पीवी सिंधु होंगी उद्घाटन समारोह में भारतीय ध्वजवाहक

कार्यवाहक अध्यक्ष और महासचिव ने सिंधु को चुना
बर्मिंघम।
भारतीय ओलम्पिक संघ ने स्टार भालाफेंक एथलीट नीरज चोपड़ा के हटने के बाद पीवी सिंधु को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों में गुरुवार (28 जुलाई) को होने वाले उद्घाटन समारोह में भारत का ध्वजवाहक बनाया गया है। सिंधु को यह मौका लगातार दूसरी बार मिला है। वह पिछली बार ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट (2018) में भी भारत की ध्वजवाहक थीं।
भारतीय ओलंपिक संघ ने अपने बयान में कहा, ''दो बार की ओलंपिक पदक विजेता शटलर पीवी सिंधु को बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह में टीम इंडिया के ध्वजवाहक के रूप में घोषित करते हुए हमें खुशी हो रही है।''  संघ ने यह भी कहा कि नीरज चोपड़ा की चोट के बाद भारोत्तोलक मीराबाई चानू और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन पर विचार किया गया।
संघ ने कहा, "सिंधु के साथ दो अन्य योग्य एथलीटों को टीम इंडिया का ध्वजवाहक माना जा रहा था- भारोत्तोलक मीराबाई चानू और मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन। दोनों ओलम्पिक पदक विजेता हैं। आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष अनिल खन्ना, महासचिव राजीव मेहता, कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे और राजेश भंडारी की चार सदस्यीय समिति ने तीन एथलीटों को शॉर्टलिस्ट किया। आखिरकार अनिल खन्ना और राजीव मेहता ने सिंधु को उद्घाटन समारोह के लिए ध्वजवाहक के रूप में चुना।''
भारत के 213 एथलीट उतरेंगे
22वें राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन इंग्लैंड के बर्मिंघम में 28 जुलाई से आठ अगस्त तक होने जा रहा है। भारत के 213 खिलाड़ी इसमें शामिल होंगे। पहले 215 एथलीट इसमें हिस्सा लेने वाले थे, लेकिन स्टार भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा चोट और ट्रिपल जंप में नेशनल रिकॉर्ड धारक ऐश्वर्या बाबू डोप टेस्ट में फेल होने के कारण बाहर हो गईं। 
1930 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट में भारत अब तक 17 बार भाग ले चुका है। उसने चार बार हिस्सा नहीं लिया। भारतीय खिलाड़ी 1930, 1950, 1962 और 1986 राष्ट्रमंडल खेलों में नहीं उतरे थे। 1934 में पहली बार भारतीय खिलाड़ियों ने जब भाग लिया था तब इसे ब्रिटिश एम्पायर गेम्स कहा जाता है। आजादी के बाद पहली बार भारत ने 1954 में राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लिया था।

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