डायमंड लीग ट्रॉफी जीत नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास

ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय एथलीट 
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय जेवलिन थ्रोवर नीरज चोपड़ा डायमंड लीग ट्रॉफी जीत एक और उपलब्धि हासिल करने वाले पहले एथलीट बन गए हैं। सफलता दर सफलता हासिल करते इस जांबाज ने दिखा दिया कि एथलेटिक्स में अब भारत खाली हाथ नहीं लौटने वाला। भारतीय सुपरस्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने अपना लाजवाब प्रदर्शन जारी रखते हुए डायमंड लीग ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। इस ओलम्पिक गोल्ड मेडलिस्ट एथलीट ने 88.44 मीटर दूर भाला फेंक इस ट्रॉफी पर कब्जा किया और वह इस प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाले देश के पहले एथलीट बन गए हैं। 
इससे पहले 2017 और 2018 में नीरज ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था, मगर तब वह टॉप 5 से भी बाहर रहे थे। मगर इस बार नीरज ने इतिहास रचा। नीरज की डायमंड लीग फाइनल में शुरुआत अच्छी नहीं रही। फाइनल का आगाज उन्होंने फाउल के साथ किया और वह लिस्ट में सबसे नीचे थे। मगर, अगले ही प्रयास में नीरज ने 88.44 मीटर दूर भाला फेंककर पहला स्थान हासिल किया। नीरज चोपड़ा ने इसके बाद तीसरे प्रयास में 88.00 मीटर, चौथे में 86.11 मीटर, पांचवें में 87.00 मीटर और छठे प्रयास में 83.60 मीटर दूर भाला फेंका।
नीरज के बाद चेक गणराज्य के जैकब वाडलेच 86.94 मीटर थ्रो के साथ दूसरे पायदान पर रहे जबकि जर्मनी के जूलियन वेबर ने 83.73 मीटर की दूसरी तय कर तीसरा स्थान हासिल किया। भारत के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा के पिछले कुछ साल शानदार रहे हैं। 2021 टोक्यो ओलम्पिक में गोल्ड जीतने से पहले उन्होंने 2018 में एशियाई खेलों का स्वर्ण, 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण जीता था, जबकि इस साल विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में उन्होंने रजत पदक पर कब्जा जमाया था। 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में नीरज चोट के चलते हिस्सा नहीं ले पाए थे। नीरज की ख्वाहिश डायमंड ट्रॉफी जीतने की थी, जो अब पूरी हो गई है।
चोपड़ा ने चोट के कारण एक महीने तक बाहर रहने के बाद जोरदार वापसी करते हुए डाइमंड लीग सीरीज का लुसाने चरण जीतकर यहां दो दिवसीय फाइनल्स के लिए क्वालीफाई किया था। वह लुसाने में डाइमंड लीग का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। 24 वर्षीय भारतीय सुपरस्टार ने वापसी के तुरंत बाद फॉर्म हासिल करते हुए 26 जुलाई को लुसाने में अपने पहले ही प्रयास में भाले को 89.08 मीटर तक फेंककर खिताब अपने नाम किया था।

 

रिलेटेड पोस्ट्स