अब पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव देखेंगे आईओए का कामकाज

आईओए के संविधान में होगा संशोधन 
15 दिसम्बर तक होंगे भारतीय ओलम्पिक संघ के चुनाव
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के संविधान में संशोधन और निर्वाचक मंडल तैयार करने के लिए गुरुवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव को नियुक्त किया। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश राव देश में ओलम्पिक के भविष्य को लेकर निष्पक्ष और विकासपरक रवैया सुनिश्चित करेंगे। न्यायालय ने न्यायमूर्ति राव से कहा कि वह संविधान में संशोधन और 15 दिसम्बर, 2022 तक चुनाव कराने के लिए खाका तैयार करें।
सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को अपने पूर्व जज जस्टिस नागेश्वर राव को भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) का संविधान संशोधन करने की जिम्मेदारी सौंप दी। जस्टिस राव की निगरानी में न सिर्फ संविधान संशोधन होगा बल्कि उन्हीं की अगुवाई में 15 दिसम्बर तक आईओए के चुनाव का रास्ता तैयार किया जाएगा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की पीठ ने 27 सितम्बर को अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के साथ होने वाली बैठक के लिए आईओए के महासचिव राजीव मेहता और उपाध्यक्ष आदिल सुमारीवाला को नियुक्त किया है।
चुनाव के लिए मतदाता सूची भी तैयार करेंगे पूर्व जज
आदेश में कहा गया है कि जस्टिस राव की खेल मंत्रालय मदद करेगा और उनके सारे खर्च आईओए की ओर से वहन किए जाएंगे। संविधान संशोधन के साथ जस्टिस राव को आईओए चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने के भी जिम्मेदारी दी गई है। शीर्ष अदालत ने आदेश में कहा कि पूर्व जज देश में ओलम्पिक के भविष्य को ध्यान में रखते हुए साफ और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण सुनिश्चित करेंगे। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद आईओसी के साथ 27 सितम्बर को लुसाने (स्विट्जरलैंड) में होने वाली बैठक में अब आईओए के दूसरे प्रतिनिधि आरके आनंद, पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष अनिल खन्ना और नामदेव शिरगांवकर बैठक में शिरकत नहीं कर पाएंगे।
नीता अंबानी, बिंद्रा भी आईओसी के साथ बैठक में हो सकते हैं प्रतिनिधि
सूत्र बताते हैं कि आईओसी के साथ बैठक में राजीव मेहता और आदिल सुमरिवाला के अलावा आईओसी सदस्य नीता अंबानी, खेल मंत्रालय के प्रतिनिधि के रूप में संयुक्त सचिव और आईओसी एथलीट कमीशन के सदस्य बीजिंग ओलम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा भी शिरकत कर सकते हैं। आईओसी ने 8 सितम्बर को आईओए के प्रशासन और लटकते आ रहे चुनाव के चलते उसे निलम्बित करने की अंतिम चेतावनी दे दी थी। आईओसी ने कहा था कि अगर दिसम्बर तक यह मुद्दे हल नहीं हुए तो उसे हर हाल में निलम्बित कर दिया जाएगा। आईओए में चले आ रहे इन मुद्दों को सुलझाने के लिए आईओसी ने उसके साथ 27 सितम्बर को बैठक तय की।
आईओसी ने ठुकराया बैठक टालने का अनुरोध
सूत्र बताते हैं कि आईओए की ओर से 27 सितम्बर को आईओसी से होने वाली बैठक को टालने का भी अनुरोध किया गया था। राष्ट्रीय खेलों का हवाला देकर यह बैठक आगे बढ़ाने के लिए कहा गया था, लेकिन आईओसी ने इससे साफ इंकार कर दिया और बैठक 27 सितम्बर को ही करने के लिए कहा। आईओसी ने आईओए में इस दौरान किसी भी अंतरिम या कार्यवाहक अध्यक्ष को मानने से इंकार करते हुए महासचिव राजीव मेहता को बातचीत के अधिकार दे दिए थे।
राजीव मेहता और आदिल सुमरिवाला होंगे बैठक में शामिल
शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही आईओए के मौजूदा महासचिव राजीव मेहता और उपाध्यक्ष आदिल सुमरिवाला को अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आइओसी) की 27 सितम्बर को होने वाली बैठक में भाग लेने की अनुमति भी प्रदान की। पीठ ने कहा, 'युवा मामले और खेल मंत्रालय के संयुक्त सचिव न्यायमूर्ति राव को तमाम व्यवस्था सुलभ कराएंगे जिसकी प्रतिपूर्ति आईओए करेगा।' पीठ में न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल थीं।
नरिंदर बत्रा के खिलाफ उठाया गया कदम
आईओसी ने आठ सितम्बर को आईओए को अंतिम चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि वह शासन से जुड़े अपने मुद्दों को सुलझाए और दिसम्बर तक चुनाव सम्पन्न कराए। इसमें विफल होने पर विश्व संस्था भारत पर प्रतिबंध लगा देगी। आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की स्विट्जरलैंड के लुसाने में हुई बैठक में नरिंदर बत्रा के आईओए के अध्यक्ष पद से हटने के बाद किसी कार्यवाहक या अंतरिम अध्यक्ष को मान्यता नहीं देने का फैसला भी किया गया था। उसने कहा था कि वह किसी भी विषय पर बात करने के लिए महासचिव राजीव मेहता से सम्पर्क करेगा।

रिलेटेड पोस्ट्स