फाइनल में सातवें स्थान पर रहे मुरली श्रीशंकर

अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी नहीं कर सके
चीन खिलाड़ी जिनान वैंग ने जीता सोना
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के फाइनल में भारतीय लांगजम्पर मुरली श्रीशंकर ने सभी को निराश करते हुए सातवां स्थान हासिल किया। क्वालीफाइंग राउंड में आठ मीटर की दूरी तय करने के बाद उन्होंने फाइनल में जगह बनाई थी और ऐसा करने वाले पहले भारतीय एथलीट बने थे। श्रीशंकर के फाइनल में पहुंचने के बाद उनसे मेडल की उम्मीद बन गई थी, लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाए। फाइनल में उनकी सबसे लम्बी कूद 7.96 मीटर की रही और वो सातवें स्थान पर रहे। क्वालीफाइंग राउंड में भी उन्होंने सातवें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाई थी। 
इस सीजन में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। उनकी सबसे लम्बी कूद 8.36 मीटर की रही है, लेकिन फाइनल में वो आठ मीटर की दूरी भी नहीं तय कर पाए और उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। फाइनल में श्रीशंकर के तीन प्रयास मान्य रहे। पहले प्रयास में उन्होंने 7.96 मीटर, चौथे प्रयास में 7.89 मीटर और आखिरी प्रयास में 7.83 मीटर की दूरी तय की। उनके बाकी तीन प्रयास अमान्य रहे। 
23 साल के श्रीशंकर खुद भी अपने प्रदर्शन से निराश होंगे, क्योंकि छह प्रयास में वो आठ मीटर का आंकड़ा नहीं पार कर पाए। जबकि फाइनल में जगह बनाने के लिए उन्होंने आठ मीटर लम्बी कूद लगाई थी। चीन के जिनान वैंग ने 8.36 मीटर की दूरी तय कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया वहीं, ग्रीस के ओलम्पिक चैम्पियन मिल्तियादिस टेंटोग्लू ने 8.30 मीटर की दूरी तय कर रजत पदक पर कब्जा जमाया। स्विट्जरलैंड के सिमोन हैमर ने 8.16 मीटर लम्बी कूद लगाई और कांस्य पदक जीता। 
अन्य प्रतियोगिताओं में भी भारतीय खिलाड़ी कुछ खास नहीं कर सके। महिलाओं की तीन हजार मीटर स्टीपलचेज में पारुल चौधरी ने अपने करियर का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 9.38.09 मिनट का समय निकाला और 12वें नम्बर पर रहीं। वो फाइनल में जगह नहीं बना पाईं। पुरुषों की 400 मीटर हर्डल रेस में मदरी पल्लियालिल जबरी भी सेमीफाइनल की बाधा नहीं पार कर पाए। उन्होंने 50.76 सेकेंड में रेस पूरी की और सातवें नम्बर पर रहे। 

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