हरियाणा ने फिर साबित की बादशाहत

महाराष्ट्र के खिलाड़ी भी किसी से कम नहीं
खेल नीति अनुसार हरियाणा के खिलाड़ियों को पुरस्कार व नौकरियां मिलेंगी
खेलपथ संवाद
अहमदाबाद।
गुजरात में गए 36वें राष्ट्रीय खेलों का समापन हो गया। इस बार भी सर्विसेज पदक तालिका में सिरमौर रही। दूसरे स्थान के मुकाबले में महाराष्ट्र ने हरियाणा से बाजी मार ली। महाराष्ट्र के खिलाड़ियों ने सबसे अधिक 140 मेडल जीते वहीं हरियाणा के खाते में 116 मेडल दर्ज हुए। हरियाणा के 38 स्वर्ण पदकों में 37 स्वर्ण उन खेलों के हैं जोकि ओलम्पिक में शामिल हैं। सर्विसेज द्वारा जीते गए अधिकांश मेडलों में हरियाणवी खिलाड़ियों का ही अधिक योगदान है।
ज्ञातव्य है कि आखिरी दिन खेले गए मुक्केबाजी के मुकाबलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने 4 स्वर्ण सहित 10 पदक जीते। इन खेलों में हरियाणा ने 38 स्वर्ण पदक सहित कुल 116 पदक जीतकर पदक तालिका में तीसरा स्थान हासिल किया। सबसे खास बात यह रही कि 38 स्वर्ण पदकों में से हरियाणा ने 37 स्वर्ण पदक ओलम्पिक में शामिल खेलों में जीते, जो किसी भी अन्य राज्य से दोगुने से भी ज्यादा हैं। पिछले तीन संस्करणों की दृष्टि से हरियाणा के पदकों की संख्या इस बार सबसे अधिक रही है। पिछले राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा ने 107 पदक हासिल किए थे। इस बार उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों ने जहां 12 पदक कम जीते वहीं मध्य प्रदेश के खिलाड़ी 25 पदक कम जीत सके। उत्तर प्रदेश पदक तालिका में आठवें तो मध्य प्रदेश सातवें स्थान पर रहे।
पदक तालिका में सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड शीर्ष पर है। परंतु यह खुशी व गर्व की बात है कि कुल पदक विजेताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक प्रतिनिधित्व हरियाणा से ही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी पदक विजेता खिलाड़ियों को उनकी जीत पर शुभकामनाएं दीं और भविष्य में भी इसी प्रकार अपना उम्दा प्रदर्शन करने की कामना की। उन्होंने कहा कि विजेता खिलाड़ियों को राज्य सरकार की खेल नीति के अनुसार पुरस्कार व नौकरियां दी जाएंगी। मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार और खेल संस्थानों के सहयोग से उन खेलों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, जिनमें हरियाणा अभी भी पीछे है। 
हरियाणा की मिट्टी में खेल रचे बसे हैं : संदीप सिंह
खेल एवं युवा मामलों के राज्य मंत्री संदीप सिंह ने भी खिलाड़ियों की इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी। संदीप ने कहा कि खिलाड़ी को एक सही प्लेटफॉर्म और कोच की आवश्यकता होती है, जिसकी बदौलत वे आगे चलकर रोल मॉडल बनते हैं। हरियाणा सरकार खिलाड़ियों के हुनर को निखारने और खेलों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।  12 अक्टूबर को खेलों के आखिरी दिन मुक्केबाजी मुकाबलों में हरियाणा के खिलाडिय़ों ने 4 स्वर्ण, 5 रजत और 1 कांस्य पदक जीतकर राज्य को गौरवान्वित किया। 80 किलोग्राम भार वर्ग में विनीत, अंकित ने स्वर्ण पदक जीते। मुक्केबाजी में हरियाणा की लड़कियां भी पीछे नहीं रहीं। मीनाक्षी और पूनम दोनों ने स्वर्ण पदक जीते। इनके अलावा 57 किलोग्राम भारवर्ग में सचिन ने रजत पदक, 92 किलोग्राम भारवर्ग में नवीन ने रजत पदक, 67 किलोग्राम भारवर्ग में सागर ने रजत पदक तथा जैसमीन और स्वीटी ने भी रजत पदक जीते हैं। मोहित ने कांस्य पदक हासिल किया।
इन राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा के 600 से अधिक खिलाड़ियों ने अपना जौहर दिखाया। खिलाड़ियों ने उम्दा प्रदर्शन कर राज्य के नाम नई-नई उपलब्धियां जोड़ी हैं। तीरंदाजी टीम ने अपना जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए चैम्पियन का खिताब जीता। टीम ने 5 गोल्ड मेडल जीतकर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं, हरियाणा नैटबॉल खेल में भी ओवरआल चैम्पियन बना। हरियाणा के सबसे पसंदीदा खेल कुश्ती में कोई अन्य राज्य यहां के खिलाड़ियों के सामने टिक नहीं पाया। खिलाड़ियों ने अपने दांवपेंच से अपने प्रतिद्वंद्वियों को पटखनी देकर राज्य के खाते में पदकों की बौछार कर दी। हरियाणा ने कुश्ती में सर्वाधिक 12 स्वर्ण, 7 रजत और 4 कांस्य पदक जीते हैं।
हरियाणा के खाते में 38 स्वर्ण सहित कुल 116 पदक
राज्य के खिलाड़ियों ने 38 स्वर्ण पदक, 38 रजत और 40 कांस्य पदक जीते हैं। खिलाड़ियों ने एक्युएटिक्स में 1 रजत और 1 कांस्य पदक, तीरंदाजी में 5 स्वर्ण पदक, एथलेटिक्स में 3 स्वर्ण, 3 रजत और 5 कांस्य पदक, मुक्केबाजी में 4 स्वर्ण, 5 रजत और 1 कांस्य पदक, कैनोइंग में 1 रजत और 1 कांस्य पदक, साइकिलिंग में 2 स्वर्ण और 3 रजत पदक, फेंसिंग में 1 स्वर्ण, 1 रजत और 2 कांस्य पदक, गोल्फ में 2 रजत और 2 कांस्य पदक, हॉकी में 1 स्वर्ण पदक, जूडो में 2 स्वर्ण, 3 रजत और 11 कांस्य पदक, कबड्डी में 2 कांस्य पदक, नैटबॉल में 2 स्वर्ण, रोइंग में 3 रजत और 1 कांस्य पदक, रग्बी में 1 स्वर्ण पदक, शूटिंग में 2 स्वर्ण, 3 रजत और 2 कांस्य पदक, सॉफ्ट टेनिस में 2 कांस्य पदक, टेबल टैनिस में 1 रजत पदक, टेनिस में 1 कांस्य पदक, वेटलिफ्टिंग में 1 स्वर्ण, 2 रजत और 2 कांस्य पदक, कुश्ती में 12 स्वर्ण, 7 रजत और 4 कांस्य पदक, वुशू में 1 स्वर्ण और 2 रजत पदक, वॉलीबॉल में 1 कांस्य पदक तथा योगासन में 1 स्वर्ण, 1 रजत पदक और 2 कांस्य पदक जीते हैं। 
 

 

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