खेल संहिता के अंतर्गत चुनाव कराएगा भारतीय घुड़सवारी महासंघ

राष्ट्रीय खेल संहिता का पालन करना हर खेल संगठन का दायित्व
नई दिल्ली।
अपने संविधान में आमूलचूल बदलाव के साथ राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के रूप में मान्यता बढ़ाए जाने के तीन महीने बाद भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) पहली बार अपने चुनाव राष्ट्रीय खेल संहिता के तहत कराएगा। ईएफआई के चुनाव 2019 से नहीं हुए हैं। इसमें कार्यकाल को लेकर त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया है जहां व्यक्तिगत पदों के लिए हर साल चुनाव होते हैं।
खेल संहिता के अनुसार महासंघ को साल में कम से कम एक बार आमसभा का आयोजन करना होगा और चार साल में विशेष बैठक का आयोजन होना चाहिए जिसमें अध्यक्ष और सचिव सहित कार्यकारी समिति के सदस्यों का चुनाव हो। ईएफआई अब तक इस नियम का पालन नहीं कर रहा था लेकिन अब इसे मानने को राजी हो गया है। खेल संहिता के दायरे में आने के लिए कार्यकारी समिति के सदस्यों की संख्या 21 से घटाकर 12 की जाएगी।
इससे पहले कार्यकारी समिति के सदस्यों का चुनाव चार साल के लिए अलग-अलग समय पर होता था और कार्यकाल खत्म होने के बाद खाली सीट को भरने के लिए फिर चुनाव होता था। ईएफआई की पूरी कार्य समिति का चुनाव कभी एक साथ नहीं हुआ। ईएफआई के महासचिव कर्नल जयवीर सिंह ने कहा, ‘‘हम खेल संहिता के तहत जरूरी बदलाव करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुझे 2019 में महासचिव चुना गया था और इसके बाद से मैं सुधारवादी कदम उठाने का प्रयास कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे से मत पूछिए कि खेल संहिता के अंतर्गत आने के लिए पहले ईएफआई के नियमों में बदलाव क्यों नहीं किया गया। आपको उन लोगों से पूछना चाहिए जो मेरे से पहले पद पर थे। मैं जरूरी प्रयास कर रहा हूं, हालांकि कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रक्रिया में विलम्ब हुआ है।’’
गौरतलब है कि ईएफआई को चुनावों से रोकने के लिए राजस्थान घुड़सवारी संघ (आरईए) दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण में गया है और उसने नियमों में संशोधन तक महासंघ के रोजमर्रा के कार्यों के संचालन के लिए तदर्थ समिति की नियुक्ति की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे समझ नहीं आता कि उन्होंने यह आवेदन क्यों किया जबकि हम पहले ही जरूरी बदलाव कर रहे थे। याचिकाकर्ता (रघुवेंद्र सिंह डूंडलोद) 27 मार्च को आमसभा की बैठक में स्वयं मौजूद थे जब बदलाव किए गए।’’
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक अन्य याचिका दायर की गई है जिसमें दावा किया गया है कि ईएफआई ने आमसभा की बैठक में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया इसलिए संशोधन को रद्द किया जाना चाहिए। ईएफआई ने 27 मार्च को आमसभा की बैठक में बदलावों को स्वीकृत कराया था और इस दौरान इसके पक्ष में 111 सदस्यों ने मतदान किया था जबकि उसके खिलाफ सिर्फ आठ मत पड़े थे। खेल मंत्रालय ने ईएफआई को खेल संहिता के तहत संविधान में संशोधन के लिए जून 2022 तक का समय दिया था। ईएफआई की मान्यता को पांच अप्रैल को आगे बढ़ाया गया था।

 

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