सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पूर्व भारतीय कप्तान भूटिया

कहा- सस्पेंशन के डर से भारतीय फुटबॉल में आवश्यक सुधारों को विफल नहीं कर सकते
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
पूर्व भारतीय कप्तान बाईचुंग भूटिया ने भारतीय फुटबॉल के हितों में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की आमसभा  के चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के हालिया सुधारों के समर्थन में आवेदन किया है।
वकील पूर्णिमा कृष्णा के माध्यम से दायर एक हस्तक्षेप आवेदन में भूटिया ने कहा है कि फीफा के सस्पेंशन के कारण भारतीय फुटबॉल में बहुत आवश्यक सुधारों को विफल नहीं कर सकते हैं। मौजूदा व्यवस्था में वापस आने से कुछ लोगों के निहित स्वार्थों को भारतीय फुटबाल संघ पर 4 साल तक पकड़ बनाने की अनुमति मिल जाएगी। जिससे खेल का नुकसान होगा।
भूटिया ने कहा- 'प्रशासकों की समिति के मसौदे को भारतीय फुटबॉल संघ के नए संविधान के रूप में अपनाया जाना चाहिए। यह वर्तमान और पूर्व फुटबॉल खिलाड़ियों के हित में है। आमसभा में पूर्व खिलाड़ियों को शामिल करने से फीफा के नियमों का उल्लंघन होगा। जो गलत है।' फीफा ने भारतीय फुटबॉल संघ को सस्पेंड कर दिया है। जिससे फीफी अंडर -17 विमेंस वर्ल्ड कप 2022 की मेजबानी पर खतरा आ गया है।
क्या है पूरा विवाद
सीओए ने भारतीय फुटबॉल संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल सहित 7 अन्य राज्य संघों के पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। फिर शीर्ष अदालत ने 3 अगस्त को आदेश दिया था कि भारतीय फुटबॉल संघ के प्रमुख के लिए एक अंतरिम निकाय के लिए चुनाव संविधान के मसौदे के अनुरूप तेजी से कराए जाएं। कोर्ट ने राज्य संघों द्वारा व्यक्तिगत प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को मतदान से वंचित करने के अनुरोध को खारिज कर दिया था और यह स्पष्ट कर दिया था कि अंतरराष्ट्रीय अनुभव वाले खिलाड़ियों को वोट देने, कार्यकारी एवं सामान्य समितियों का हिस्सा बनने की अनुमति दी जाएगी।

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