तरणताल में हाशिका रामचंद्र और साजन प्रकाश का जलवा

सर्विसेज और महाराष्ट्र ने पूरा किया पदकों का सैकड़ा
हरियाणा 75 पदकों के साथ मेडल सूची में दूसरे स्थान पर
खेलपथ संवाद
अहमदाबाद।
हाशिका रामचंद्र (कर्नाटक) और अनुभवी तैराक साजन प्रकाश (केरल) 36वें राष्ट्रीय खेलों में अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं। शुक्रवार को दोनों ने सरदार पटेल एक्वेटिक्स कॉम्प्लेक्स में अपने अपने वर्ग में स्वर्ण पदक जीत लिए। उनका क्रमश: यह छठा और पांचवां स्वर्ण पदक है। इस जोड़ी ने बाकी सभी प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए खेलों के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों के प्रतिष्ठित सम्मान को हासिल कर लिया। 
14 वर्षीय हाशिका ने महिलाओं की 400 मीटर फ्रीस्टाइल और 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले में स्वर्ण पदक जीता और उन्होंने छह स्वर्ण तथा एक कांस्य पदक के साथ प्रतियोगिता में अपने अभियान का समापन किया। उनके शानदार प्रदर्शन ने ओलम्पियन माना पटेल के शानदार प्रदर्शन को प्रेरित किया। माना पटेल ने नेशनल रिकॉर्ड के साथ गुजरात के लिए अपना तीसरा बैकस्ट्रोक स्वर्ण पदक जीता।
इसी तरह, श्रीहरि नटराज और अद्वैत पागे की चुनौतियों के बावजूद सबसे अनुभवी पुरुष तैराक साजन प्रकाश ने अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देते हुए अद्वैत पागे (मध्य प्रदेश) को 400 मीटर फ्रीस्टाइल और कर्नाटक के एस शिवा को 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले में पीछे छोड़ते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। वापसी करने के बावजूद, सर्विसेज 42 स्वर्ण, 31 रजत और 27 कांस्य के साथ कुल 100 पदक लेकर 36वें राष्ट्रीय खेलों के पदक तालिका में शीर्ष पर बरकरार है। हरियाणा 75 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर मौजूद है, जिसमें 29 स्वर्ण पदक शामिल हैं। वहीं, महाराष्ट्र 2022 के खेलों में पदकों का शतक लगा चुका है। महाराष्ट्र ने अपनी झोली में अब तक 100 पदक हासिल किए हैं, जिसमें 26 स्वर्ण पदक शामिल हैं।
महिलाओं की पारम्परिक योगासन में पूजा पटेल ने गोल्ड मेडल जीतकर मेजबान राज्य को उनका 10वां स्वर्ण पदक दिलाया। पिछले कुछ वर्षों में न केवल अपने एथलीटों द्वारा तेजी से उठाए गए कदमों को प्रदर्शित करते हुए, बल्कि अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को सुनिश्चित करते हुए मेजबान राज्य ने सभी 11 स्पर्धाओं में 31 पदक जीते हैं। गुजरात ने इससे पहले, 2015 में 10 स्वर्ण पदक सहित कुल 20 पदक अपने नाम किए थे। क्वालीफिकेशन में तीसरे स्थान पर रहे राजस्थान के विवान कपूर ने गांधीनगर के बाहरी इलाके में क्राउन शूटिंग अकादमी में पुरुषों की ट्रैप शूटिंग स्पर्धा के फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। उन्हें फाइनल में पहुंचने के लिए पंजाब के जोरावर सिंह संधू से कड़ी चुनौती मिली। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने खुद पर अपना नियंत्रण कायम रखते हुए खिताब अपने नाम कर लिया।
महिला ट्रैप फाइनल में, नीरू (मध्य प्रदेश) ने सात निशानेबाजों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए सबीरा हारिस (उत्तर प्रदेश) को दो अंकों के अंतर से हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया। अनुभवी सीमा तोमर को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। क्वालिफिकेशन में टॉप करने वाली दिल्ली की कीर्ति गुप्ता चौथे स्थान पर रहीं। गांधीनगर के महात्मा मंदिर में, विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप की पदक विजेता सिमरनजीत कौर बाथ (पंजाब) और शिवा थापा (असम) ने अपने-अपने विरोधियों को पछाड़ते हुए अपने-अपने वर्ग के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। 
टोक्यो 2020 ओलम्पियन सिमरनजीत कौर, महिलाओं के 60 किलोग्राम वर्ग में शानदार लय में दिखीं और उन्होंने 2019 की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता रिंकी शर्मा (उत्तर प्रदेश) को जरा सा भी जमने का मौका नहीं दिया। सिमरनजीत ने शानदार फॉर्म दिखाई और 60 किलोग्राम भारवर्ग के मुकाबले में 2019 नेशनल चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता रिंकी शर्मा को आसानी से हरा दिया।
2018 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य जीतने वाली मुक्केबाज ने पूरे मुकाबले के दौरान अपनी पकड़ बनाए रखी। उन्होंने मैच की शुरुआत विपक्षी के सिर में लगातार मुक्के मारते हुए की थी और उनके आक्रमण के सामने उत्तर प्रदेश की 23 साल की मुक्केबाज की एक न चली। सिमरनजीत टोक्यो ओलम्पिक टीम का हिस्सा थीं और उन्होंने कई मौकों पर अपनी विपक्षी की डिफेंस को फेल साबित किया। इसके बाद रेफरी को रिंकी के लिए आठ तक की स्टैंडिंग काउंट शुरु करनी पड़ी थी और फिर सिमरन ने 5-0 के अंतर से मुकाबला अपने नाम किया था। अपने फुर्तीले फुटवर्क के लिए जाने जाने वाले शिवा थापा ने अनिकेत जे. पांडे पर 5-0 से सर्वसम्मति से जीत दर्ज की। 
गुजरात के मुक्केबाज का पांच बार के एशियाई चैंपियनशिप पदक विजेता थापा से कोई मुकाबला नहीं था, जिन्होंने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए आसानी से मुकाबला जीत लिया। विश्व युवा चैंपियन सचिन सिवाच (हरियाणा) ने भी 57 किग्रा में बेहतरीन परफॉर्मेंस देते हुए अंतिम आठ में प्रवेश किया। इसी तरह, एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता स्वीटी बूरा (हरियाणा) ने महिलाओं की 75 किग्रा वर्ग में अपनी विजयी शुरुआत की। वापस राजकोट लौटें तो गोताखोर बनीं 24 वर्षीय जिम्नास्ट से मेधाली रेडकर ने 1एम स्प्रिंगबोर्ड डाइविंग प्रतियोगिता में अपना दबदबा बनाकर राष्ट्रीय खेलों को यादगार बना दिया। 
अनुभवी महाराष्ट्र टीम की साथी ऋतिका श्रीराम को वह लय नहीं मिल पाई जो वो चाहती थी और उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। वहीं, मेधाली पोडियम के शीर्ष पर पहुंच गई। मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में एक लंबे दिन के बाद, महिला हॉकी टूर्नामेंट के मुकाबले खेले गए। मध्य प्रदेश ने ओडिशा को 4-2 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया, जहां अब उसका सामना हरियाणा के साथ होगा। हरियाणा ने एक अन्य क्वार्टर फाइनल मुकाबले में कर्नाटक के खिलाफ आधा दर्जन गोल किए। उत्तर प्रदेश को 6-1 से हराने वाली झारखंड की टीम एक अन्य सेमीफाइनल में पंजाब से भिड़ेगी।

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