बुमराह ने विराट कोहली को किया गलत साबित

कभी कहा था- ये बुमराह-वुमराह क्या करेंगे
अब इंग्लैंड में बनाया रिकॉर्ड 
लंदन।
अगर आप मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की फिल्मों के फैन हैं तो तूफान के देवता थॉर ने आपका दिल जरूर जीता होगा। आपने गौर किया होगा कि थॉर का महाबली रूप तभी दिखलाई देता है जब उनके हाथ में हथौड़ा होता है। भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। बुमराह बेहद शर्मीले दिखते हैं। उनकी बोली और व्यवहार में आक्रामकता कहीं दिखाई नहीं देती। लेकिन, जब उनके हाथ में गेंद थमाई जाती है तो सब कुछ बदल जाता है। दुनियाभर के दिग्गज बल्लेबाज उनका सामना करने से खौफ खाते हैं।
इंग्लैंड की टीम ने ओवल में मंगलवार को खेले गए वनडे मैच में बुमराह का कोहराम झेला। 19 रन देकर 6 विकेट ले गए बुमराह। करियर का बेस्ट परफॉर्मेंस। उन्होंने इस मैच में 19 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ा। इस रिकॉर्ड की चर्चा आगे करेंगे पहले उस वाकये के बारे में जानते हैं जब टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने पहली बार उनका नाम सुना था। बात 2014 की है। पार्थिव पटेल आईपीएल में रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु की टीम का हिस्सा थे। आरसीबी को एक दमदार फास्ट बॉलर की तलाश दी। पार्थिव ने विराट कोहली के सामने बुमराह का जिक्र किया। वे बुमराह को गुजरात की ओर से खेलते हुए देख चुके थे। लेकिन, विराट प्रभावित नहीं हुए। उन्होंने पार्थिव से कहा-छोड़ो न यार। ये बुमराह-वुमराह क्या करेंगे?
जाहिर है कोहली गलत साबित हुए। जनवरी 2016 में उन्होंने वनडे और टी-20 में डेब्यू किया। 2018 से बुमराह भारत की टेस्ट टीम का भी हिस्सा हैं। तब से उन्होंने एक के बाद एक सफलता की कई दास्तान लिखीं। बुमराह के कुछ कारनामों पर आप भी नजर डालिए। बुमराह ने वनडे क्रिकेट में अब तक 71 मैचों में 119 विकेट लिए हैं। उन्होंने ये विकेट महज 24.30 की औसत से लिए हैं। यानी हर एक वनडे विकेट के लिए उन्होंने 25 से कम रन खर्च किए। वनडे में 100+ विकेट लेने वाले किसी भी अन्य भारतीय गेंदबाज का इतना बेहतरीन औसत नहीं है।
बुमराह ने वनडे में प्रति ओवर सिर्फ 4.63 रन दिए हैं। सिर्फ कपिल देव की इकोनॉमी उनसे बेहतर है। लेकिन, गौर करने वाली बात है कि जब कपिल खेलते थे तब बल्लेबाजी उतनी आक्रामक नहीं होती थी जितनी आज होती है। टी-20 इंटरनेशनल में भी बुमराह प्रति ओवर 7 से कम रन देते हैं। टी-20 इंटरनेशनल में उनकी इकोनॉमी 6.46 की है। 65 से ज्यादा विकेट लेने वाले किसी भी फास्ट बॉलर की इकोनॉमी बुमराह से बेहतर नहीं है।
बुमराह अब इंग्लैंड के खिलाफ एक वनडे मैच में सबसे बेहतरीन बॉलिंग करने वाले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। उन्होंने आशीष नेहरा का 19 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। नेहरा ने 2003 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के विरुद्ध 23 रन देकर 6 विकेट लिए थे। बुमराह को इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में जुलाई की शुरुआत में खेले गए टेस्ट मैच में टीम इंडिया की कप्तानी मिली थी। वे कपिल देव के बाद टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया की कप्तानी करने वाले पहले तेज गेंदबाज बने हैं। उस मैच में भारत को भले ही हार मिली लेकिन बुमराह ने बेहतरीन गेंदबाजी की। अगर चौथी पारी में जो रूट और जॉनी बेयरस्टो की साझेदारी टूट जाती तो मैच का नतीजा भी बदल सकता था।
बुमराह के आगमन से पहले टीम इंडिया को घर का शेर कहा जाता था। विदेश में टीम की हालत खराब हो जाती थी। बुमराह ने विदेश में विकेटों की झड़ी लगा दी। उन्हें मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा सहित कई अन्य तेज गेंदबाजों का भी अच्छा साथ मिला। अब भारतीय टीम विदेश में खेलती है तो लगभग हर मैच में जीत की दावेदार होती है। विदेश में बुमराह के कारनामे का अंदाज जुलाई 2018 से अब तक के प्रदर्शन से भी चलता है। इस दौरान उन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट को मिलाकर विदेश में 60 मैचों में 158 विकेट लिए। दुनिया का कोई भी अन्य गेंदबाज अपने देश के बाहर इस दौरान इतने विकेट नहीं ले पाया। पाकिस्तान के शाहीन शाह अफरीदी दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने इस दौरान विदेश में 71 मैचों में 151 विकेट लिए हैं।
अगले दो वर्ल्ड कप में होंगे भारत का सबसे बड़ा हथियार
अक्टूबर-नवम्बर में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप खेला जाना है। अगले साल भारत में वनडे वर्ल्ड कप होना है। भारत को अगर इन टूर्नामेंट अच्छा प्रदर्शन करना है तो बुमराह को बेहतरीन गेंदबाजी करनी होगी। गुजरात का यह फास्ट बॉलर इसके लिए पूरी तरह तैयार नजर आता है। लिहाजा आने वाले महीनों में बुमराह से और भी कई बूम-बूम टाइप परफॉर्मेंस की उम्मीद की जा सकती है।

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