हॉकी विश्व कप का श्रेय पाकिस्तान के एयर मार्शल नूर खान को

भारत-पाकिस्तान युद्ध से जुड़ी है रोचक कहानी
स्पेन को मिली थी पहले विश्व कप की मेजबानी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारत में 15वें हॉकी विश्व कप की शुरुआत 13 जनवरी को होनी है। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर और राउरकेला में टूर्नामेंट के सभी मैच खेले जाएंगे। इस टूर्नामेंट का फाइनल मैच 29 जनवरी को खेला जाएगा। भुवनेश्वर को लगातार दूसरी बार मेजबानी का मौका मिला है। 2018 में भी उसने हॉकी विश्व कप का आयोजन किया था। तब बेल्जियम ने पेनल्टी शूटआउट में नीदरलैंड को हराया था। इस टूर्नामेंट की शुरुआत 52 साल पहले हुई थी।
1971 में पहली बार हॉकी विश्व कप स्पेन में खेला गया था। बार्सिलोना में पाकिस्तान की टीम ने मेजबान स्पेन को हराकर खिताब पर कब्जा किया था। विश्व कप के शुरू होने की रोचक कहानी भी पाकिस्तान से जुड़ी है। दरअसल, 1970 आते-आते एशियाई टीमों का प्रदर्शन खराब होने लगा था। दुनिया एस्ट्रो टर्फ पर खेलने लगी थी। एशियाई टीमों को पारंपरिक मैदानों में खेलने की आदत थी। यूरोप की टीमें मजबूत हो गई थीं।
कहा जाता है कि हॉकी विश्व कप को लेकर सबसे पहले पाकिस्तान के एयर मार्शल नूर खान ने प्रस्ताव रखा था। उन्होंने विश्व हॉकी पत्रिका के पहले संपादक पैट्रिक राउली के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) को अपने विचार के बारे में बताया था। 1969-70 में इस टूर्नामेंट को लेकर बड़ा फैसला लिया गया था। पहले विश्व कप की मेजबानी पाकिस्तान को सौंपने की बात हुई।
उस समय बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था। वहां बांग्लादेश मुक्ति युद्ध चल रहा था। एफआईएच को इस बारे में जानकारी नहीं थी। भारत और पाकिस्तान के बीच इसके छह साल पहले भी युद्ध हुआ था। 1965 के बाद 1971 में भी दोनों देश आमने-सामने हो गए। तब भारत ने बांग्लादेश की मदद की थी और उसे आजाद कराया था। ऐसे में क्रिकेटर अब्दुल हफीज कारदार के नेतृत्व में पाकिस्तानियों ने हॉकी विश्व कप में भारत की भागीदारी का विरोध किया।
पाकिस्तान और भारत के बीच गंभीर राजनीतिक माहौल को देखते हुए एफआईएच ने टूर्नामेंट को कहीं और स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। स्पेन के शहर बार्सिलोना को इसकी मेजबानी सौंप दी गई। बार्सिलोना को शांत जगह माना गया। तटस्थ मैदान पर खेलने के लिए भारत और पाकिस्तान की टीमें तैयार हो गईं। 10 टीमों को टूर्नामेंट में खेलने की इजाजत दी गई थी।
वह अब तक सबसे छोटा विश्व कप था। 1978 में 14 टीमों ने हिस्सा लिया था। 2002 और 2018 में 16 टीमों ने भाग लिया था। इसके अलावा अन्य विश्व कप में 12-12 देशों ने हिस्सा लिया था। शुरुआती तीन टूर्नामेंट दो-दो साल पर हुए थे। 1978 में आयोजित विश्व कप तीन साल बाद हुआ था। उसके बाद से टूर्नामेंट का आयोजन चार साल पर होने लगा।
विश्व कप ट्रॉफी बनाने में भी पाकिस्तान का योगदान
हॉकी विश्व कप ट्रॉफी को पाकिस्तानी सेना के कारीगरों द्वारा बनाया गया था। इसका निर्माण सोने और चांदी से हुआ था। ट्रॉफी के ऊपरी हिस्से में ग्लोब दिखता है और उसके ऊपर हॉकी स्टिक दिखाई देती है।

 

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