भारत को दूसरे हॉकी विश्व कप खिताब की तलाश

सबसे ज्यादा बार टूर्नामेंट में खेली है टीम इंडिया
खेलपथ संवाद
भुवनेश्वर।
भारत की मेजबानी में चौथी बार हॉकी विश्व कप का आयोजन 13 से 29 जनवरी तक होगा। विश्वकप के 15वें संस्करण के मुकाबले ओडिशा के राउरकेला और भुवनेश्वर में खेले जाएंगे। सबसे ज्यादा 14 बार विश्वकप खेलने वाली भारतीय टीम को 48 वर्ष से अपने दूसरे खिताब की तलाश है। टोक्यो ओलंपिक में कांस्य जीतने और 2021-22 एफआईएच प्रो हॉकी लीग में तीसरे नंबर पर रहने के बाद उम्मीद जगी है कि भारतीय टीम इस बार विश्वकप में पदक जीत सकती है।
भारत ने अंतिम बार 1975 में सुरजीत सिंह रंधावा और अशोक कुमार के गोल की मदद से पाकिस्तान को 2-1 हराकर विश्व खिताब जीता था। भारत ने 1971 में कांस्य और 1973 में रजत पदक जीता था। सबसे ज्यादा विश्वकप खेलने और मेजबानी करने का रिकॉर्ड भारत के नाम है। भारत के बाद स्पेन ने 13 बार विश्वकप खेला है।
क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पा रही टीम
स्टार ड्रैगफ्लिकर हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारतीय टीम इस बार क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाने की बाधा को तोड़ सकती है। 1975 का विश्वकप जीतने के बाद भारत सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सका है। इसके बाद 1982 और 1994 में पांचवें स्थान पर रहकर भारत का श्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। पिछली बार 2018 में भुवनेश्वर में हुए विश्वकप में भारत छठवें स्थान पर रहा था।
पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदल रहे भारतीय खिलाड़ी
भारतीय टीम को अंतिम समय में गोल खाने की कमी पर काम करने की जरूरत है। हालांकि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम भले ही 1-4 से हार गई थी, लेकिन उसने अंतिम समय में गोल भी किए। विशेषकर पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदला। इससे भारत के इस बार पदक जीतने की ज्यादा उम्मीद लग रही है।

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