विश्व एथलेटिक्स में पदक से चूके अविनाश साबले

तीन हजार स्टीपलचेज में रहे 11वें स्थान पर
नई दिल्ली।
विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भारतीय एथलीट अविनाश साबले पदक जीतने से चूक गए। तीन हजार मीटर स्टीपलचेज के फाइनल में उन्होंने 8.31.75 मिनट में अपनी रेस पूरी की और 11वें स्थान पर रहे। वहीं, सौफीन इल बक्काली ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। लमेचा गिरमा दूसरे और केन्या के कॉन्सेसलस किपरुटो तीसरे स्थान पर रहे। 
27 साल के अविनाश महाराष्ट्र के बीड के रहने वाले हैं। पिछले कुछ समय में उन्होंने अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार किया है। हालांकि, विश्व चैम्पियनशिप में वो देश के लिए कोई पदक नहीं जीत सके। विश्व चैम्पियनशिप में साबले लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचे थे। क्वालीफाइंग राउंड में साबले ने 8.18.75 मिनट में अपनी रेस पूरी की थी और फाइनल में पहुंचने वाले 15 खिलाड़ियों की सूची में शामिल हुए थे। साबले के नाम तीन हजार मीटर स्टीपलचेज में राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी दर्ज है। उन्होंने जून के महीने में राबत डायमंड लीग के दौरान 8.12.48 मिनट में अपनी रेस पूरी की थी। 
लगातार निखर रहा प्रदर्शन
पिछले कुछ सालों में साबले के प्रदर्शन में लगातार निखार आ रहा है। टखने की चोट के चलते वो 2018 एशियन गेम्स में भाग नहीं ले पाए थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने गोपाल सैनी का 37 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। सैनी ने तीन हजार मीटर स्टीपल चेज 8.30.88 मिनट में पूरी की थी, लेकिन साबले ने भुवनेश्वर में 8.29.80 मिनट में अपनी रेस खत्म कर दी। इसके बाद 2019 में पटियाला में हुए फेडरेशन कप में साबले ने अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा। यहां उन्होंने 8.28.94 मिनट में रेस खत्म की। इसी के साथ उन्होंने 2019 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में जगह बना ली। वो 1991 में दीना राम के बाद दूसरे भारतीय एथलीट बने, जिन्होंने विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया। 
2019 में वो पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल हुए और एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पदक अपने नाम किया। यहां उन्होंने 8.30.19 मिनट में अपनी रेस पूरी की थी। विश्व चैम्पियनशिप में साबले ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्होंने 8.25.23 मिनट में अपनी रेस पूरी की। इसके बार रेस में दुर्घटना का शिकार होने के बाद साबले सातवें स्थान पर रहे और फाइनल की रेस से बाहर हो गए। हालांकि, भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन की अपील पर उन्हें फाइनल में शामिल होने का मौका मिला और ऐसा करने वाले पहले भारतीय बने। 
फाइनल में उन्होंने अपनी रेस सिर्फ 8.21.37 मिनट में पूरी की और अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा। हालांकि, 15 खिलाड़ियों में वो 13वें स्थान पर रहे। इसी के साथ उन्होंने 2020 टोक्यो ओलम्पिक में जगह बना ली। यहां उन्होंने 8.18.12 मिनट में अपनी रेस पूरी की और एक बार फिर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। हालांकि, प्रतियोगिता में वो सातवें स्थान पर रहे थे। 

 

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