अर्जुन का रणजी शतक देख भावुक हुईं सारा तेंदुलकर

सचिन ने बताया मैच से पहले बेटे से क्या बात हुई
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने अपने पहले रणजी मैच में कमाल कर दिया। उन्होंने गोवा के खिलाफ बुधवार (14 दिसंबर) को शतकीय पारी खेली। अर्जुन ने सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 120 रन बनाए। उन्होंने पिता जैसा कमाल किया। सचिन ने 1988 में अपने रणजी डेब्यू पर शतक जड़ा था। अब 34 साल बाद अर्जुन ने भी यह कमाल किया है।
23 साल के अर्जुन तेंदुलकर ने इसी साल मुंबई को छोड़कर गोवा से खेलने का फैसला लिया था, क्योंकि उन्हें मुंबई से रणजी खेलने का मौका नहीं मिल पा रहा था। बेटे के शतकीय पारी से पिता सचिन तेंदुलकर काफी खुश हुए। वहीं, बहन सारा तेंदुलकर भावुक हो गईं। उन्होंने इंस्टाग्राम शेयर करके अपने दिल की बात कही। सारा ने लिखा- आपकी मेहनत रंग ला रही है। यह बस शुरुआत है। आपकी बहन होने पर मुझे गर्व है।
वहीं, सचिन तेंदुलकर ने एक कार्यक्रम में बताया कि मैच से पहले उनके और अर्जुन के बीच क्या बात हुई थी। उनसे जब अर्जुन के शतक के बारे में पूछा गया तो सचिन ने अपने पिता रमेश तेंदुलकर से संबंधित एक कहानी शेयर की। उन्होंने कहा, "जब मैंने भारत के लिए खेलना शुरू किया था तब किसी व्यक्ति ने कहा था कि ये सचिन के पिता हैं। मेरे पिता ने उस व्यक्ति को यह कहते हुए सुन लिया था। तब उन्होंने मुझसे कहा था- यह मेरे जीवन के सबसे बेहतरीन पलों में एक है। जब आपका बेटा सफल होता है तो काफी खुशी होती है।हर पिता यह चाहता है कि उन्हें उनके बच्चों के काम के कारण पहचाना जाए।''
इसके बाद सचिन ने अर्जुन के बारे में बोलते हुए कहा, ''एक क्रिकेटर का बेटा होने पर काफी दबाव रहता है। मैंने मीडिया से हमेशा कहा कि उसे क्रिकेट से प्यार करने दीजिए। उसके ऊपर पिता का दबाव नहीं होना चाहिए। मैं उसे आजादी से क्रिकेट खेलते देखना चाहता हूं। मेरी कोशिश रहती है कि वह किसी तरह का दबाव नहीं ले।''
अर्जुन से क्या हुई थी बात?
तेंदुलकर ने राजस्थान के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच के पहले दिन के अंत में अर्जुन के साथ अपनी बातचीत का भी खुलासा किया। उन्होंने अपने बेटे से पारी में शतक लगाने को कहा था। उस समय अर्जुन 4 रन बनाकर नाबाद थे। तेंदुलकर ने कहा, ''मैंने उसे शतक की ओर जाने के लिए कहा था। वह चार रन पर नाबाद था। उसे नाइटवॉचमैन के रूप में भेजा गया था।'' सचिन ने आगे कहा, ''उसने मुझसे पूछा कि अच्छा टोटल क्या होगा तो मैंने कहा 375 रन तक पहुंचना चाहिए। फिर उसने कहा कि क्या आपको यकीन है? मैंने जवाब दिया-हां। तुम्हें मैदान पर जाकर शतक के लिए खेलना चाहिए।''

 

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