एथलेटिक्स में मिल्खा सिंह और कृष्णा पूनिया पहले स्वर्ण पदकधारी

राष्ट्रमंडल खेलः पिछले 20 सालों से लगातार शीर्ष-5 में
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को पहला पदक पहलवान राशिद अनवर ने 1934 लंदन में हुए खेलों में दिलाया था। उसी संस्करण में भारत ने पहली बार इन खेलों में हिस्सा लिया था। तब भारतीय दल में छह खिलाड़ी शामिल थे, जिन्होंने एथलेटिक्स और कुश्ती में हिस्सा लिया था। भारत को इन खेलों में अपना पहला स्वर्ण हासिल करने में 24 साल लग गए। पहला स्वर्ण 1958 में उड़न सिख मिल्खा सिंह ने कार्डिफ में दिलाया। भारत ने आज तक 503 मेडल जीते हैं। मैनचेस्टर में 2002 में हुए खेलों से लेकर पिछले खेलों तक भारत पदक तालिका में कभी शीर्ष पांच से बाहर नहीं हुआ। चक्का फेंक एथलीट कृष्णा पूनिया ने इन खेलों में ट्रैक एंड फील्ड का दूसरा स्वर्ण पदक 2010 के दिल्ली में हुए खेलों में दिलाया। यह सफलता हासिल करने में मिल्खा सिंह (1958 में) की सफलता के बाद 52 साल लग गए।
अमी घिया और कंवल पदक जीतने वाली पहली महिला जोड़ी
कनाडा के एडमोंटन में हुए खेलों में भारत की ओर से अमी घिया और कंवल ठाकर सिंह के रूप में दो महिलाएं भारतीय दल का हिस्सा थीं। बैडमिंटन में ये युगल स्पर्धा में उतरीं। इन दोनों का यह पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था। किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि ये जोड़ी पहले दौर से आगे जा पाएगी लेकिन ये सेमीफाइनल तक पहुंची। सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा लेकिन कांस्य पदक के मुकाबले में पदक जीतकर ये पदक जीतने वालीं पहली भारतीय महिलाएं बन गईं।
निशानेबाज रूपा स्वर्ण जीतने वाली पहली महिला 
निशानेबाज रूपा उन्नीकृष्णन ने स्वर्ण जीतने वाली पहली महिला बनी थीं। उन्होंने 1998 में क्वालालंपुर में हुए खेलों में 50 मीटर राइफल प्रोन में स्वर्ण पदक हासिल किया था। चक्का फेंक में रंजीत कुमार पहले पैरा एथलीट रहे, जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में पहला पदक दिलाया। उन्होंने 2006 में हुए खेलों में यह उपलब्धि हासिल की।

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