मध्य प्रदेश का नया रणजी ट्रॉफी चैम्पियन बनना तय

मुम्बई की दूसरी पारी के दो विकेट गिरे
मध्य प्रदेश के यश दुबे, शुभम शर्मा और रजत पाटीदार के शतकीय प्रहार 
खेलपथ संवाद
बेंगलूरु।
मध्य प्रदेश का रणजी ट्रॉफी चैम्पियन बनना लगभग तय है। फाइनल मुकाबले के चारों दिन मध्य प्रदेश टीम ने 41 बार के चैम्पियन मुम्बई को हर क्षेत्र में मात दी है। मुम्बई ने अपनी दूसरी पारी ताबड़तोड़ अंदाज में शुरू की लेकिन उसने 113 रन के योग पर अपने दो विकेट गंवा दिए। हार्दिक तमोर (25) कुमार कार्तिकेय तो पृथ्वी शॉ (44) गौरव यादव का शिकार बने। चौथे दिन का खेल समाप्त होने पर अरमान जाफर (30) और सुवेद पारकर (09) नाबाद लौटे। मुम्बई अभी भी मध्य प्रदेश की पहली पारी से 49 रन पीछे है।  
मध्यप्रदेश ने यश दुबे, शुभम शर्मा और रजत पाटीदार की शतकीय पारियों के दम पर रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई के खिलाफ अपनी पहली पारी में 536 रन बनाए। एमपी को पहली पारी में 162 रन की बढ़त मिली है। इससे पहले तीसरे दिन यश और शुभम के बीच दूसरे विकेट के लिए 222 रनों की साझेदारी हुई, जिसके दम पर मध्य प्रदेश ने खेल के तीसरे दिन ही अपनी पहली खिताबी जीत की ओर मजबूत कदम बढ़ा दिए थे। 
मुंबई की पहली पारी में 374 रन का स्कोर बड़ा लग रहा था लेकिन दुबे ने 236 गेंद में 14 चौकों की मदद से 113 और शुभम ने 215 गेंद में 15 चौके और एक छक्का जड़ 116 रन की पारी खेलकर टीम को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। रही सही कसर चौथे दिन रजत पाटीदार ने पूरी कर दी। मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी फाइनल में  रजत पाटीदार (122) ने भी शतक जड़ दिया तो सारांश ने पचासा ठोक दिया। इस सीजन में पाटीदार का यह दूसरा शतक है। चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए पाटीदार ने जिम्मेदारी से खेलते हुए शतक लगाया। 
मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी फाइनल में रजत पाटीदार ने 164 गेंदों पर शतक पूरा किया। इस दौरान उन्होंने 17 चौके लगाए। उन्होंने मुंबई के गेंदबाजों को खूब छकाया। इस सीजन में यह उनका दूसरा शतक है। इससे पहले उन्होंने 142 रन की पारी खेली थी। इसके अलावा रजत ने 5 अर्धशतक भी लगाए हैं। कुल मिलाकर उनकी इन सात पारियों ने मध्य प्रदेश का भाग्य बदल दिया और 1953 के बाद मध्य प्रदेश लगभग इतिहास रच चुका है। 

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