लक्ष्य सेन विश्व चैम्पियनशिप के लिए तैयार

कहा- राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण से मिलेगी प्रेरणा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
बर्मिंघम से लौटने के बाद लक्ष्य सेन को विश्व चैम्पियनशिप की तैयारियों के लिए ज्यादा समय नहीं मिला, लेकिन 20 वर्षीय इस शटलर का कहना है कि राष्ट्रमंडल खेलों में जीता गया स्वर्ण पदक उन्हें विश्व चैम्पियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा देगा। लक्ष्य कहते हैं कि बर्मिंघम में स्वर्णिम प्रदर्शन के बाद उनमें अंदर से आत्मविश्वास भरा है कि वह पिछली चैम्पियनशिप में जीते गए कांस्य पदक का रंग बदल सकते हैं। 
हालांकि, लक्ष्य को इस बात का दुख है कि उनके साथ फीजियो हीथ मैथ्यूज टोक्यो नहीं आ सके हैं। हीथ ने बर्मिंघम में चोटिल लक्ष्य की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हीथ को अब तक का जापान का वीजा नहीं मिला है। हालांकि उन्हें अभी भेजने की कोशिशें की जा रही हैं। 
पिछली चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य यह मानते हैं कि इस बार मुकाबला कड़ा है। इसी लिए इसे विश्व चैम्पियनशिप कहते हैं यहां मुकाबले आसान नहीं मिलते हैं, आपको बड़े मुकाबलों को ही अपने हक में करना होता है, तभी आप जीत सकते हैं। लक्ष्य कहते हैं कि वह बड़े मुकाबलों के लिए तैयार हैं। लक्ष्य की क्वार्टर फाइनल के सफर में केंटो मोमोटा, एचएस प्रणय, ली जी जिया से टक्कर संभावित है। लक्ष्य कहते हैं कि वह किसी भी मुकाबलों को हल्के में नहीं लेंगे और मैच दर मैच अपना कारवां आगे बढ़ाएंगे। मोमोटा के खिलाफ पिछले वर्ष उन्होंने जबरदस्त संघर्ष किया था। उस मुकाबले के बाद उनका आत्मविश्वस बढ़ा है।
लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेलों के लिए कंधे की चोट से उबरने के बाद खेलने गए थे। वह कहते हैं कि टीम मुकाबलों में खेलने से उनमें आत्मविश्वास बढ़ा। खासतौर पर सेमीफाइनल में जब उन्होंने विश्व चैम्पियन सिंगापुर के लोह कीन यू को हराया तो उनका हौसला बढ़ा। उन्हें लगा कि वह लंबे गेम खेल सकते हैं और उनकी फिटनेस सही दिशा में है।

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