ट्यूनीशिया के अली बिन नासिर बनेंगे मालामाल

फुटबॉल रेफरी को मिल सकते हैं 27 करोड़ रुपये
36 साल पुरानी गलती को भुनाने का अवसर
लंदन।
1986 फुटबॉल विश्व कप के रेफरी अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती को भुनाने जा रहे हैं और उन्हें इसके लिए करोड़ों रुपये मिलने वाले हैं। इस विश्व कप में माराडोना ने हाथ से गोल किया था और रेफरी इसे देख नहीं पाए थे। इसके बाद माराडोना ने हाथ से गोल करने की बात स्वीकार की थी और इसे हैंड ऑफ गॉड (भगवान का हाथ) कहा था। अब इस मैच के रेफरी गेंद को नीलाम कर रहे हैं और उन्हें इसके लिए (27-33 लाख डॉलर) 27 करोड़ रुपये तक की रकम मिल सकती है। 
ट्यूनीशिया के अली बिन नासिर इस मैच के रेफरी थे और वह माराडोना को हाथ से गोल करते नहीं देख पाए थे। माराडोना उस मैच में हेडर से गोल करने के लिए उछले लेकिन उन्होंने सिर के बजाय हाथ से गोल कर दिया। इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने इस गोल का विरोध किया था, लेकिन रेफरी अपने फैसले से टस से मस नहीं हुए। माराडोना ने बाद में इसे ‘हैंड ऑफ गॉड’ यानि ईश्वर का हाथ नाम दिया था। तब से यह गेंद रेफरी बिन नासिर के पास है। 
फुटबॉल विश्व कप से चार दिन पहले नीलम होगी गेंद
36 साल बाद नासिर इस गेंद की नीलामी करने जा रहे हैं। नीलामीकर्ता ग्राहम बड ऑक्शन ने गुरुवार को कहा कि उम्मीद है कि इस ऐतिहासिक गेंद की नीलामी से 27 लाख डॉलर से लेकर 33 लाख डॉलर (लगभग 27 करोड़ रुपये) मिल सकते हैं। इस गेंद की नीलामी कतर में होने वाले विश्व कप से चार दिन पहले 16 नवंबर को ब्रिटेन में की जाएगी।
93 लाख डॉलर में बिकी थी माराडोना की जर्सी
इस मैच से जुड़े माराडोना के अन्य सामान की भी नीलामी पहले हो चुकी है, जिससे मोटी कमाई हुई थी। माराडोना ने उस मैच में जो शर्ट पहनी थी उसकी नीलामी मई में की गई थी। वह शर्ट 93 लाख डॉलर में बिकी थी। अर्जेंटीना ने यह मैच 2-1 से जीता और बाद में विश्व कप भी अपने नाम किया। इसी टूर्नामेंट से माराडोना विश्व के महानतम खिलाड़ियों में शामिल हुए। माराडोना का 2020 में 60 साल की उम्र में निधन हो गया था।
बिन नासिर ने कहा,‘‘ यह गेंद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल के इतिहास का हिस्सा है। मुझे लगता है कि विश्व के साथ इसे साझा करने का यह सही समय है।’’ बिन नासिर उस शर्ट की भी नीलामी करेंगे जो उन्होंने उस क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान पहनी थी। इस नीलामी से बिन नासिर का मालामाल बनना तय है।

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