85 साल में पहली बार भारतीय फुटबॉल महासंघ निलम्बित

फीफा ने नियमों के उल्लंघन पर लिया फैसला
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
विश्व फुटबॉल संचालन संस्था फीफा ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। फीफा के नियमों के गंभीर उल्लंघन की वजह से यह निर्णय लिया गया है। भारतीय फुटबॉल महासंघ को अपने 85 साल के इतिहास में पहली बार फीफा से निलम्बन झेलना पड़ा है।
एआईएफएफ को सस्पेंड करने का मतलब है कि अंडर-17 महिला फुटबॉल वर्ल्ड कप टूर्नामेंट, जोकि देश में 11 से 30 अक्टूबर के बीच में आयोजित होने वाला था, अब तय समय पर नहीं होगा। इसकी मेजबानी भारत से छीनी भी जा सकती है  वहीं दूसरी ओर आज मंगलवार 16 अगस्त से कोलकाता में डूरंड कप शुरू होने जा रहा है।
इस महीने की शुरुआत में ही विश्व फुटबॉल संचालन संस्था फीफा ने तीसरे पक्ष (प्रशासकों की समिति/सीओए) के हस्तक्षेप के कारण भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को निलम्बित करने की धमकी दी थी। इसके साथ ही फीफा ने अक्टूबर में होने वाले महिला अंडर-17 विश्वकप की मेजबानी के अपने अधिकार भी छीन लेने की चेतावनी दी थी। यह चेतावनी एआईएफएफ के चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के कुछ ही दिनों बाद दी गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी है। भारतीय फुटबॉल महासंघ के 28 अगस्त को चुनाव होने हैं।
जानें क्या है पूरा मामला?
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मई में एआईएफएफ को भंग कर दिया था और खेल को संचालित करने, एआईएफएफ के संविधान में संशोधन करने और 18 महीने से लंबित चुनाव कराने के लिए तीन सदस्यीय समिति की नियुक्ति की थी। जवाब में, फीफा और एशियाई फुटबॉल परिसंघ ने एएफसी महासचिव विंडसर जॉन के नेतृत्व में एक टीम को भारतीय फुटबॉल के हितधारकों से मिलने के लिए भेजा और एआईएफएफ के लिए जुलाई के अंत तक अपनी विधियों में संशोधन करने और बाद में 15 सितम्बर तक नवीनतम चुनाव सम्पन्न करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया था।
एआईएफएफ के चुनाव फीफा परिषद के सदस्य प्रफुल्ल पटेल के नेतृत्व में दिसम्बर 2020 तक होने थे, लेकिन इसके संविधान में संशोधन पर गतिरोध के कारण इसमें देरी हुई। इसके बाद इसी महीने की शुरुआत में (तीन अगस्त) सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत चुनाव कराने का आदेश दिया था और कहा था कि निर्वाचित समिति (सीओए) तीन महीने की अवधि के लिए एक अंतरिम निकाय होगी। इस पर पांच अगस्त को फीफा ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को लेकर भारतीय फुटबॉल महासंघ को निलंबित करने की धमकी दी थी। फीफा के नियमों के मुताबिक, सदस्य संघों को अपने-अपने देशों में कानूनी और राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होना चाहिए। फीफा ने पहले इसी तरह के मामलों में अन्य राष्ट्रीय संघों को भी निलम्बित किया है।
कब निलम्बन हटाएगा फीफा?
फीफा ने सोमवार के बयान में कहा- एआईएफएफ कार्यकारी समिति की शक्तियों को ग्रहण करने के लिए प्रशासकों की एक समिति गठित करने के आदेश के निरस्त होने और एआईएफएफ प्रशासन एआईएफएफ के दैनिक मामलों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के बाद निलम्बन हटा लिया जाएगा।
छेत्री ने कहा था- फीफा की धमकी पर ध्यान न दें
इधर, भारतीय फुटबॉल कप्तान और अनुभवी स्ट्राइकर सुनील छेत्री ने बीते रविवार को ही अपने साथी खिलाड़ियों से कहा था कि फीफा की भारतीय फुटबॉल को निलम्बित या प्रतिबंधित करने की धमकियों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि आप मैदान में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर ध्यान दें।
11 अक्टूबर से शुरू होना था अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्वकप
अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्वकप 11 से 30 अक्टूबर तक भुवनेश्वर, गोवा और मुंबई में आयोजित होना प्रस्तावित था। इसकी सफल मेजबानी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जवाबदेही पत्र पर हस्ताक्षर कर अपनी मंजूरी पहले ही दे दी थी। हालांकि अब फीफा पर प्रतिबंध के परिणामस्वरूप 11-30 अक्टूबर तक होने वाला आगामी फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप स्थगित रहेगा। फीफा ने कहा कि टूर्नामेंट का भविष्य तय समय में तय किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले को ब्यूरो ऑफ काउंसिल को भेजा जा सकता है। फीफा ने साफ कहा है कि अब यह आयोजन अपने तय समय के अनुसार भारत में आयोजित नहीं हो सकता है।

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