्व कप का आयोजन कराया। हॉकी विश्व कप ट्रॉफी को पाकिस्तानी सेना के कारीगरों द्वारा बनाया गया था। इसका निर्माण सोने और चांदी से हुआ था। ट्रॉफी के ऊपरी हिस्से में ग्लोब दिखता है और उसके ऊपर हॉकी स्टिक दिखाई देती है।
भारत में 15वें हॉकी विश्व कप की शुरुआत 13 जनवरी को होनी है। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर और राउरकेला में टूर्नामेंट के सभी मैच खेले जाएंगे। इस टूर्नामेंट का फाइनल मैच 29 जनवरी को खेला जाएगा। भुवनेश्वर को लगातार दूसरी बार मेजबानी का मौका मिला है। 2018 में भी उसने हॉकी विश्व कप का आयोजन किया था। तब बेल्जियम ने पेनल्टी शूटआउट में नीदरलैंड को हराया था।

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