राष्ट्रमंडल खेलों की टीम में न चुने जाने पर खूब रोईं साइना

पति पारुपल्ली कश्यप का कहना अब तक सदमे से नहीं उबरीं
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारत में बैडमिंटन के खेल को नई पहचान और लोकप्रियता दिलाने में अहम योगदान देने वाली साइना नेहवाल इस बार कॉमनवेल्थ टीम का हिस्सा नहीं हैं। इस पर उनके पति पारुपल्ली कश्यप ने भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन के अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। उनके अनुसार साइना के अपने लोगों ने उनके साथ गलत व्यवहार किया। कश्यप ने यह भी कहा कि साइना राष्ट्रमंडल खेलों में 2010 और 2018 में पदक जीत चुकी हैं, वो इस प्रतियोगिता में भाग लेन के लिए आतुर नहीं थीं, लेकिन जिस तरीके का व्यवहार उनके साथ किया गया, उससे वह बेहद दुखी हैं। 
पारुपल्ली कश्यप ने एक निजी मीडिया संस्थान से बातचीत में कहा "यह काफी मायने रखता है, क्योंकि भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन ने जनवरी में मिली एक हार के आधार पर पूरा चयन किया। साइना खुद को साबित करना चाहती थीं और पहले गेम में दबाव दिखाई दिया। हालांकि, दूसरे गेम में वो बेफिकर होकर खेलीं।" पारुपल्ली कश्यप ने बताया कि चयन के लिए ट्रायल ऐसे समय पर हुए, जब साइना चोट से उबर रही थीं। टीम में चयन न होने के कारण साइना कई बार रोईं और इस वजह से उनकी मानसिक स्थिति पर काफी प्रभाव पड़ा। उनके लिए प्रैक्टिस करना भी काफी मुश्किल था। ऐसे समय पर आप इस चीज को लेकर निश्चिंत नहीं हैं कि आप अपने लोगों से लड़ने के लिए तैयारी कर रहे हैं या विपक्षी खिलाड़ियों से। 
कश्यप ने आगे कहा कि साइना घमंडी नहीं हैं। वो सिर्फ अपने काम पर ध्यान देती हैं। पारुपल्ली ने आरोप लगाया कि भारतीय बैडमिंडन एसोसिएशन इस मामले में चुप बैठा रहा। उनको कम से कम एक बार बात करनी चाहिए थी। अगर साइना गलत थीं तो उनसे बात करके उनको समझाया जा सकता था, लेकिन किसी ने उनके मैसेज का जवाब नहीं दिया। एसोसिएशन ने साइना को अपने फैसले की वजह भी नहीं बताई। 
अंत में पारुपल्ली कश्यप ने कहा कि साइना को राष्ट्रमंडल खेलों में न शामिल करके फेडरेशन ने एक तय पदक गंवा दिया है। उन्होंने कहा "टीम में न चुने जाने के झटके से उबरने में उन्हें समय लगा, लेकिन जिस तरह से उनके साथ व्यवहार हुआ, मुझे नहीं लगता कि वो अभी भी उस चीज से बाहर आई हैं।"

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