आत्मघाती गोल से चली गई कोलम्बिया के कप्तान की जान

अपने ही देश में मारी गई थीं छह गोलियां
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
1994 विश्व कप की मेजबानी अमेरिका को मिली थी। उसके देश में पहली बार फीफा विश्व कप का आयोजन हो रहा था। 24 टीमों ने इस बार टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था और कुल 52 मैच खेले गए थे। 1990 में पहली बार प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली टीम कोलम्बिया भी खेल रही थी। वह तीसरी बार विश्व कप में उतरा था। 1962 में ग्रुप दौर और 1990 में प्री-क्वार्टर फाइनल से बाहर हुआ था। पिछले प्रदर्शन को देखते हुए कोलम्बिया से अमेरिका में बेहतरीन खेल दिखाने की उम्मीद थी।
विश्व कप एक ऐसा टूर्नामेंट है जिसमें पहले से सोची हुई चीजें नहीं होतीं। कोलम्बिया को ग्रुप ए में रोमानिया, स्विट्जरलैंड और मेजबान अमेरिका के साथ रखा गया था। अपने पहले मैच में कोलम्बिया को रोमानिया के खिलाफ 1-3 से हार मिली। अब टूर्नामेंट में बने रहने के लिए उसे दूसरे मुकाबले में अमेरिका से जीत हासिल करनी थी या मैच को ड्रॉ कराना था। इस मैच से पहले ही टीम के कोच रोने लगे। उन्हें एक ड्रग माफिया का फोन आया था। उन्हें कहा गया था कि मैच हारने पर बहुत बुरा हो सकता है।
कोच ने अमेरिका के खिलाफ मैच में स्टार खिलाड़ी गोमेज को मैच से बाहर कर दिया। मुकाबला शुरू हुआ तो कोलम्बियाई दर्शक स्टैंड में आक्रामक नजर आए। वह जीत के लिए टीम पर शुरू से ही दबाव बना रहे। मैच के 35वें मिनट में कप्तान आंद्रे एस्कोबार से एक गलती हो गई। वह अमेरिकी टीम के गोल को रोकने के प्रयास में गेंद को अपने ही गोलपोस्ट में डाल बैठे। यह आत्मघाती गोल था। इसने कोलम्बिया को मैच में 0-1 से पीछे कर दिया। अमेरिका के एरनी स्टीवर्ट ने 52वें मिनट में गोल कर स्कोर 2-0 कर दिया। अब कोलम्बिया हार के कगार पर था। उसके लिए 90वें मिनट में एडोल्फ वेलेंसिया ने गोल किया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। अमेरिका यह मैच 2-1 से जीत गया और कोलम्बिया विश्व कप से बाहर हो गया।
कोलम्बिया को अपने तीसरे मैच में स्विट्जरलैंड के खिलाफ 2-0 की हार मिली और टीम स्वदेश लौट आई। उस दौर में वहां ड्रग माफियाओं का राज था। कप्तान स्कोबार को लगातार धमकियां मिल रही थीं। आत्मघाती गोल के बाद उन्होंने पूरे देश से माफी भी मांगी थी, लेकिन ड्रग माफियाओं की नाराजगी को वह दूर नहीं कर पाए थे। स्कोबार ने माफी मांगते हुए एक समाचार पत्र 'एल टिंपे' में लिखा था, ''यह जीवन का अंत नहीं है। हमे आगे बढ़ना होगा। हमें गिरकर फिर से खड़ा होना पड़ेगा। हमारे पास दो ही विकल्प हैं: या तो गुस्सा को खुद पर हावी होने दें और हिंसा जारी रखें या इस दुख से बाहर निकलें और दूसरों की मदद के लिए आगे आएं। मैं हर किसी का स्वागत करना चाहता हूं। इससे हमें बाहर निकलना होगा।''
पीठ में मारी गई छह गोलियां
इन लाइनों के छपने के कुछ दिन बाद दो जुलाई 1994 को आंद्रे एस्कोबार की जान चली गई। मेडिलिन शहर के एक पब में उन्हें सुबह साढ़े तीन बजे गोली मार दी गई। वह पार्किंग में अपने कार के पहुंचे ही थे कि कुछ लोग वहां जमा हो गए और आत्मघाती गोल के लिए एस्कोबार को धमकाने लगे। एस्कोबार ने उन्हें समझाया और कार की ओर चल पड़े। तभी भीड़ में से एक शख्स ने उनकी पीठ पर छह गोलियां मार दीं। एस्कोबार की मौके पर ही मौत हो गई।
एस्कोबार की मौत का जिम्मेदार ड्रग माफिया पाब्लो स्कोबार को ठहराया गया। वह उस दौर में कोलम्बिया का सबसे बड़ा ड्रग माफिया था। 1990 विश्व कप में टीम के शानदार प्रदर्शन के बाद उसने फुटबॉल में पैसे लगाए। कोलम्बियाई टीम को विश्व स्तर की सुविधाएं मिलने लगीं। ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले ने 1994 विश्व कप से पहले भविष्यवाणी की थी कि कोलंबिया इस बार विश्व कप जीत सकता है। इससे ड्रग माफियाओं की उम्मीदें ज्यादा बढ़ गईं। उन्होंने सट्टेबाजी में टीम के लिए जमकर पैसे लगाए। जब कोलम्बियाई टीम बाहर हुई तो वह इसे बर्दाश्त नहीं कर पाए और कप्तान की जान ले ली।

 

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