दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में हुए भ्रष्टाचार पर होगी सुनवाई

600 करोड़ से अधिक का हुआ था घोटाला
मामले में 12 साल बाद सुनवाई अगले महीने से
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
दिल्ली में आयोजित 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में हुए घोटाले मामले में एक दशक से अधिक समय बाद सुनवाई शुरू होगी। सीबीआई ने 600 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले में सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसकी सुनवाई अगले महीने से शुरू होगी। 
रविवार को अधिकारी ने बताया कि आयोजन समिति के पूर्व सदस्यों और अन्य के खिलाफ 25 जनवरी को सीबीआई की विशेष अदालत ने एजेंसी द्वारा प्रस्तुत आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है। सभी को समन जारी करने का आदेश जारी किया है। आरोप पत्र में सीबीआई ने एके सक्सेना, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, सुरजीत लाल और के उदय कुमार रेड्डी के नाम दर्ज किए हैं। इसके अलावा जीएल मेरोफॉर्म के तत्कालीन निदेशक बीनू नानू, वायुसेना के पूर्व कप्तान और आपूर्तिकर्ता प्रवीण बख्शी और कम्फर्ट नेट ट्रेडर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संदीप वाधवा को भी आरोपी बनाया है। 
वाधवा को 140 करोड़ का मिला था ठेका
इन पर आरोप है कि राष्ट्रमंडल खेल के दौरान ढंकने वाली वस्तुओं (टेंट, केबिन) की अधिक दर पर खरीदारी करके या किराये पर लेकर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया था। अधिकारियों ने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग किया। संदीप वाधवा को राष्ट्रमंडल खेलों के लिए टेंट, केबिन आदि की आपूर्ति के लिए लगभग 140 करोड़ रुपये का ठेका मिला था। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आयोजन समिति के तत्कालीन डीजी वीके वर्मा को सूचीबद्ध किया था, लेकिन वर्तमान चार्जशीट में उनका नाम नहीं है। इसमें चार कंपनियों को कथित तौर पर 600 करोड़ रुपये से अधिक के ठेके मिले थे।
सीबीआई पूरक आरोप पत्र दायर करेगी
सीबीआई की विशेष अदालत ने जांच के दौरान पाया था कि एफआईआर में नामजद कुछ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट नहीं है। इस पर एजेंसी ने बताया कि जांच अभी भी चल रही है और पूरक आरोप पत्र दायर किया जाएगा। हालांकि, सूचीबद्ध आरोपियों के संबंध में जांच पूरी हो गई है।

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