युद्ध के बाद खेल विजेताओं को ही पसंद करता है देशः जनरल मनोज पांडे

पदक जीतने वालों को सेना प्रमुख ने किया सम्मानित
चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने बुधवार को राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने वाले भारतीय सेना के खिलाड़ियों को सम्मानित किया। बर्मिंघम में इन खेलों का आयोजन 28 जुलाई से आठ अगस्त तक हुआ था। भारतीय सेना के खिलाड़ियों ने इस साल के खेलों में चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। इस दौरान मनोज पांडे ने कहा कि युद्ध के बाद खेल में जीतने वाले खिलाड़ियों को ही देश के लोग पसंद करते हैं।
सेना ने कहा, "यह वास्तव में एक सराहनीय उपलब्धि है कि राष्ट्रमंडल खेलों के दस्ते में भारतीय सेना के 18 प्रतिभागियों में से आठ खिलाड़ियों ने भारत के लिए पदक जीते हैं। ये पदक 2001 से भारतीय सेना द्वारा परिकल्पित और कार्यान्वित किए गए मिशन ओलम्पिक कार्यक्रम का परिणाम हैं।'' खिलाड़ियों के भारत लौटने पर जनरल पांडे और सेना मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को दिल्ली छावनी में आयोजित एक विशेष समारोह में खिलाड़ियों को बधाई दी और बातचीत की। सेना की ओर से वेटलिफ्टिंग में जेरेमी लालरिनुंगा (नायब सूबेदार), मुक्केबाजी में अमित पंघाल (सूबेदार), कुश्ती में दीपक पूनिया (सूबेदार), वेटलिफ्टिंग में अचिंता शेउली (हवलदार), स्टीपलचेज में अविनाश साबले (सूबेदार), 10 किलोमीटर पैदल चाल में संदीप (सूबेदार), कुश्ती में दीपक (रिक्रूट सूबेदार) और मुक्केबाज हसमुद्दीन (सूबेदार) ने बर्मिंघम में पदक अपने नाम किए। 
सेना के मुताबिक, "खिलाड़ियों को सम्बोधित करते हुए सेना प्रमुख ने उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन को स्वीकार किया और कहा कि भारतीय सेना के प्रतिभागी देश के लिए वास्तविक रोल मॉडल हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन ने भारतीय सेना और पूरे देश को गौरवान्वित किया है।''

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