कतर विश्व कप फुटबॉल में उलटफेर की शुरुआत

अर्जेंटीना से पहले इंग्लैंड-जर्मनी और फ्रांस के साथ भी हुआ ऐसा
ये हैं पांच ऐतिहासिक उलटफेर
खेलपथ संवाद
दोहा।
फुटबॉल विश्व कप शुरू होने से पहले किसी ने नहीं सोचा था कि अर्जेंटीना की टीम पहला मैच सऊदी अरब से हार जाएगी। उसकी जीत पक्की मानी जा रही थी। हालांकि, जो पहले से कहा जाता है वह हमेशा होता नहीं है। क्रिकेट में कहा जाता है कि जब तक अंतिम गेंद नहीं फेंकी जाए तब तक जीत के लिए आश्वस्त नहीं होना चाहिए। फुटबॉल में कुछ ऐसा ही है। जब तक रेफरी की सीटी न बज जाए तब कोई भी टीम गोल कर सकती है और मैच जीत सकती है। 
अर्जेंटीना फेवरेट थी, लेकिन सऊदी अरब ने अपने खेल से दिल जीत लिया। उसने दिग्गज खिलाड़ी लियोनल मेसी की टीम को 2-1 से हरा दिया। सऊदी अरब ने विश्व कप इतिहास में एक ऐतिहासिक उलटफेर किया है। हालांकि, यह पहला अवसर नहीं है जब फुटबॉल विश्व कप में उलटफेर हुआ हो। इससे पहले भी कई बड़े उलटफेर हो चुके हैं। 2018 विश्व कप में तत्कालीन चैम्पियन जर्मनी की टीम पहले ही दौर में बाहर हो गई थी। उसे दक्षिण कोरिया ने पहले ही मैच में 2-0 से हराकर हैरान कर दिया था। उसके बाद मैक्सिको ने 1-0 से हराकर टूर्नामेंट से ही बाहर कर दिया। 
1950: अमेरिका ने इंग्लैंड को 1-0 से हराया
इंग्लैंड पहली बार विश्व कप में खेलने के लिए चुने जाने के बाद टूर्नामेंट में फेवरेट के रूप में ब्राजील पहुंचा। उसने पहले मैच में चिली को 2-0 से हराकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी। अब इंग्लैंड का सामना अमेरिका से था। अमेरिकी टीम ने उसे 1-0 से हरा दिया। 38वें मिनट में जोए गाएटेन्स ने गोलकर इंग्लैंड को हैरान कर दिया। इंग्लिश टीम मैच में वापसी नहीं कर पाई। फिर अगले मुकाबले में स्पेन के खिलाफ 0-1 से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई। अमेरिका के खिलाफ इंग्लैंड की उस हार को एक बड़े उलटफेर के रूप में देखा जाता है।
1966: उत्तर कोरिया ने इटली को हैरान किया
यह वह मुकाबला था जिसमें उत्तर कोरिया के पाक डू-इक ने अपना नाम विश्व कप के इतिहास में दर्ज करवाया था। उत्तर कोरिया ने इटली को हैरान कर दिया था। 1996 विश्व कप से पहले इटली दो बार चैंपियन बन चुकी थी। उसने 1934 और 1938 में ट्रॉफी उठाया था। उत्तर कोरिया के खिलाफ उसकी जीत को तय माना जा रहा था, लेकिन खेल में सबकुछ पहले से तय नहीं होता। शक्तिशाली इटली की टीम हार गई। उसके खिलाड़ियों के ऊपर टमाटर फेंके गए। इस हार के सदमे को इटली की टीम झेल नहीं पाई। इसका असर सोवियत यूनियन के खिलाफ अगले मैच में भी देखने को मिला, जहां उसे 1-2 से हार मिली। इटली पहले ही राउंड में बाहर हो गया।
1982: अल्जीरिया ने वेस्ट जर्मनी को किया था परास्त
अल्जीरिया की टीम में स्पेन में आयोजित विश्व कप कमजोर टीम के रूप में उतरी थी। वह पहली बार टूर्नामेंट में खेल रही थी। अल्जीरिया ने पहले ही मैच में बड़ा उलटफेर कर दिया। उसने वेस्ट जर्मनी को परास्त कर दिया। उसके लिए रबाह मज्जर और लखदार बेलौमी ने गोल किए थे। हालांकि, इस हार के बाद वेस्ट जर्मनी ने वापसी की और चिली के बाद ऑस्ट्रिया को हराकर अगले राउंड में अपनी जगह बनाई। वह फाइनल में इटली से हारी थी।
1990: कैमरून ने अर्जेंटीना को बनाया था अपना शिकार
मैक्सिको में 1986 के टूर्नामेंट में डिएगो माराडोना के दम पर जीत के बाद अर्जेंटीना ने डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में इटली में विश्व कप की शुरुआत की। उसका सामना कैमरून से हुआ। मिलान के सैन सिरो स्टेडियम में उसे उलटफेर का शिकार होना पड़ा। कैमरून ने फ्रेंकोइस ओमम-बियिक के गोल से अर्जेंटीना को हरा दिया। उस समय इसे एक बड़ा उलटफेर माना गया था। अर्जेंटीना इसके बावजूद अगले दौर में पहुंचा। उसे फाइनल में वेस्ट जर्मनी के खिलाफ 0-1 से हार का सामना करना पड़ा था।
2002: सेनेगल ने फ्रांस को चौंकाया था
1998 के विश्व कप चैम्पियन और यूरो 2000 के विजेता फ्रांस से दक्षिण कोरिया और जापान में विश्व कप में एक बार फिर से जीत दर्ज करने की उम्मीद थी। हालांकि, ग्रुप दौर के पहले ही मैच में उसे सेनेगल ने चौंका दिया। सेनेगल ने अपने पहले विश्व कप में फ्रांस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बोउबा डियोप के गोल की बदौलत उसने 1-0 से जीत हासिल की। फ्रांस यहां से वापसी नहीं कर पाया। उरुग्वे के खिलाफ उसका मैच ड्रॉ हो गया और डेनमार्क ने उसे 2-0 से हरा दिया। फ्रांस पर सेनेगल की जीत को आज भी लोग याद करते हैं।

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