भारतीय दल में हरियाणा का दबदबा

राष्ट्रमंडल खेलों में बिहार से कोई खिलाड़ी नहीं
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत के कुल 213 खिलाड़ी 15 खेलों में भाग लेंगे। पहले यह संख्या 215 थी, लेकिन नीरज चोपड़ा और ऐश्वर्या के बाहर होने के बाद अब 213 खिलाड़ी ही इस इवेंट में शामिल हो रहे हैं। खास बात यह है कि इस बार बिहार को छोड़कर लगभग हर राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश से कोई न खिलाड़ी कॉमनवेल्थ खेलने पहुंचा है। इस बार 26 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के खिलाड़ी कॉमनवेल्थ खेलों का हिस्सा बन रहे हैं। भारतीय खेल प्राधिकरण की सूची के अनुसार सबसे ज्यादा 38 खिलाड़ी हरियाणा से हैं वहीं, बिहार जैसे राज्य से कोई खिलाड़ी नहीं है। यहां हम बता रहे हैं कि इस बार किस राज्य से कितने खिलाड़ी बर्मिंघम में हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में अपना जलवा दिखाएंगे। 
टोक्यो ओलम्पिक की तरह इस बार भी हरियाणा के बाद पंजाब के 26, तमिलनाडु के 17 और दिल्ली के 14 खिलाड़ी कॉमनवेल्थ टीम का हिस्सा हैं। हरियाणा ने पिछले कुछ सालों में देश को कई बेहतरीन एथलीट दिए हैं, जिन्होंने बॉक्सिंग, ट्रैक एण्ड फील्ड, कुश्ती और साइकिलिंग में कमाल किया है। भारत के मौजूदा दल में हरियाणा के 38 खिलाड़ी हैं और इनमें लड़के और लड़कियों की संख्या एक समान है। पहले लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कम होती थी। 
पिछले साल ओलम्पिक में मेडल हासिल करने से चूकने वाली महिला हॉकी टीम की 18 सदस्यों में आठ हरियाणा से हैं। इसके अलावा यहां से कई मुक्केबाज और पहलवान भी हैं। इनमें विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, जैस्मिन लम्बोरिया को पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। चोट के चलते अंतिम समय में राष्ट्रमंडल खेलों से अपना नाम वापस लेने वाले नीरज चोपड़ा भी हरियाणा से ही हैं। 
कॉमनवेल्थ खेलों में भारत कई अलग-अलग खेलों में पदक जीतता है और हर खेल अलग-अलग जगहों में लोकप्रिय है। जूडो, कुश्ती और मुक्केबाजी जैसे खेलों की लोकप्रियता उत्तर भारत में ज्यादा है वहीं, बैडमिंटन, स्क्वॉश और टेबल टेनिस जैसे खेलों की लोकप्रियता दक्षिण के राज्यों जैसे तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल में ज्यादा है। 
इस बार भारत के पहलवानों से मेडल की उम्मीद सबसे ज्यादा है। भारतीय दल में शामिल 12 पहलवानों में सभी हरियाणा या दिल्ली से हैं। मुक्केबाजों में भी 12 में से छह हरियाणा से हैं वहीं, पीवी सिंधु और श्रीकांत जैसे बैडमिंटन खिलाड़ी तेलंगाना से हैं। स्क्वॉश के सात और टेबल टेनिस के पांच खिलाड़ी तमिलनाडु से हैं। असम जनसंख्या के मामले में 15वें नम्बर पर है, लेकिन बर्मिंघम में इस राज्य के सात खिलाड़ी खेलेंगे। इसमें से अधिकतर मेडल जीतने के दावेदार हैं। बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो में भी पदक जीता था और इस बार उनसे स्वर्ण पदक की उम्मीद है। उनके अलावा पॉपी हजारिका, शिव थापा और हिमा दास भी देश के लिए पदक जीत सकते हैं। 
अंडमान के दो खिलाड़ी साइकिलिंग में दिखाएंगे जलवा
साइकिलिंग में अंडमान और निकोबार के दो खिलाड़ी पदक के लिए दम लगाएंगे। हालांकि, इन दोनों के लिए पदक जीतना आसान नहीं होगा, लेकिन चार लाख के करीब आबादी वाले अंडमान से निकलकर भारत का प्रतिनिधित्व करना इनके लिए बड़ी बात है। ये दोनों अपने नाम की वजह से भी चर्चा में रहे हैं। इसो एल्बन और डेविड बेकहम इस बार भारत की साइकिलिंग टीम का हिस्सा हैं। 
भारतीय दल में इस बार बिहार का कोई खिलाड़ी शामिल नहीं है। जहां, अंडमान जैसे छोटे केन्द्र शासित प्रदेशों से दो खिलाड़ी बर्मिंघम पहुंच रहे हैं। ऐसे में बिहार का एक खिलाड़ी टीम का हिस्सा नहीं है, जबकि बिहार जनसंख्या के लिहाज से देश का तीसरा बड़ा राज्य है। इसके अलावा नागालैंड और सिक्किम जैसे राज्यों के खिलाड़ी इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारतीय दल में शामिल नहीं हैं, लेकिन ये राज्य जनसंख्या के लिहाज से काफी छोटे हैं और यहां मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है। 

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