भारतीय हॉकी में क्वालिटी ट्रेनिंग की कमी हैः दिलीप टिर्की

अभी हम वर्ल्ड कप के सफल आयोजन के लिए कर रहे हैं काम 
ड्रैग फ्लिकर और गोलकीपर तैयार करेंगे
खेलपथ संवाद
भुवनेश्वर।
हॉकी इंडिया के नए अध्यक्ष दिलीप टिर्की का कहना है कि भारतीय हॉकी टीम में क्वालिटी ट्रेनिंग की कमी है, जिसे दूर किया जाएगा। अध्यक्ष टिर्की का कहना है कि टोक्यो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम को स्वर्ण पदक जीतने लायक बनाने के प्रयास किए जाएंगे। दरअसल, दिलीप टिर्की के हॉकी इंडिया का अध्यक्ष बनने के बाद हॉकी प्रेमियों को उनसे काफी उम्मीदें हैं। 
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान दिलीप टिर्की हॉकी इंडिया के अध्यक्ष चुने गए। पहली बार भारतीय हॉकी की कमान किसी इंटरनेशनल खिलाड़ी और ओलम्पियन को सौंपी गई है।44 साल के दिलीप टिर्की का पहला लक्ष्य अगले साल जनवरी में भारत में होने वाला वर्ल्ड कप है। उन्होंने कहा, ‘वर्ल्ड कप के सफल आयोजन के लिए हम काम कर रहे हैं। इससे देश में हॉकी के लिए अच्छा माहौल तैयार होगा। साथ ही युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी।
वर्ल्ड कप के बाद सरकार के साथ मिलकर एक-एक कदम आगे बढ़ाएंगे। देश में हॉस्टल और एकेडमी बहुत हैं, लेकिन क्वालिटी ट्रेनिंग की कमी है। उस कमी को दूर करना होगा। मैं वर्ल्ड कप के बाद पूरे देश में क्वालिटी ट्रेनिंग पर फोकस करने जा रहा हूं, ताकि टोक्यो का ब्रॉन्ज पेरिस 2024 में गोल्ड में बदल सके।’
412 इंटरनेशनल मैच खेल चुके टिर्की ने कहा- 'देश में वर्ल्ड क्लास हॉकी स्टेडियम तैयार किए जाएंगे। साथ ही युवा खिलाड़ियों को बेहतर ट्रेनिंग के लिए अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी योजना घरेलू हॉकी टूर्नामेंट के आयोजन की है। इसके लिए हॉकी इंडिया राज्य एसोसिएशन से चर्चा करेगी ताकि ग्रास रूट लेवल पर खिलाड़ियों को अच्छा प्लेटफार्म मिल सके। हम राज्य सरकार और वहां के खेल विभाग से चर्चा कर हॉकी प्रोग्राम चलाएंगे। ताकि देश के कोने-कोने से खिलाड़ी आने लगें। लेकिन इसके लिए कुछ समय लगेगा। मैं सभी राज्यों के खेल मंत्रियों से सम्पर्क करूंगा।'
युवा खिलाड़ियों के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसमें अगली पीढ़ी के ड्रैग फ्लिकर और गोलकीपर तैयार किए जाएंगे। साथ ही फिटनेस पर भी फोकस रहेगा।’ टिर्की की आईपीएल की तर्ज पर शुरू हुई हॉकी इंडिया लीग भी दोबारा आयोजित कराने की योजना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए इंटरनेशनल फेडरेशन से बात करके शेड्यूल तैयार करेंगे ताकि दुनिया के अच्छे खिलाड़ी उसमें भागीदारी कर सकें।
बीसीसीआई घरेलू क्रिकेटर्स को मैच फीस देती है जबकि हॉकी में ऐसा नहीं है। इस पर उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई और हॉकी इंडिया की तुलना नहीं कर सकते। बीसीसीआई की आर्थिक ताकत दुनिया जानती है। वैसी स्थिति हॉकी की नहीं है। अगर हमारी आर्थिक स्थिति सुधरती है तो निश्चित ही हम अपने खिलाड़ियों के लिए कुछ करेंगे।’ दिलीप टिर्की की जहां तक बात है 2004 में उन्हें पद्मश्री तथा 2002 में अर्जुन पुरस्कार मिला था। दिलीप टिर्की बीजू जनता दल के कोटे से 2012 से 2018 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे।
खिलाड़ी बेहतर ही काम करेगा: आरपी सिंह
भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान और उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक डॉ. रामप्रकाश सिंह ने भी दिलीप टिर्की के हॉकी इंडिया का मुखिया बनने पर प्रसन्नता जाहिर की है। आरपी सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश तथा झारखंड से अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों का दिलीप टिर्की के समर्थन में नाम वापस लेना उनकी लोकप्रियता को साबित करता है। आरपी सिंह सीन‍ियर भारतीय हॉकी टीम के सलेक्टर तथा हॉकी उत्तर प्रदेश के महासचिव भी हैं।
उन्होंने कहा कि हॉकी खिलाड़ी को एक प्रशासक के रूप में काफी चुनौती का सामना करना पड़ता है। मेरा मानना है कि दिलीप टिर्की काफी परिपक्व हैं और हर चुनौती का बेहतर ढंग से सामना करने में भी काफी सक्षम हैं। भारत को अगले वर्ष हॉकी विश्व कप की मेजबानी भी करनी है। ओडिशा में 13 से 29 जनवरी 2023 तक इसके मुकाबले होंगे। दिलीप टिर्की के नेतृत्व में हम इसको भी बेहतर ढंग से आयोजित कर लेंगे।

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