मोरक्को 24 साल बाद विश्व कप में जीता

मैच से पहले मोरक्को का नियमित गोलकीपर गायब
रिजर्व गोलकीपर ने किया कमाल, नहीं होने दिया कोई गोल
दोहा।
मोरक्को के नियमित गोलकीपर यासिन बोनायू मैच से ठीक पहले रहस्यमय ढंग से गायब हो गए और उनकी जगह रिजर्व गोलकीपर मुनीर अल काजुई को उतारा गया। मुनीर ने अपने शानदार प्रदर्शन से बेल्जियम जैसी मजबूत टीम को एक गोल नहीं करने दिया। 
मोरक्को के नंबर एक गोलकीपर यासिन राष्ट्रगान के समय टीम के साथ थे। उसके बाद वह कोच वालिद रेगरागुई के पास आए, जिन्होंने उन्हें गले से लगाया और उसके बाद रिजर्व गोलकीपर मुनीर की ओर मुड़ गए। जो तुरंत दौड़कर मैदान में पहुंच गए। मोरक्को टीम या मैच अधिकारियों की ओर से यासिन की मैच से अनुपस्थिति के बारे में नहीं बताया गया। मोरक्को के एक टीवी चैनल ने जरूर अपने ट्विटर पर कहा है कि यासिन ने कोच से चक्कर आने की शिकायत की थी और खुद ही कोच को रिजर्व गोलकीपर को उतारने की सलाह दी थी। बोनायू पहले मैच में क्रोएशिया के खिलाफ मैदान में उतरे थे।
मोरक्को की टीम ने बेल्जियम को हराकर इस विश्व कप का तीसरा बड़ा उलटफेर किया। इससे पहले सऊदी अरब ने अर्जेंटीना और जापान ने जर्मनी को हराया था। मोरक्को ने बेल्जियम को 2-0 से हराकर इस विश्व कप में अपनी पहली जीत हासिल की। यह विश्व कप इतिहास में मोरक्को की तीसरी जीत है। उसे पिछली जीत 1998 में मिली थी। तब मोरक्को ने स्कॉटलैंड को 3-0 से हराया था। उसे पहली जीत 1986 में मिली थी। मोरक्को ने पुर्तगाल को 3-1 से हराया था। मोरक्को की टीम छठी बार विश्व कप खेल रही है। मोरक्को के लिए इस मैच में साबिरी और जकारिया ने गोल किया। 22वें नंबर की टीम मोरक्को की इस विश्व कप में यह पहली जीत है। उसका पिछला मैच क्रोएशिया के खिलाफ बराबरी पर छूटा था।

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