2023 में पर्थ में इतिहास रचने उतरेंगे भारतीय ट्रांसप्लांट एथलीट्स

2019 में जीते थे सात पदक
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
हम अक्सर ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ गेम्स या एशियन गेम्स की बात करते हैं, लेकिन एक और खेल है, जिसमें भारत ने अब तक बेहतरीन प्रदर्शन किया है। यह खेल है- ट्रांसप्लांट गेम्स। इन खेलों में वह खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जो या तो ऑर्गन रिसीवर हैं या ऑर्गन डोनर हैं।
पिछले साल यानी 2019 में यूके के न्यूकासल गेटशेड ट्रांसप्लांट गेम्स में भारत ने चार स्वर्ण और तीन रजत समेत सात पदक जीते थे। भारत ने तब 14 पुरुष और महिला खिलाड़ियों का दल न्यूकासल भेजा था। वहीं, अब टीम इंडिया के खिलाड़ी पर्थ में 2023 में होने वाले ट्रांसप्लांट गेम्स की तैयारियों में जुट गए हैं। 
इसके लिए हरियाणा के फरीदाबाद में 19 ट्रांसप्लांटेड खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। इनमें बैडमिंटन और फुटबॉलर शामिल हुए। शिविर की शुरुआत एक अगस्त को हुई थी।  इसका उद्देश्य वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स में भाग लेने वाले 19 प्रत्यारोपित खिलाड़ियों की मदद करना था। वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ट्रांसप्लांट खिलाड़ियों की प्रतिस्पर्धा होती है। ट्रांसप्लांट खिलाड़ी दूसरों को प्रेरित करते हुए जीवन को पूरी तरह जीना जारी रखने का संदेश भी देते हैं। साथ ही उस टैबू पर भी  विराम लगाते हैं कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट से आगे की जिंदगी बेकार हो जाती है।
वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स पहली बार 1978 में यूके के पोर्ट्समाउथ में आयोजित हुई थी। तब इसमें पांच देशों ने हिस्सा लिया था और सिर्फ 100 खिलाड़ी ही खेले थे। वहीं, 2019 में 60 देशों के 2,237 ट्रांसप्लांट एथलीट्स ने हिस्सा लिया था। भारत की ओर से 14 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इनमें खेले जाने वाले मुख्य गेम्स हैं- स्विमिंग, एथलेटिक्स, साइकिलिंग, आर्चरी, गोल्फ, बैडमिंटन, स्क्वैश और टेबल टेनिस।

 

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