नरिंदर बत्रा ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन की अध्यक्षी छोड़ी

अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति की सदस्यता से भी दिया इस्तीफा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
नरिंदर बत्रा ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति की सदस्यता छोड़ने के साथ ही भारतीय ओलम्पिक संघ से भी अपने पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने तीन अलग-अलग आधिकारिक पत्र लिखकर अपने सभी पदों से इस्तीफा दिया है। 
दिल्ली हाईकोर्ट ने 25 मई को अपने फैसले में हॉकी इंडिया की आजीवन सदस्यता को खत्म कर दिया। इसी सदस्यता के आधार पर बत्रा ने चुनाव लड़ा था और 2017 में जीत भी हासिल की थी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद बत्रा का भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष पद से हटना तय था। इसके साथ ही उन्होंने बाकी दो जिम्मेदारियों को भी छोड़ने का फैसला किया है। बत्रा ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन के कार्यकारी बोर्ड को पत्र लिखकर कहा "निजी कारणों की वजह से मैं अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं।"
भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष पद से हटने के बाद बत्रा को अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति की सदस्यता छोड़नी पड़ती। ऐसे में उनका फैसला सही समझा जा सकता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन के अध्यक्ष पद से उनका इस्तीफा चौकाने वाला है। वह इस पद पर रहकर भारतीय हॉकी की सेवा कर सकते थे। 
2017 में भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष बनने वाले बत्रा ने 25 मई को अपने पद से इस्तीफा दिया था। इस समय उन्होंने कहा था कि वह हॉकी में ज्यादा समय देना चाहते हैं। इस वजह से ऐसा कर रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने इस पद से भी इस्तीफा दे दिया है। नरिंदर बत्रा कथित तौर पर व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए 35 करोड़ रुपये के फंड का इस्तेमाल करने के आरोप में जांच के दायरे में हैं। भारतीय ओलम्पिक संघ के चुनाव पिछले दिसम्बर में होने थे, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय में उसके घटक को चुनौती देने वाली एक याचिका के बाद चुनाव का आयोजन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नहीं हो सका। आरोप है कि यह राष्ट्रीय खेल संहिता और अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के चार्टर के अनुरूप नहीं है।

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