मैं हार मानने वाली नहींः स्वीटी बोरा

पेरिस ओलम्पिक खेलना है इस मुक्केबाज का लक्ष्य 
खेलपथ संवाद
हिसार।
ओलम्पिक में हिस्सा लेना किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है। हर खिलाड़ी चाहता है कि वह ओलम्पिक खेलों में अपने देश का प्रतिनिधित्व करे और पदक अपने नाम करे। भारत की महिला मुक्केबाज स्वीटी बोरा भी इन खिलाड़ियों में शामिल हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश वह टोक्यो ओलम्पिक-2021 के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाईं, हालांकि वह हताश नहीं हैं क्योंकि उनका कहना है कि वह उन लोगों में से हैं जो अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं और इसलिए अब उनका ध्यान पेरिस ओलम्पिक-2024 पर है।
स्वीटी ने एशियाई चैम्पियनशिप-2014 में रजत पदक जीता था। इसके अलावा 2015 में एशियाई चैम्पियनशिप में भी रजत पदक जीत चुकी हैं। उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया था। तमाम कोशिशों के बाद भी 75 किलोग्राम भारवर्ग में खेलने वाली यह मुक्केबाज टोक्यो का टिकट नहीं कटा सकी और इसी कारण उनके दिमाग में दोबारा कबड्डी की तरफ लौटने का ख्याल आया। मुक्केबाज बनने से पहले स्वीटी राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी थीं, लेकिन उनके पिता ने उन्हें मुक्केबाज बना दिया।
हिसार की मुक्केबाज का भाग्य उसके साथ नहीं रहा क्योंकि टोक्यो ओलम्पिक क्वालीफिकेशन से ठीक पहले उसे निराशा का सामना करना पड़ा था। तब उन्होंने मुक्केबाजी छोड़कर कबड्डी में लौटने पर भी विचार किया। स्पोर्ट्स टाइगर के नई इंटरव्यू सीरीज “मिशन गोल्ड” पर कहा था, “मैंने कैंप छोड़ दिया और वापस आ गई क्योंकि मुझे ओलम्पिक क्वालीफाइंग में भाग लेने का मौका नहीं दिया गया। मैं यह सोचकर घर वापस आ गई थी कि अगर मुझे ओलम्पिक क्वालीफिकेशन में भाग लेने का मौका ही नहीं मिला तो खेल को आगे जारी रखने का क्या फायदा? मैं विश्व और एशियाई लेवल तक खेल चुकी हूं और कई पदक जीते हैं। केवल एक चीज जो मेरे पास नहीं है वह है ओलम्पिक पदक। अगर ऐसा ही था तो मैं कबड्डी खेलने के लिए भी तैयार थी।”
अब स्वीटी 2024 के पेरिस ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए काफी दृढ़ निश्चयी हैं और उन्होंने कहा, “मैं उनमें से हूं जो अपने सपनों को हासिल करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। मेरे पास 2024 के ओलम्पिक की तैयारी के लिए अभी भी वक्त है और मैं निश्चित रूप से अगले ओलम्पिक में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद करती हूं।”

 

रिलेटेड पोस्ट्स