सुषमा वर्मा भारतीय टीम में वापसी को तैयार

कहा- मौका मिलते ही मैच जिताऊ पारी खेलूंगी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
महिलाओं की टी20 चैलेंजर ट्रॉफी हाल ही में खत्म हुई है। भारत के इस घरेलू टूर्नामेंट का खिताब इंडिया डी की टीम ने अपने नाम किया। फाइनल में इंडिया डी का सामना इंडिया ए से था। 145 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंडिया डी ने तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। यास्तिका भाटिया ने नाबाद 80 रन की पारी खेल अपनी टीम की जीत में अहम योगदान दिया। उनके साथ दूसरे छोर पर सुषमा वर्मा 10 गेंद पर 13 रन बनाकर नाबाद रहीं। 
सुषमा लगभग डेढ़ साल से भारतीय टीम से बाहर चल रही हैं, लेकिन वापसी के लिए वह पूरी तरह से तैयार हैं। फाइनल मैच में अपनी टीम के लिए मैच खत्म करने वाली सुषमा को इस टूर्नामेंट में सिर्फ दो पारियों में ही बल्लेबाजी का मौका मिला। उन्होंने कुल 19 रन बनाए। इसमें फाइनल में खेली गई नाबाद 13 रन की पारी भी शामिल थी। इस टूर्नामेंट के बाद अमर उजाला से बातचीत में सुषमा ने कहा कि वह भारतीय टीम में वापसी के लिए तैयार हैं और मौका मिलने पर देश के लिए मैच जिताऊ पारी खेलेंगी।
सवालः अपने खेल में एक महिला होने के नाते आपके सामने क्या-क्या कठिनाइयां आईं?
जवाबः आमतौर पर लड़कियों को ऐसा क्लब नहीं मिल पाता, जहां सिर्फ लड़कियों खेलती हों। उन्हें लड़कों के साथ खेलना पड़ता है, ड्रेसिंग रूम शेयर करना पड़ता है, लेकिन हिमाचल में यह सुविधा है। वहां लड़कियों के लिए अलग एकेडमी है और वहीं मुझे खेलने का मौका मिला। क्रिकेट के बैट से लेकर पैड और ग्लव्स तक सब कुछ मंहगा आता है। ऐसे में शुरुआत में अपने माता-पिता को यह समझाना मुश्किल होता है कि आप सही जगह पैसा खर्च कर रहे हैं, लेकिन मेरे माता-पिता ने काफी सपोर्ट किया। उन्होंने हर तरह से मेरी मदद की। 
सवालः समाज में लिंग के आधार पर जो भेदभाव होता है, उस पर आपके क्या विचार हैं?
जवाबः घरवालों को काफी परेशानी होती है। पड़ोसियों के ताने सुनने पड़ते हैं। लड़की कहां जा रही है, क्या खेल रही है। हालांकि, जब आप अपने जीवन में कुछ हासिल कर लेते हैं तो ये चीजें मायने नहीं रखतीं। इसके बाद चीजें काफी आसान हो जाती हैं, लेकिन करियर की शुरुआत में ये चीजें ज्यादा परेशान करती हैं और जब आप इनका सामना कर रहे होते हैं तो चीजें काफी मुश्किल होती हैं। 
सवालः अगले साल से महिला आईपीएल की शुरुआत हो रही है, इससे भारतीय महिला क्रिकेट कितना बदलने वाला है?
जवाबः पुरुषों के क्रिकेट में आप देख सकते हैं कि एक साथ दो टीमें खेल रही हैं। सभी खिलाड़ी बहुत प्रतिभाशाली हैं, एक साथ तीन टीमें खेल सकती हैं। इसके लिए आईपीएल ही जिम्मेदार है। आईपीएल आपको वह मंच देता है, जिससे आप अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ खेलते हैं और ड्रेसिंग रूम साझा करते हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने का आत्मविश्वास मिलता है। 
सवालः महिला खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने से भारत के बाहर जाकर अच्छा प्रदर्शन करने में कितनी मदद मिलती है?
जवाबः हमारे देश की छह से सात खिलाड़ी विदेशी लीग में खेल रही हैं। वहां खेलने से वहां के हालात के साथ सामंजस्य बैठाने में मदद मिलती है। वहां की पिच के अनुसार अपने खेल को ढालने में मदद मिलती है। इसी वजह से हमारी टीम ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों को उनके घर में जाकर हराने में सफल हो रही है।
सवालः आपने देश के लिए एक टेस्ट मैच खेला है। पहले महिला क्रिकेट में ज्यादा टेस्ट मैच नहीं होते थे, अब उनकी संख्या बढ़ी है। टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए आप क्या तैयारी कर रही हैं?
जवाबः यह आईसीसी का फैसला होगा कि टेस्ट क्रिकेट की संख्या बढ़े या नहीं। हमारा भी सपना है कि पुरुषों की तरह टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा मिले और वहां हम अच्छा प्रदर्शन करें। उम्मीद है कि आगे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने का मौका मिलेगा और वहां अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
सवालः आपने भारत के लिए आखिरी मैच लगभग 1.5 साल पहले खेला था। अब भारतीय टीम में वापसी करने के लिए आप क्या खास तैयारी कर रही हैं? 
जवाबः मैं लंबे समय तक भारतीय टीम का हिस्सा रही। इसके बाद टीम से बाहर हुई और वापसी की। अब फिर से वापसी के लिए तैयार हूं। मैं कोई युवा खिलाड़ी नहीं हूं। मेरे पास अनुभव है, लोगों ने मुझे खेलते देखा है। मेरे साथ ऐसा नहीं है कि मैं पहले मैच में दबाव में रहूंगी। जब भी मौका मिलता है मैं देश के लिए मैच जिताऊ पारी खेलने की कोशिश करूंगी। 
पिछले चार-पांच साल से आईओएस स्पोर्ट्स तैयारी में और करियर को आगे बढ़ाने में काफी मदद कर रहा है। इनके होने से आपको कोई चिंता नहीं होती है। आपको पता है कि ये लोग हर चीज को सही कर लेंगे। आप सिर्फ अपनी तैयारी और खेल पर ध्यान देते हैं इससे चीजें बेहतर होती हैं।

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