मानव जीवन के लिए नसीहत है शतरंज का खेलः मोदी

शतरंज ओलम्पियाड के लिए पहली बार मशाल रिले
खेलपथ संवाद
नयी दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को शतरंज ओलम्पियाड के 44वें सत्र से पहले इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की पहली मशाल रिले को रवाना किया। शतरंज ओलम्पियाड का आयोजन महाबलीपुरम में 28 जुलाई से 10 अगस्त तक किया जाएगा। शतरंज की अंतरराष्ट्रीय संचालन संस्था फिडे ने पहली बार मशाल रिले का आयोजन किया है, जो ओलम्पिक परंपरा से प्रेरित है। 
फिडे अध्यक्ष अरकाडी वोर्कोविच ने मशाल प्रधानमंत्री को सौंपी, जिन्होंने इसे महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को दिया। माेदी ने ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी के खिलाफ शतरंज के बोर्ड पर चाल भी चली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शतरंज से मानव जीवन को यह सीख मिलती है कि कोई बड़ा-छोटा नहीं होता। 
75 शहरों से गुजरकर पहुंचेगी महाबलीपुरम
मशाल 40 दिन में 75 शहरों से गुजरकर चेन्नई के समीप महाबलीपुरम पहुंचेगी। प्रत्येक शहर में उस राज्य के शतरंज ग्रैंडमास्टर को मशाल सौंपी जाएगी। लेह, श्रीनगर, जयपुर, सूरत, मुंबई, भोपाल, पटना, कोलकाता, गंगटोक, हैदराबाद, बेंगलुरू, त्रिशूर, पोर्ट ब्लेयर और कन्याकुमारी उन 75 शहरों में शामिल हैं, जहां से मशाल गुजरेगी। शतरंज ओलंपियाड के लगभग 100 साल के इतिहास में पहली बार भारत इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है। आगामी ओलंपियाड के लिए 188 देशों ने पंजीकरण कराया है।

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